सतरंगी फागोत्सव से वेद पीठ ने कराई ब्रज होरी की अनुभूति

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Published on : 12 Mar, 20 04:03

सतरंगी फागोत्सव से वेद पीठ ने कराई ब्रज होरी की अनुभूति

चित्तौड़गढ़। मेवाड़ के प्रसिद्ध श्री शेषावतार कल्लाजी वेद पीठ पर चैत्र कृष्णा प्रतिपदा यानि धुलंडी पर्व पर मनाये गये सतरंगी फागोत्सव ने हजारों लोगों को ब्रज की होरी की साक्षात अनुभूति कराई। इस दौरान पंच देवों सहित ठाकुर जी का पारम्परिक (Traditional) पलाश के फूलों से मनभावन श्रृंगार देखते ही बनता था। प्रातः श्रृंगार दर्शन के साथ ही स्थानीय भजन गायकों ने फाल्गुनी रसिया की तान पर ठाकुर जी को होरी खेलने का भावभरा आमंत्रण (Invitation) देते हुए जब होरी खेलो तो कल्लाजी कल्याण नगरी आओ जी लोक धुन में गीत प्रस्तुत (Submit song) कर वातावरण को भक्तिमय बनाने का प्रयास किया। इसी दौर में जब होलिया में उड़े रे गुलाल कल्ला जी थारा मंदिर में जैसे भजनों के बीच जय श्री कल्याण से समूचा वेद पीठ परिसर गूंज उठा। ज्यों ही राजभोग दर्शन के लिए मंदिर के पट खुले तो भक्तों की ओर से अपने आराध्य ठाकुर जी को और ठाकुर जी की ओर से हजारों भक्तों को केसर, कसुमल व पलाश के फुलों के रंग की पिचकारियों से भिगोया जाने लगा वहीं सतरंगी आरारोट की अबीर गुलाल और सतरंगी फूलों से होली खेलते हुए ऐसा अहसास हुआ मानों फागोत्सव के बहाने भक्त और भगवान यहां एकाकार हो गये हो। वेद पीठ की ओर से लगभग दो क्विंटल सतरंगी अबीर गुलाल के साथ ही भक्तों द्वारा लाई गई अबीर गुलाल के साथ जब फुलों से होली खेली गई तो वेद पीठ भीनी भीनी सुगंध से महक उठी। लगभग ढाई घंटे तक भव्य रूप से मनाये गये फागोत्सव ने पिछले कई वर्षाें के रिकार्ड तोड़ दिये जिसमें भाग लेने के लिए कल्याण नगरी सहित मेवाड़ मारवाड़, हाड़ोती और दिल्ली सहित कई क्षेत्रों से श्रद्धालु शामिल हुए। फागोत्सव की धूम ने नगरवासियों को भी खूब आकर्षित किया जिसके फलस्वरूप कल्याण भक्तों, वीर वीरांगनाओं, कृष्णा शक्ति दल की माता-बहनों, शक्ति ग्रुप की बालिकाओं, आचार्यो, बटुकों व न्यासियों के साथ ही हजारों के संख्या में भक्त फागोत्सव में भाग लेकर स्वयं को धन्य महसूस कर रहे थे। इस दौरान वेदपीठ परिसर में भरी दुपहरी की गर्मी से बचने के लिए दूर तक शामियाना लगाया गया था, वहीं ठाकुर जी के साथ फागोत्सव मनाने के लिए किये गये व्यापक प्रबंध से कल्याण भक्त भी काफी देर तक ठाकुर जी के रंग में रंगते हुए आनंदित होते रहे। यहां मौजूद कई लोगों का कहना था कि हर वर्ष ठाकुर श्री कल्लाजी के प्रति भक्तों की भीड़ बढती जा रही है। उसी क्रम में वेदपीठ की ओर से भी सुविधाओं का सृजन लोगों को रास आ रहा है। भक्तों को ठाकुर जी की केसरिया व कसुमल रंग में रंगने से ऐसी अनुभूति हुई मानो वे अपने आराध्य की मनभावन छवि को मन में बसाकर उन्हीं के रंग में रंग गये हो। इस पर्व पर ठाकुर जी के साथ होली खेलने का आनंद उठाने के लिए हजारों कल्याण भक्त वर्षपर्यंत प्रतिक्षारत् रहते है जिन्हें यहां आकर इस पर्व के माध्यम से असीम आनंद की अनुभूति होती है।


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