राजस्थान से राज्यसभा के लिए दावेदारों की संख्या बढ़ी

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Published on : 08 Mar, 20 14:03

राजस्थान से राज्यसभा के लिए दावेदारों की संख्या बढ़ी-होली के बाद नाम उजागर होने की संभावना

राजस्थान से राज्यसभा के लिए दावेदारों की संख्या बढ़ी

 

- नीति ’गोपेंद्र’ भट्ट -

संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में राजस्थान की रिक्त हो रही तीन सीटों के लिए अपनी उम्मीदवारी का दावा प्रस्तुत करने के लिए दावेदारों की संख्या बढ़ती जा रही हैं।
इस बीच विश्वस्त सूत्र बताते है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस की कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गाँधी, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अहमद पटेल राष्ट्रीय महासचिव एवं राजस्थान के प्रभारी अविनाश पाण्डे,के सी वेणुगोपाल आदि से विचार विमर्श कर उम्मीदवारों का एक पेनल हाईकमान को दिया है जिसमें प्रदेश के बाहर एवं अंदर के जाने माने नेताओं के नाम शामिल बताये जा रहे हैं।राज्यसभा के लिए नामांकन भरने की अन्तिम तिथि तेरह मार्च है। अतः दोनों  दल होली के अवकाश के बाद ही अपने उम्मीदवारों  के नाम घोषित करेंगे ऐसा लगता है।
वैसे कांग्रेस की ओर से राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के अलावा अविनाश पाण्डे,मुकुल वासनिक,पूर्व केन्द्रीय मन्त्री अलवर के भंवर जितेन्द्र सिंह,पूर्व सांसद ताराचन्द भगोरा एवं रघुवीर सिंह मीणा,अश्क़अली टांक,लोहारू के पूर्व घराने के ए ए खान उर्फ दुरु मियाँ, उधोगपति राजीव अरोड़ा,वागड़ से दिनेश खोडनिया ,राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ एवं रणजीत सुरजेवाला आदि नाम चर्चाओं में है। कुछ लोग दबी जबान में वैभव गहलोत ,मानवेन्द्र सिंह जसोल और डॉ. गिरिजा व्यास ,ज्योति मिर्धा आदि का नाम भी ले रहे हैं। राज्य के उप मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलेट ग्रूप ने अभी भी अपने पत्ते नहीं खोले हैं।कुछ लोगों का मानना है कि हाईकमान कोई अप्रत्याशित नाम की घोषणा भी कर सकता है।
इस बीच दक्षिणी राजस्थान के कांग्रेसी नेताओं में राज्यसभा की उम्मीदवारी के लिए ज़बर्दस्त होड़ मची हुई हैं।
एक ओर जहां डूंगरपुर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष  दिनेश खोडनिया ने दिल्ली में अपने समर्थक नेताओं  विशेष कर राज्य के पूर्व मंत्री विधायक महेन्द्रजीत सिंह मालविया के साथ कांग्रेस हाईकमान  के दरबार में आदिवासी बहुल दक्षिणी राजस्थान में स्वर्ण जातियों को भी बराबरी का अवसर देने की माँग करते हुए अपनी सशक्त दावेदारी रखी है वहीं उदयपुर, बाँसवाडा प्रतापगढ़-डूंगरपुर के आदिवासी दिग्गज नेताओं के एक ग्रूप ने भी पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से भेंट कर दक्षिणी राजस्थान से किसी आदिवासी नेता को ही उम्मीदवार बनाने की वकालत की हैं। यें नेता राहुल से पहले पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मिल अपनी दावेदारी रख चुके हैं। इन्होंने कांग्रेस हाईकमान को बताया है कि दक्षिणी राजस्थान में भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के बढ़ते प्रभाव को  देखते हुए किसी आदिवासी को ही उम्मीदवार बनाया जायें अन्यथा उदयपुर संभाग के आदिवासियों में और अधिक असंतोष व्याप्त हो जायेगा तथा इसका प्रभाव निकटवर्ती प्रदेशों गुजरात एवं मध्यप्रदेश के आदिवासी इलाक़ों की राजनीति पर भी भारी पड़ेगा । उन्होंने बताया कि यदि दक्षिणी राजस्थान में बीटीपी की गतिविधियों को नहीं रोका गया तो आने वाले समय में हालात छत्तीसगढ़ से भी बदतर हो सकते है।इसलिए दक्षिणी राजस्थान में कांग्रेस को मज़बूत करना न केवल पार्टी हित में है वरन देश हित में भी है। पिछले विधानसभा चुनाव में मिली सफलता से उत्साहित बीटीपी गुजरात और मध्यप्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में भी अपने पैर पसारने की कौशिश में है। वागड़ के नेताओं की इस रस्साकसी में  विधानसभाध्यक्ष डॉ.सी पी जोशी का वरद हस्त किसके साथ है यह अभी स्पष्ट नही है।उदयपुर संभाग में प्रायः जोशी की रज़ामन्दी से ही पार्टी के फ़ैसले होते रहे हैं।
विश्वसनीय सूत्र बताते है कि यदि प्रियंका गांधी राजस्थान के बजाय मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ अथवा अन्य किसी कांग्रेसी प्रदेश से उम्मीदवार बनती है तो अविनाश पाण्डे का पलड़ा सबसे भारी रहेगा और दूसरे उम्मीदवार के रूप में भँवर जितेन्द्र सिंह को वरियता मिलेगी। सिंह हाईकमान के नज़दीक तो है ही,उनकी मुख्यमंत्री चयन के वक्त गहलोत-सचिव ग्रूप के मध्य हुए खिंचाव को सुलटाने में महत्वपूर्ण भूमिका रही थी।हालाँकि यह तय माना जा रहा है कि राज्यसभा प्रत्याशियों के चयन में मुख्यमंत्री गहलोत की पसन्द इस बार भी अन्य पर भारी पड़ेगी और वहीं नाम फ़ाइनल होंगे जो वे चाहेंगे।जादूगर गहलोत के मन में क्या चल रहा है? इसकी थाह लेना किसी के बस की बात नहीं है।
मुख्यमंत्री गहलोत अपनी दिल्ली यात्रा के दूसरे दिन रविवार को भी सक्रिय रहें और जोधपुर हाउस में उनसे मिलने वालों का ताँता लगा रहा।गहलोत से मुलाकात करने वालों  में दिग्गज नेता आनंद शर्मा के अलावा पूर्व सांसद रामेश्वर डूडी एवं रघुवीर मीणा,विधायक दानिश अबरार, धीरज गुर्जर, पुष्पेंद्र भारद्वाज और राजस्थान फ़ाउंडेशन के आयुक्त धीरज श्रीवास्तव और धर्मेंद्र राठौड़ आदि  प्रमुख थे।
गहलोत आज दिल्ली के पाँच सितारा होटल मौर्या शेरेटन में पार्टी के वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक के रिसेप्शन लंच में भी शामिल हुए ।उन्होंने वासनिक और रवीना खुराना को नए दाम्पत्य जीवन के लिए अपनी बधाई एवं शुभकामनाएँ दी।इस मौके पर अहमद पटेल अम्बिका सोनी आनंद शर्मा सहित पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे।उन्होंने शिष्टाचार का निर्वहन करते हुए दिल्ली से ही पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे को उनके जन्म दिवस पर बधाई एवं शुभकामनाएँ के लिए ट्विट किया।
सूत्रों के अनुसार बताते है कि मुख्यमंत्री ने सोनिया गांधी के साथ अपने मंत्रिमंडल के विस्तार ,बोर्ड एवं कॉरपोरेशन्स आदि में राजनीतिक नियुक्तियों और सगठन आदि विषयों पर भी लम्बी चर्चा की।
इधर राज्य सभा चुनाव को लेकर भाजपा में विशेष सक्रियता नहीं दिखी।संभवतः होली के बाद हाई प्रदेश के नेता दिल्ली पहुँच कर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा करेंगे। हालाकि पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री सी आर चौधरी के साथ साथ पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी,राजपाल सिंह शेखावत,अशोक परनामी राजेन्द्र गहलोत जसवन्त सिंह विश्नोई आदि नाम चर्चाओं में हैं।


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