रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ लोकानुरंजन मेले का सामापन

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Published on : 25 Feb, 20 05:02

आज से 16 वाॅ पद्मश्री देवीलाल सामर स्मृति नाट्य

रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ लोकानुरंजन मेले का सामापन

उदयपुर । भारतीय लोक कला मण्डल के 69 वें स्थापना दिवस पर दिनांक 22 फरवरी से आयोजित किये जा रहे लोकानुरंजन मेले के अंतिम दिन लोक कलाकारों ने रंगारंग प्रस्तुतियाँं दी साथ ही अगले वर्ष फिर मिलने के वादे के साथ ही हुए विदा । 

भारतीय लोक कला मण्डल (Board of folk art of india) के निदेशक डाॅ. लईक हुसैन ने बताया कि लोकानुरंजन मेले के अंतिम दिन बाड़मेर जिले के बालतोरा से आए 15 सदस्यीय कलाकारों के दल ने राजस्थान में होली के अवसर पर किये जाने वाले पारम्परिक लाल आंगी गैर नृत्य की शानदार प्रस्तुति के माध्यम से दर्शको का दिल जिता तो जोधपुर से आए 10 सदस्यीय लंगा दल ने केसरिया बालम पधारों म्हारे देश तथा राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी  करे समर्पित लोक गीत की प्रस्तुति से कार्यक्रम में आए अतिथियों एवं दर्शको का स्वागत किया तो भारतीय लोक कला मण्डल (Board of folk art of india)के कलाकरों द्वारा बाबा राम देव की आराधना में किये जाने वाले लोक नृत्य तेराताल एवं पारम्परिक लोक नृत्य घूमर की बहुत ही बेहतरिन प्रस्तुति से दर्शको के मध्य समा बांधा। तमिलनाडु से आए 15 सदस्यीय दल ने  पारम्परिक नृत्य (Traditional dance)कोकलिकाटू की हैरतंगेज करतब और संतुलन से भरपूर नृत्य का प्रदर्शन किया। जिसे देखकर समारोह में आए दर्शको ने जोरदार तालिया से कलाकरों का उत्साहवर्धन किया।  राजस्थान के बारां जिले से  आए 12 सदस्यीय दल ने चकरी नृत्य की धमाकेदार प्रस्तुति कि तो सहरियां स्वांग के कलाकरों ने होली का स्वांग रच कर रंगमंच को रंगो से सरोबार किया।  कार्यक्रम के अंत में पंजाब से आए कलाकारो ने पंजाब के विश्व प्रसिद्ध लोक नृत्य भांगड़ा की बहुत ही शानदार प्रस्तुति दी, जिसे लोगो ने बहुत पसन्द किया।

उन्होने बताया कि आज से प्रारम्भ होगा 16 वाॅ पद्मश्री देवीलाल सामर स्मृति नाट्य समारोह जिसमें दिनांक 24 फरवरी से 01 मार्च 2020 तक देश के प्रसिद्ध नाट्य निर्देशको की नाट्य प्रस्तुतिया (Theatrical performance)होगी।  आज दिनांक 24 फरवरी को प्रसिद्ध लेखक शिव कुमार बटावली द्वारा लिखित एवं देश के प्रसिद्ध नाट्य निर्देशक केवल धालिवाल द्वारा निर्देशत नाटक लूना का मंचन अमृतसर, पंजाब कि मंच रंगमंच संस्था के कलाकारों द्धारा मंचित किया जाएगा। समारोह में दिनांक 25 फरवरी को सुहास सूर्यवंशी द्धारा निर्देशित नाटक बली, दिनांक 27 फरवरी को क्रियेटिव आर्ट सोसायटी, जोधपुर द्वारा रमेश भाटी नामदेव द्धारा निर्देशित नाटक भूत भागो भूत आया,दिनांक 28 फरवरी को दि परफोरमर्स, उदयपुर द्धारा कविराज लईक निर्देशित नाटक ‘‘ जात ही पूछो साधू की’’ दिनांक 29 फरवरी को अंतराल थियेटर गु्रप, जयपुर द्वारा डाॅ. रवि चतुर्वेदी निर्देशित नाटक ‘‘ दरकते रिश्ते एवं दिनांक 01 मार्च को हमारी उर्दू मोहब्बत, दिल्ली के दल द्धारा रिनि सिंह निर्देशित नाटक ‘‘ पीर पराई जाने रे का मंचन किया जाएगा।

उन्होने  यह भी बताया कि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि- बी.के. मोहंती, निदेशक, मानव सर्वेक्षण विभाग, उदयपुर, डाॅ. महेश दिक्षित, प्राचार्य, आयुर्वेद काॅलेज, उदयपुर, डाॅ. श्रीराम शर्मा आदि गणमान्य अतिथियों का स्वागत कर भारतीय लोक कला मण्डल के संस्थापक पद्मश्री देवीलालजी सामर सा. की प्रतिमा पर माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्वलित करने के बाद कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ

डाॅ लईक हुसैन ने बताया कि भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर के स्थापना दिवस (Foundation Day) पर आयोजित किये जा रहे उक्त समारोह राजस्थान कला एंव संस्कृति विभाग, राजस्थान सरकार, संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, जोधपुर, पश्चिम क्षैत्र सांस्कृतिक केन्द्र, उदयपुर, दक्षिण क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, तंजावुर, पंजाब संगीत नाटक अकादमी, चंडीगढ़, पंजाब फोक आर्ट सेंटर, गुरूदासपुर, माणिक्य लाल वर्मा आदिम जाति शोध प्रशिक्षण संस्थान, उदयपुर के सहयोग से आयोजित किये जा रहा है 

संस्था परिसर में शिल्प मेले का आयोजन दिनांक 01 मार्च तक आयोजित किया रहा है। 

जिसमें  राजस्थानी पर्स,  आजमगढ़ (उ.प्र.) की मशहूर बनारसी साड़ीयाँ, मोलेला (राजसमन्द) के मिटृी के खिलोने,  मेले में आने वाले दर्शको को लुभा रही है। 

16 वाॅ पद्मश्री देवीलाल सामर स्मृति नाट्य समारोह प्रस्तुति प्रतिदिन सायं 07 बजे होगी, जिसमें दर्शकों का प्रवेश निःशुल्क रहेगा ।


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