कोटा अकेला सँभाग जहाँ अब रोज़ हो रहे है नेत्रदान

( 16317 बार पढ़ी गयी)
Published on : 20 Feb, 20 06:02

जागरूकता प्रतिशत बढ़ा,4 दिन लगातार लिये नेत्रदान रोज़ दो - तीन परिजन करते है,मृत परिजन के नेत्रदान के लिये सम्पर्क नम आँखों से,कराया अपनी फूल सी बेटी का नेत्रदान

कोटा अकेला सँभाग जहाँ अब रोज़ हो रहे है नेत्रदान

वसुंधरा विहार,बजरंग नगर निवासी पायल बरडिया का सोमवार रात 28 वर्ष की उम्र में आकस्मिक निधन हो गया । परिजनों और क़रीबी रिश्तेदारों के लिये यह खबर बहुत बड़ा तूफान लेकर आयी ।  पायल-दीपक की शादी को अभी एक वर्ष भी पूरा नहीं हुआ था । अचानक हुई इस घटना से सभी का चेहरा उतर गया । पायल के दादा लाभचंद व दादी सुशीला के गले से पानी तक नहीं उतर रहा था ।  

एमबीए कर चुकी पायल घर के सभी लोगों की चहेती थी,उसकी हँसी,मुस्कान से पूरे घर में रौनक बनी रहती थी । शादी के बाद से,बेटी का घर पराया हो जाता है,पर इस तरह से वह दूर चली जायेगी,इसके बारे में किसी को नहीं पता था । सुंदर,सुशील,सौम्य मृदुभाषी पायल से एक बार जो भी मिलता उसको नहीं भूल सकता था । 

चिकित्सकों के मृत घोषित करने के बाद घर में कोहराम मच गया,इसी बीच पायल के भाई सावन ने अपने मम्मी पाप स्व बहन पायल के नेत्रदान करवाने की बात रखी,अचानक कोई भी तैयार नही हुआ,उसके बाद क़रीबी रिश्तेदार टीकम चंद नाहटा जी ने परिवार के सदस्यों को नेत्रदान से सम्बंधित जरूरी जानकारी दी,शाइन इंडिया के सदस्यों से संपर्क कर परिजनों को पूरी बात समझाई गयी ,थोड़ी देर में ही परिजनों ने यह निर्णय स्वीकार लिया ।

पायल के पति दीपक के आने के बाद नेत्रदान का अंतिम निर्णय होना था,इसलिये शाइन इंडिया फाउंडेशन को संपर्क कर तैयार रहने के लिये कह दिया। दीपक के आते ही,नेत्रदान के लिये उन्होंने भी सहमति दे दी । तुरंत शाइन इंडिया फाउंडेशन की टीम उनके निवास पर पहुंचीं,संस्था के ज्योति-मित्र राजेश भंसाली ने नेत्रदान प्रक्रिया में सहयोग किया। 

संस्था सदस्यों ने बताया कि,पिछले 4 दिनों में संस्था ने कोटा संभाग से लगातार नेत्रदान प्राप्त किये है । अब ऐसा कोई दिन नहीं जाता जब लोग अपने मृत परिजनों के नेत्रदान के लिये संस्था संपर्क न करते हो ,प्रतिदिन 3-4 लोग इस नेक कार्य के लिये संपर्क करते है,परंतु उन्हीं कॉर्निया को लिया जाता है,जो प्राथमिक चिकित्सकीय कारणों में ठीक पाये जाते है ।  शाइन इंडिया फाउंडेशन के अनवरत कार्य करते रहने से आज पूरे कोटा संभाग में नेत्रदान के प्रति जागरूकता कई गुना बढ़ी है ।

Attachments area


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.