अकादमिक परिषद् ने विश्वविद्यालय की ‘‘पेपरलेस‘‘ परीक्षा प्रक्रिया की जमकर सराहना की

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Published on : 18 Feb, 20 14:02

राजस्थान स्टेट आई.एल.डी. कौशल विश्वविद्यालय

अकादमिक परिषद् ने विश्वविद्यालय की ‘‘पेपरलेस‘‘ परीक्षा प्रक्रिया की जमकर सराहना की

राजस्थान स्टेट आई.एल.डी. कौशल विश्वविद्यालय की सम्पन्न नवीं अकादमिक परिषद् की बैठक में विश्वविद्यालय की हाल ही जनवरी माह में सम्पन्न ‘‘पावस परीक्षा 2019‘‘ की पेपरलेस प्रक्रिया की जमकर सराहना की और सदस्यों ने कहा कि सम्भवतः यह देश का पहला विश्वविद्यालय है जिसमें परीक्षार्थी ने तो उत्तर पुस्तिकाओं में परीक्षा दी परन्तु विश्वविद्यालय द्वारा ‘‘पेपरलेस‘‘ प्रक्रिया से परीक्षा आयोजित कराई।
राजस्थान स्टेट आई.एल.डी. कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. ललित के. पंवार की अध्यक्षता में आयोजित अकादमिक परिषद् की नवीं बैठक में कुलपति ने यह बताया कि विश्वविद्यालय ने जनवरी, 2020 में आयोजित पावस परीक्षा पेपरलेस तरीके से आयोजित की है तब परिषद् के सदस्य व शिक्षाविद्ों ने इसकी प्रशंसा करते हुए विश्वविद्यालय की परीक्षा प्रणाली की सराहना की।
विश्वविद्यालय के निदेशक, कौशल शिक्षा प्रो. अशोक के. नगावत ने बताया कि जनवरी, 2020 में आयोजित पावस परीक्षा में सम्मिलित हुए सभी 2987 परीक्षार्थियों के परीक्षा फाॅर्म आॅनलाईन भरवाये गये, परीक्षार्थियों को आॅनलाईन रोल नं. आवंटित किये गये। परीक्षार्थियों के पंजीकृत मोबाइल न.ं व ई-मेल जो कि उनके द्वारा एनरोलमेंट कराते समय दिये गये पर आॅनलाईन परीक्षा कार्यक्रम भिजवाये गये तथा इतना ही नहीं इस परीक्षा में किसी भी प्रकार का परीक्षा प्रश्न पत्रा प्रिन्ट नहीं कराया गया। सम्बन्धित विषयों के डीन द्वारा प्रेषित विशेषज्ञों को आॅनलाईन प्रश्न पत्रा बनाकर भेजने का अनुरोध उनके ई-मेल पर किया गया। इन विशेेषज्ञों द्वारा आॅनलाईन प्रश्न पत्रा अपलोड किये गये जो पासवर्ड प्रोटेक्टेड थे। परीक्षा का कार्य देख रही आई.टी. कम्पनी द्वारा परीक्षा तिथि को परीक्षा केन्द्र प्रभारी के स्वह पद पर प्रश्न पत्रा भेजे गये जो निर्धारित किये गये समय पर ओटीपी नम्बर डालने पर डाउनलोड कर निर्धारित समय पर परीक्षार्थियों को वितरित किये गये।
कुलपति डाॅ. ललित के. पंवार ने बताया कि सम्पूर्ण राजस्थान में विश्वविद्यालय द्वारा 28 परीक्षा केन्द्र निर्धारित किये गये जिन पर 2987 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी। परीक्षा के सफल संचालन के लिए प्रमुख परीक्षा केन्द्रों पर विश्वविद्यालय के अधिकारियों को पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया गया। उन्होंने बतााया कि देश में पहली बार किसी कौशल विश्वविद्यालय द्वारा इस प्रकार पेपरलेस परीक्षा प्रक्रिया को अपनाया गया है और अब उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन का कार्य भी आॅनलाईन स्क्रीन मार्किंग विधि से ही किया जायेगा।
प्रो. नगावत ने बताया कि सभी परीक्षा केन्द्रों से उत्तर पुस्तिकाएँ विश्वविद्यालय को प्राप्त हो चुकी है और उन्हें स्केन कराकर अलग बार कोड़ दिया गया है। सभी परीक्षकों को आॅनलाईन उत्तर पुस्तिकाएँ जाँचने की जानकारी उनके ई-मेल पर भेजी जा रही है। मूल्यांकन वे आॅनलाईन ही करेंगे और जैसे ही उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन होगा सम्बन्धित परीक्षार्थी को उसके रजिस्टर्ड मोबाईल पर यह सूचना पहुंच जाएगी की उसे सम्बन्धित विषय में कितने अंक प्राप्त हुए हंै। परीक्षक को किसी भी छात्रा की काॅपी का पता नहीं चलेगा क्योंकि काॅपियाँ रेण्डम विधि से आवंटित होगी। उन्होंने बताया कि 300 विषय विशेषज्ञों द्वारा भेजे गये आॅनलाईन पेपर्स से 200 विषयों की परीक्षाएँ आयोजित की गई।
विश्वविद्यालय की बंसत सेमेस्टर परीक्षा 2020 अपनी निर्धारित तिथि आगामी 01 जून, 2020 से प्रारम्भ होगी। इसी प्रकार 01 दिसम्बर 2020 को पावस सेमेस्टर परीक्षा 2020 आयोजित होगी।
कुलसचिव श्री देवेन्द्र शर्मा ने बैठक में विश्वविद्यालय का शैक्षणिक व अवकाश कैलेण्डर प्रस्तुत किया तथा बताया कि कुलपति द्वारा उनके अधिकार क्षेत्रा के तीन अवकाश आगामी 16 मार्च ‘‘शीतलाष्टमी‘‘, 22 अगस्त ‘‘गणेश चतुर्थी‘‘ तथा 04 नवम्बर, 2020 ‘‘करवा चैथ‘‘ को घोषित किया गया है।
अकादमिक परिषद् की बैठक में अनेक शैक्षणिक बिन्दुओं पर भी चर्चा की गई जिस पर शिक्षाविद्ों द्वारा अपने विचार रखे गये। बैठक में परीक्षा नियंत्राक प्यारे मोहन त्रिपाठी, निदेशक छात्रा कल्याण वी.के. माथुर, विभिन्न संकायों के डीन तथा प्रमुख शिक्षाविद् डाॅ. तुलिका गुप्ता, निदेशक आई.आई.सी.डी., अर्चना सुराना, निदेशक आर्च काॅलेज, डछप्ज् के प्रो. विजय लक्ष्मी, पिल्लई ईमानुल सुभाकर, राजीव अग्रवाल, सेवानिवृत्त प्रो. अशोक सिंह व प्रो. श्रीकांत शर्मा सहित अन्य डीन मौजूद थे।


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