आंदोलन की मजबूती का आधार है महिलाओं की भागीदारी और सक्रियता

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Published on : 14 Feb, 20 15:02

 16 वंा दाउदी बोहरा विश्व सम्मलेन का आगाज

आंदोलन की मजबूती का आधार है महिलाओं की भागीदारी और सक्रियता

उदयपुर 1सेंट्रल बॉर्ड ऑफ दाऊदी बोहरा कम्युनिटी, सुधारवादी दाऊदी बोहरा जमात और बोहरा यूथ संस्थान उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में आज 16 वा दाउदी बोहरा विश्व सम्मलेन का आगाज वाहन रैली के साथ हुआ। रैली अश्विनी बाजार से शुरू होकर नगर निगम उदयपुर स्थित मोहनलाल सुखाड़िया रंगमंच पर सम्पन्न हुई। रैली में समाज के सभी आयु वर्ग के स्त्री पुरुष हाथ में झंडे लिए, बोहरा यूथ जिंदाबाद के नारे लगाते चल रहे थे।
सम्मलेन में विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर राम पुनियानी ने महिलाओं की अधिक हिस्सेदारी पर खुशी जताते हुए आशा व्यक्त करते हुए कहा कि जिस आंदोलन में महिलाओ की भागीदारी और सक्रियता आंदोलन की मजबूती का आधार है। आज भी भारत के हर समाज में महिला पुरुष, ऊंच नीच, भेदभाव, अमीरी गरीबी के बीच गैर बराबरी पाई जाती है जिसके लिए समाज के प्रत्येक वर्ग में रिफार्म आंदोलन होना जरूरी है। रिफार्म आंदोलन को दबाये जाने के लिए हमेश धर्म का सहारा लिया जाता है। किसी भी धर्म का धर्मगुरु पहली कोशिश सुधारवाद को दबाने की हर मुमकिन कोशिश करता है। बोहरा यूथ ने भी प्रत्येक जुल्म सहा है। डॉ असगर अली इंजिनियर का जिक्र करते हुए प्रोफेसर पुनियानी ने बताया कि किस प्रकार इंदौर में उन पर हमला हुआ वह खुद उनके गवाह है। डॉ असगर अली इंजीनीयर और बोहरा सुधारवादी आंदोलन ने महिलाओ के बीच शिक्षा पर अत्यधिक जोर दिया और यही वजह है की आज सुधारवादियों में शिक्षित महिलाए सुधारवादियों की ताकत बनी हुई है।
मुख्य अतिथि प्रोफेसर अपूर्वानंद ने कहा की धर्म में संकीर्णता का कोई स्थान नहीं कोई इंसान या धर्मगुरु ईश्वर (खुदा) का स्थान नहीं ले सकता। सुधारवाद आंदोलन समाज को व्यक्तिवाद की पूजा से मुक्ति दिलाता है बल्कि नाइंसाफी के खिलाफ ,हरेक इंसान को बराबरी का दर्जा देने, स्वावलम्बी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। सभी समाज को सुधारवाद लाने के लिए एक प्लेटफार्म पर आने की आवश्यकता है। जिसमे महिलाओ और युवाओ की बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए। बोहरा यूथ के सुधारवाद आंदोलन ने प्रत्येक समाज को एक नई राह दिखाई है।
अमेरिका से सम्मलेन में हिस्सा लेने आये जर्नालिस्ट विनोद मुबायी ने कहा कि लोकतान्त्रिक और धर्म निरपेक्ष मूल्यों को आज के युग में सख्त आवश्यकता  है। इसी के मद्देनजर समाज में सुधारवाद की सतत प्रक्रिया जारी रहनी चाहिए। बोहरा सुधारवाद आंदोलन इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। मैं यहाँ तरक्की पसंद और धर्म निरपेक्ष लोगांे की तरफ से आया हूँ।
इसी तरह अमेरिका से आयी हमीदा चोपड़ा ने कहा कि बोहरा यूथ के लोगांे ने 50 साल तक हर मुमकिन कुर्बानिया और अपना लहू देकर सुधारवाद के आंदोलन को जिंदा रखा है जिसके लिए वह बधाई के पात्र है और आज इस कौम ने बरसो की गुलामी से आजादी हासिल की है।
सम्मलेन में पहली बार डॉ असगर अली इंजीनीयर अवार्ड केरल से आये प्रोफेस्सर के पी रमानुन्नी को प्रदान किया गया। सम्मान में 21हजार रूपये नकद, स्मृति चिन्ह और शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया गया।
वहीं सम्मलेन में मोहन लाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी में राजनीती शास्त्र की प्रोफेसर पद से रिटायर्ड डॉ जैनब बानू द्वारा लिखी हुई पुस्तक ष्एम्पावरमेन्ट आॅफ बोहरा वूमन श् और कनाडा के लेखक और जर्नलिस्ट शौकत अजमेरी द्वारा लिखा उपन्यास ष्कीपर आॅफ द फैथ ष् का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया।
इस अवसर पर बोहरा सुधारवादी आंदोलन में विगत 50 सालों घटित महत्वपूर्ण  घटनाओं पर आधारित कलैंडर का भी लोकार्पण किया गया। प्रांरभ में सम्मलेन का आगाज मुल्ला पीर अली द्वारा तिलावत ए कुरआन के साथ किया गया । इसके पश्चात् सेंट्रल बॉर्ड ऑफ दाऊदी बोहरा कम्युनिटी के चेयरमेन कमांडर मंसूर अली बोहरा ने अतिथियो का स्वागत करते हुए उनका परिचय दिया। तत्पश्चात आरिफ अमीन एन्ड पार्टी द्वारा कौमी तराना पेश किया गया। इसके बाद सम्मलेन के कन्वीनर अनीस मियाजी ने उपराष्ट्रपति श्रीमान वैकैय्या नायडू, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित देश विदेश से मिले शुभकामना सन्देश को प्रस्तुत किया।
शनिवार को होंगे ये आयोजन- दूसरे दिन शनिवार को बोहरा जमात खाना में बोहरा सुधारवादी आंदोलन पर प्रदर्शनी लगाई जायेगी,जो आम जन के लिए दो दिन तक खुली रहेगी। दूसरे दिन के सत्र में देश-विदेश से आये बोहरा सुधारवादी प्रतिभागियों द्वारा अपने क्षेत्र में किये गये कार्यों पर प्रतिवेदन प्रस्तुत किये जायेंगे।
तीसरे दिन बोहरा सुधारवादी आंदोलन की भविष्य की रुपरेखा तैयार करने के अलावा समाज और देश की ज्वलंत समस्याओं और अन्य सामाजिक-राजनैतिक कुरीतियों के विरुद्ध प्रस्ताव पारित किये जायेंगे। इसी दिन सेंट्रल बोर्ड ऑफ दाऊदी बोहरा कम्युनिटी की कार्यकारिणी के चुनाव के साथ सम्मेलन का समापन होगा। इस विश्व सम्मेलन के साथ ही बोहरा सुधारवादी आंदोलन के विगत दो वर्षीय स्वर्ण जयंती समारोह का भी समापन होगा।
इस अवसर पर सुधारवाद आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए समाज की बुजुर्ग महिला रुकैय्या बाई खोलिया वाला को भी सम्मानित किया गया। बोहरा सुधारवाद आंदोलन पर कैलेंडर का भी विमोचन किया गया। सेंट्रल बोर्ड ऑफ दाऊदी बोहरा कम्युनिटी के कमांडर मंसूर अली बोहरा ने सुधारवाद आंदोलन की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए 50 सालो की उपलब्धिया बताई।
दाऊदी बोहरा जमात के प्रवक्ता मंसूर अली ओड़ा वाला ने बताया की कांफ्रेंस का सफल संचालन नासिर जावेद ने किया। धन्यवाद की रस्म दाऊदी बोहरा जमात के सेक्रेटरी जाकिर पंसारी ने अदा की।
कांफ्रेंस के संयोजक अनीस मियाजी ने बताया कि नमाज के बाद मुशायरे का कार्यक्रम रखा गया। जिसमे शायर आबिद हुसैन अदीब, इकबाल सागर, मुश्ताक हुसैन चंचल आदि ने कलाम पेश किया। और दर्शको की वाहवाही लूटी। इसी अवसर पर सूरत के जेहरा बेन साईकिल वाला और उसकी टीम ने सामाजिक कुरीतियो पर आधारित एक नाटक भी प्रस्तुत किया।

 


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