आयुर्वेदचार्य डॉ. राजीव भट्ट ने कहा कि विश्व में फैले रहे कोरोना वायरस चीन में चीनी नागरिकों द्वारा कच्चा मांस खाने से फैला है। स्वाईन फ्लू व कोरोना वायरस के लक्षण समान है लेकिन डीएनए अलग-अलग है।
वे आज रोटरी क्लब उदयपुर द्वारा रोटरी बजाज भवन में आयोजित कोरोना वायरस एवं आयुर्वेद में बचाव विषयक वार्ता में बोल रहे थे। उन्हने कहा कि इस प्रकार के वायरस फैलने में बदलती जीवन शैली का भी काफी योगदान रहता है। इस प्रकार के वायरस फैलने से एलौपैथी में अचानक दवा नहीं आती है। उसके लिये काफी अनुसंधान किये जाते है लेकिन आयुर्वेद में लक्षणों के आधार पर सदैव बचाव उपलब्ध रहता है।
उन्होंने बताया कि पूर्व में स्वाईन फ्लू के लिये आयुर्वेद में विभिन्न औषधियंा को मिलाकर काढा बनाया था और उससे स्वाईन फ्लू पर नियंत्रण पाया।
घरेलू उपचार- डॉ. भट्ट ने बताया कि कोरोना वायरस से बचाव के लिये घर पर सौंठ,काली मिर्च,पीपली व तुलसी का मिश्रण बनाकर उसे दिन में दो बार ले कर इस वायरस से बचाव कर सकते है। गिलोय का रस लेने से लगभग ९९ प्रतिशत बीमारियंा ठीक होती है।
उन्होंने कहा कि किसी भी बीमारी को ठीक करने के लिये अपने इम्यूनेशन सिस्टम को डवलप करने के लिये सकारात्मक विचार रखें,नियमित योग एवं प्राणायाम करें। घर का सात्विक खाना ही खाना चाहिये।
प्रारम्भ में क्लब अध्यक्ष डॉ. प्रदीप कुमावत ने बीमारी होने से पूर्व बचाव पर जोर दिया। कार्यक्रम में मनीष कुमावत ने श्रीमद् भागवत गीता के आधुनिक तकनीकी युक्त ओडियों पुस्तक का डेमो दिया गया। जिसे सभी सदस्यों द्वारा पसन्द किया गया। इस अवसर पर संयुक्त सचिव हेमन्त मेहता ने डॉ. भट्ट का उपरना ओढाकर एवं सचिव संजय भटनागर ने स्मृतिचिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।