ऐसे आयोजनों से जैव विविधता में होगी वृद्धि 

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Published on : 13 Feb, 20 06:02

झालवाड़ में पाये जाते है 441 प्रजाति के वन्यजीव

ऐसे आयोजनों से जैव विविधता में होगी वृद्धि 

कोटा (डॉ. प्रभात कुमार सिंघल) |   एचएनबी गड़वाल सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी उत्तराखण्ड से वाईल्ड लाइफ पीएचडी स्कोलर विजय कुमार यादव ने बताया कि जिले में 252 प्रकार की प्रजातियों के पक्षी, 25 प्रजातियों के स्तनधारी, 32 प्रजातियों के सरीसृप, 8 प्रजातियों के उभयचर, 69 प्रजातियों   की तितलियां, 44 प्रजातियों के अरचिन्ड, 22 प्रजातियों के ऑडोनट्स पाए जाते हैं। इस प्रकार कुल 441 प्रकार की प्रजातियों के जीव जिले में पाए जाते हैं।उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय के व्याख्याता पी.एस. चौहान ने बताया कि झालावाड़ जैव विविधता से परिपूर्ण हैं। यहां 128 प्रजातियों के पेड़, 70 प्रजातियों की झाड़ियां, 26 प्रजातियों की बेलें, 33 प्रजातियों की जड़ी बूटियां, 16 प्रजातियों की घांस, 5 प्रजातियों के परजीवी पौधे (पैरासिटिक प्लान्ट्स) पाए जाते हैं इस प्रकार जिले में 278 प्रकार के फ्लोरल पाए जाते हैं। 

           जिला प्रशासन एवं वन विभाग झालावाड़ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय जैव विविधता उत्सव 2020 का शुभारंभ कृषि विज्ञान केन्द्र झालावाड़ में मंगलवार को हुआ। जिसके अन्तर्गत विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गई। जैव विविधता उत्सव के अन्तर्गत कृषि विज्ञान केन्द्र में आयोजित वन्य जीवों पर आधारित फोटो प्रदर्शनी का मुकन्दरा हिल्स टाईगर रिजर्व कोटा के क्षेत्रीय निदेशक एवं संभागीय मुख्य वन संरक्षक आनन्द मोहन ने फीता काटकर विधिवत उद्घाटन किया। इस दौरान जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग भी उपस्थित रहे। 

इसके पश्चात् कृषि विज्ञान केन्द्र के सभागार में जैव विविधता पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।

          कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए मुकन्दरा हिल्स टाईगर रिजर्व कोटा के क्षेत्रीय निदेशक एवं संभागीय मुख्य वन संरक्षक आनन्द मोहन ने बताया कि वनों में तथा वनों के आसपास रहने वाले लोग शहरों के मुकाबले कम सुविधाएं मिलने के कारण अपने आपको छले हुए महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि मुकुन्दरा हिल्स टाईगर रिजर्व में टाईगर आने से यहां के वन क्षेत्र पारिस्थति संतुलन बेहतर हो रहा है और टाईगर में हमारी जैव विविधता निहित है। वन्य क्षेत्र में रहने वाले लोग प्रशासन द्वारा वन्य क्षेत्रों से अन्यत्र बसाए जाते हैं तो उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा व सुविधाएं मिल सकेंगी और वन्य क्षेत्र में मानव दखल में कमी आने से जैव विविधता में भी बढ़ोतरी होगी। 
        उप वन संरक्षक झालावाड़ हेमन्त सिंह ने बताया कि पृथ्वी पर स्थित विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे, पक्षी, वन्य जीव, पालतू पशु-पक्षी, सूक्ष्म जीव, जीवाणु, विभिन्न कृषि फसलें आदि मिलकर ही हमारी पृथ्वी की जैव विविधता बनाते हैं। उन्होंने कहा कि जैव विविधता उत्सव आयोजित करने का उद्देश्य झालावाड़ के लोगों एवं बच्चों में वन्य सम्पदा के संरक्षण के प्रति चेतना जागृत करना है।
         मुकन्दरा हिल्स टाईगर रिजर्व कोटा के उप वन संरक्षक डॉ. टी. मोहनराज ने कहा कि मुकन्दरा हिल्स टाईगर रिजर्व में टाईगर आने से वन्य क्षेत्रों में मानव दखल के कारण होने वाले अवैध पेड़ों की कटाई अवैध खनन, अवैध चराई के रूकने से वनस्पति में बढ़ोतरी होगी एवं भू-जल स्तर बढ़ेगा। 
         उप वन संरक्षक वन्य जीव कोटा बीजू जॉय ने वैटलैण्ड्स अर्थात् नम भूमि को लैंडस्केप की किडनी और बॉयलोजिकल सुपर मार्केट बताते हुए इसे जैव विविधता के लिए महत्वपूर्ण बताया है। सहायक वन संरक्षक ओमप्रकाश जांगीड़ ने स्वागत किया। 
          वन विभाग द्वारा प्रकाशित ‘‘बर्ड्स ऑफ झालावाड़ ए पॉकेट गाईड’’ का विमोचन भी किया गया। मंच संचालन पूनम रौतेला ने किया। 
प्रदर्शनी में पुष्पा खमेसरा एवं रवि खमेसरा ने 195 देशों की पक्षियों पर आधारित डाक टिकटों एवं 25 से अधिक 200 देशों की मुद्रा एवं सिक्कों का प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि इसमें 1871 का पश्चिमी आस्ट्रेलिया से लेकर 2019 तक के पांच लाख से अधिक डाक टिकटों के खजाने में से चयन किया है। प्रदर्शनी में मुकेश पंवार, शर्मिला पंवार तथा वेणिका पंवार ने तितलियों के जीवन चक्र को छायाचित्रों के माध्यम से प्रदर्शन दर्शाया। वहीं वन्य जीव प्रदर्शनी में उप वन संरक्षक हेमन्त सिंह, सहायक वन सरंक्षक ओमप्रकाश जांगीड़, ए.एच जैदी, बनवारी यदुवंशी, मनीष आर्या, आरएस तोमर, हर्षित शर्मा, उर्वर्शी शर्मा, अनिल रोजर्स, देवकीनन्दन, उज्ज्वल दाधीच, प्रतीक जोशी, मनोज शर्मा, चयनिका शर्मा, जुनैद, सौमित्र, अन्शु के छायाचित्रों का प्रदर्शन किया गया। 
साईकिल रैली का हुआ आयोजन ,चित्रकला, टेटू, रंगोली एवं क्विज प्रतियोगिता आयोजित की गई।


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