देशी-विदेशी कलाकारों की प्रस्तुतियों ने समां बांधा-

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Published on : 08 Feb, 20 15:02

‘वेदांता उदयपुर वल्र्ड म्यूजिक फेस्टिवल 2020’ का दूसरा दिन

 देशी-विदेशी कलाकारों की प्रस्तुतियों ने समां बांधा-
उदयपुर। भारत के सबसे बड़े विश्व संगीत महोत्सव ‘वेदांता उदयपुर वल्र्ड म्यूजिक फेस्टिवल’ के 5वें संस्करण के दूसरे दिन शनिवार को कार्यक्रम की शुरूआत ‘मांजी का घाट’ (अम्बराई घाट), पर मशहूर कार्नैटिक म्यूजिक सिंगर सुधा रघुरमन द्वारा भक्तिमय संगीत के साथ हुई। उन्होंने आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा राग जोग, तोड़ी, दुर्गा और सिंधु भैरवी में ‘गुरु अष्टकम’ प्रस्तुत किया जोकि भोर का राग है। यह गुरु वंदना सिंगर द्वारा खुद की लिखी हुई रचना है।
इसके पश्चात किया तबस्सैन एवं छबरेल रूहाना ड्युएट ने इरान और लेबनान के संगीत को एक साथ प्रस्तुत किया। उन्होंने ‘औद’ अरैबिक वाद्ययंत्र और सितार को बजाया जोकि पर्सियन संगीत का एक वाद्य है। साथ ही सूफी कवि आमिर खुसरू तथा 13वीं सदी के पर्सियन कवि मौलाना रूमी की कविताओं का पाठ किया। अरेबिक माकम और पर्सियन दस्तुगाह के बीच उनकी संगीत वार्ता को लोगों ने खूब पसंद किया।
फतहसागर पर दोपहर के सत्र की शुरुआत ‘आउट ऑफ द बॉक्सच : जेल यूनिवर्सिटी’ द्वारा गाये गये सूफी गानों से हुई। बैंड में वास्तव में जेल के कैदी हैं जोकि संगीत सीख रहे हैं और उसे प्ले कर रहे हैं। बैंड की शुरुआत ‘वैश्विक प्रार्थना’ ‘असतोमासदगमया’ के साथ हुई और इसने वसुधैव कुटुंबकम का गान किया। उन्होंने 56 साल पुराने राजस्थानी गाने और ‘दिल राजी मेरो यार ओ फकीरी में’ और ‘दम मस्त कलंदर’ की प्रस्तुति से श्रोताओं की जमकर वाहवाही लूटी।
इसके बाद ‘सारा कोरेईया’ ने फैडो पर अद्भुत प्रस्तुति दी। यह एक पारंपरिक पुर्तगाली संगीत है जोकि प्रेम, पीड़ा, जुदाई, जिंदगी और भावनाओं को गुनगुनाता है। दोपहर के सत्र की अंतिम प्रस्तुति बॉलीवुड के मशहूर सिंगर अंकुर तिवारी की रही। उन्होंने अपने लोकप्रिय सबसे पीछे हम खड़े कंपोजिशन के साथ फोक रॉक और रॉक एन रोल म्यूजिक पेश किया।
शाम को गांधी मैदान में मामे खान ने बेहतरीन राजस्थानी लोक संगीत से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। माली के हबीब कोइटे ने वेस्ट अफ्रीकी फोक ब्लूज को प्रस्तुत किया और भारतीय बैंड थाइक्कुिडम ब्रिज ने भारतीय पॉप एवं रॉक म्यूजिक की प्रस्तुति दी। उन्होंने अपने डेब्यून एलबम ‘नवरसम’ और अपने नए एलबम ‘नमह’ के गीत गाये।
5वें संस्करण की थीम ‘हम विश्व हैं : अनेकता में एकता’ है। फेस्टिवल में स्पेन, फ्रांस, कुर्दिस्तान, पुर्तगाल, माली, रूस, स्विट्जरलैंड आदि देशों के 150 वैश्विक कलाकार शिरकत कर रहे हैं। फेस्टिवल का आनंद उठाने के लिए केरल, अबू धाबी, दिल्ली, मध्यप्रदेश, गुजरात और मुंबई से खासतौर से दर्शक आए हैं। फेस्टिवल में सभी के लिए प्रवेश निशुल्क है।
रविवार की प्रस्तुतियां :
तीसरे दिन रविवार को प्रात: 8 से 10 बजे तक अमराई घाट पर पहली प्रस्तुति भारत के रवि जोशी की होगी। दूसरी प्रस्तुति में कुर्दिस्तान के माइको केन्डेस कुर्दिस्तानी संगीत प्रस्तुत करेंगे। फतहसागर पर दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक में पहली प्रस्तुति पोप फ्युजन पर भारत की पाक्षी की होगी। दूसरी प्रस्तुति रशिया के शात्तुमा की करेलियन लोक संगीत पर तथा भारत के ताबा चाके की मिश्रित पॉप पर होगी। शाम को गांधी ग्राउंड में 7 बजे से भारत के अद्वैता द्वारा इंडियन फ्यूजन पर, भारत की निकिता गांधी द्वारा बॉलीवुड तथा स्पेन के ओक्स ग्रासेस की स्पेनीश पॉप पर प्रस्तुति के साथ वेदांता वल्र्ड म्युजिक फेस्टिवल का समापन होगा।

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