कचरे को बनाये आर्थिक सम्पदा कचरे में है सोना : डॉ मुखोपाध्याय

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Published on : 08 Feb, 20 14:02

अपशिस्ट निस्तारण पर राष्ट्रीय कार्यशाला

कचरे को बनाये आर्थिक सम्पदा  कचरे में है सोना : डॉ मुखोपाध्याय

उदयपुर . सोने की खदान के एक टन अयस्क से केवल डेढ़ ग्राम सोने की प्राप्ति होती है, वंही एक टन मोबाइल कचरे से डेढ़ किलो सोना प्राप्त हो सकता है इसी प्रकार लेपटोप , कंप्यूटर , एल सी डी इत्यादि के एक टन ई वेस्ट से साढ़े छह सौ ग्राम सोने को प्राप्त किया जा सकता है, वाशिंग मशीन के कचरे में भी सोना होता है

 

देश में पैदा हो रहे कचरा व् गन्दगी एक तरह की सम्पदा है, इसके सही प्रबंधन, उपचार से पर्यावरण सुधरेगा एवं देश की आर्थिक स्थिति मजबूत बनेगी

यह विचार इंडियन रबर इंस्टिट्यूट के अध्यक्ष देश के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ रविन्द्र मुखोपाध्याय ने विद्या भवन में अपशिस्ट प्रबंधन पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में व्यक्त किये अपशिस्ट (वेस्ट ) के निस्तारण व् उपचार के पांच आयामों रीडयूस, रीयूज़,रीसाइकिल , रीन्यू, रीफ्यूज से पर्यावरणीय व् आर्थिक लाभ पर आयोजित यह कार्यशाला विद्या भवन के पोलीटेक्निक , रूरल इंस्टिट्यूट एवं इंडियन रबर इंस्टिट्यूट के साझे में आयोजित हुई कार्यशाला में देश के प्रमुख उद्योगों के वरिष्ठ अधिकारीयों सहित शोध व् प्रशिक्षण से जुड़े विशेषज्ञों ने भाग लिया

डॉ मुखोपाध्याय ने कहा कि नाकारा हो चुके दुपहिया व् चार पहिया वाहनों से प्रतिवर्ष अस्सी लाख टन स्टील निकाला जा सकता है एपल कंपनी ने अपने नाकारा व् पुराने उत्पादों से पांच हजार लाख अमेरिकन डॉलर मूल्य का सोना व् अन्य धातुएं प्राप्त कर ली यह उदहारण साबित करते है कि देश में कचरे के सही प्रबंधन से सम्पदा का निर्माण हो सकता है

कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए उदयपुरस्मार्ट सिटी लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कमर चौधरी ने कहा कि उदयपुर में ठोस कचरे , निर्माण कचरे , सिवेरेज के सीवरेज के लाभदयक उपचार पर उल्लेखनीय कार्य हो रहे हैं

कार्यशाला में विद्या भवन के अध्यक्ष अजय मेहता , उपाध्यक्ष दिलीप गलुण्डिया ने कहा कि व्यापक जनजागृति से ही कचरे के प्रबंधन में नागरिक सहभागिता को मजबूत किया जा सकता है

 

प्लास्टिक जैसी डीग्रेडेबल थैलियाँ देख चौंके कमर : कार्यशाला में दिलीप गलुण्डिया ने स्टार्च से बनी थैलियों को कमर चौधरी को भेंट की . ये थैलियां दिखने व् मजबूती में पोलीथिन जैसी है लेकिन मजबूती में पोलीथिन से बेहतर थी व् पूरी तरह बायो डीग्रेडेबल है , इन्हें देख कमर चौधरी ने कहा कि प्लास्टिक पोलीथिन की के विकल्प के रूप में ऐसे उत्पादों की जरुरत है

 

विद्या भवन पोलीटेक्निक के प्राचार्य डॉ अनिल मेहता ने बताया कि “ पार्टनरिंग फॉर मेवार” (मेनेजिंग एनवायरनमेंट थ्रू वेस्ट रीयूज़) योजना के तहत नगर निगम, सी पी आर नई दिल्ली , हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड व् विद्या भवन की सहभागिता से उदयपुर में सेप्टिक टेंक के मलबे के उपचार व् निस्तारण के लिए बहुत जल्दी एक उपचार सयंत्र स्थापित होगा

 

रिलायंस इंडिया लिमिटेड के उपाध्यक्ष ( तकनिकी ) बी बी शर्मा ने रिलायंस समूह में वेस्ट मेनेजमेंट की विधियों की जानकारी रखी

जे के टायर के वरिष्ठ प्रबंधक राजीव भटनागर ने कहा कि आम समाज सहित उद्योग जगत को पानी के न्यूनतम उपयोग एवं उत्सर्जित होने वाले गंदे पानी के पर्यावरणीय उपचार पश्चात पुनः उपयोग पर विचार रखे

इंडियन रबर इंस्टिट्यूट राजस्थान की शिक्षा कमिटी के अध्यक्ष सुनील जगसिया ने रबर , टायर व् प्लास्टिक व् ग्लास कचरे से बनाये गए ओद्योगिक उत्पाद “ कंपोजिट” से सभी को परिचय कराया जो एक मजबूत व् सस्ता पदार्थ है

इसी क्रम में टेक्नो एन जे आर संस्थान के निदेशक डॉ पंकज पोरवाल ने “व्रिक” उत्पाद का प्रदर्शन किया जो प्लास्टिक , मार्बल स्लरी इत्यादि वेस्ट पदार्थों से बनी एक मजबूत ईंट है

पालमर उधोग के निदेशक वी एम् कुलकर्णी ने बताया कि उनका संस्थान विश्व स्तर पर पुरानी मशीनों को ठीक कर उन्हें फिर से उसी दक्षता से काम करने लायक बना रहा है ,इससे कचरे व् स्क्रेप की समस्या का तो समाधान हो ही रहा है , कम लागत में मशीने उपलब्ध हो पा रही है

जे के टायर के उपाध्यक्ष ( कार्य ) आर एस केडिया ने कहा कि वेस्ट मेनेजमेंट के क्षेत्र में स्किल प्रशिक्षण की आवश्यकता है , इससे कचरे का लाभदायक उपयोग होना तो सुनिश्चित होगा ही , रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे गुजरात मल्टीगेसबेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एच के रिजवानी , अतुल इम्पेक्स के निदेशक जीतेन्द्र जांगिड़ , केम्प् ट्रेंड उद्योग के रोबिन बोस ने उद्योग जगत में वेस्ट मेनेजमेंट पर जानकारी रखी

कार्यशाला में डॉ एन के शर्मा , विक्रम कुमावत , ओ पी शर्मा , डॉ मनीष रावल , डॉ सबा खान ,डॉ हर्षिता भटनागर ने भी प्रस्तुतीकरण किया

 

 

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