सुर एवं लय के अहसास से सजी मानव मन की जीवन्त प्रस्तुति

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Published on : 06 Feb, 20 03:02

राजस्थानी संस्कृति की झलक

सुर एवं लय के अहसास से सजी मानव मन की जीवन्त प्रस्तुति

 उदयपुरभूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय के संघटक भूपाल नोबल्स पी.जी. महाविद्यालय के वार्षिक सांस्कृतिक उत्सव ’’पीछोला-2020’’ के दूसरे दिन के समारोह का उद्घाटन मुख्य अतिथि ग्रुप कमाण्डर कर्नल विनोद के. बांगरवा एवं डॉ. रेणु राठौड़, अधिष्ठाता विज्ञान संकाय, डॉ. रितु तोमर, सहअधिष्ठाता एवं कार्यक्रम संयोजक आदि ने सरस्वती के समक्ष गणेश वन्दना के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। संगीतमय प्रस्तुतियों के साथ सभी को एक नये संसार की यात्रा पर ले चला। दर्शक दीर्घा में छात्र एवं छात्राओं ने बड़ी संख्या में उपस्थित होकर सम्पूर्ण कार्यक्रम का आनन्द उठाया। चौक पुराओ, माटी रंगाओ, बांस री मुरलिया पे घणों इतरावे, गजबण पाणी ने चाली आदि लोक गीतों के माध्यम से लोक संस्कृति मानों मंच पर जीवित हो उठी। वो कागज की कश्ती, वो बारिश का पानी, ये दौलत भी ले लो, होश वालों को खबर क्या, आदि गजलों ने सभी को मन्त्र मुग्ध कर दिया। वो जो आँखों से एक पल ना ओझल हुए, ये जो हलका-हलका सरूर है आदि कव्वाली के प्रमुख आकर्षण रहे। कार्यक्रम में सर्वश्रेष्ठ आकर्षण का केन्द्र फेशन शॉ प्रतियोगिता रही जिसमें प्रतिभागियों ने अपनी प्रतिभा एवं हुनर से सभी को आकर्षित किया। आज के प्रमुख कार्यक्रम में युगल लोकगीत, सोलो सोंग, गजल, कव्वाली, सोलो डान्स फिल्मी, युगल लोकनृत्य, मिस नोबल्स आदि प्रमुख रहे। साथ ही प्री-पिछोला के अन्तर्गत फाइन आर्ट में विजेता प्रतिभागियों एवं पिछोला की विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता रहे प्रतिभागियों को माननीय अतिथि एवं उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने पुरुस्कृत किया।


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