राजपथ पर छाया राजस्थानी लोक कला एवं संस्कृति का रंग

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Published on : 26 Jan, 20 14:01

राजस्थान की झांकी बनी जन आकर्षण का केन्द्र

राजपथ पर छाया राजस्थानी लोक कला एवं संस्कृति का रंग

नई दिल्ली,  नई दिल्ली के राजपथ पर 71वें गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित परेड में राजस्थानी लोक कला एवं संस्कृति का जादू छाया रहा। राजस्थान की झांकी, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, उदयपुर के कलाकारों द्वारा दी गई प्रस्तुति एवं राजकीय कन्या विद्यालय, नई दिल्ली द्वारा प्रस्तुत नृत्य जन आकर्षण का केन्द्र रहे।

राजस्थान की झांकी में जयपुर एक धरोहर शहर में गुलाबी नगरी जयपुर की विश्व विख्यात हेरिटेज विरासत के साथ ही विरासतीय भवनों के वैभव को दर्शाया गया। जिसमें जाली झरोखों से सुसज्जित बाजारों स्मारकों प्रवेश द्वारों सिटी पैलेस द्वार त्रिपोलिया दरवाजा स्टेच्यू सर्किल आदि को शामिल किया गया।

झाँकी के अग्रिम भाग पर कंगूरेदार परकोटा पर स्टेच्यू सर्किल पर स्थित जयपुर के संस्थापक सवाई जयसिंह की प्रतिमा आलंकारिक मार्बल पत्थर में छतरी सहित दर्शाई गई ।

झांकी के ट्रेलर पार्ट में जयपुर शहर की खूबसूरत गुलाबी रंग की दीवारों को छतरियों जालियों महराब आदि से सजाया गया हैं। पृष्ठ भाग में जयपुर के सिटी पैलेस में स्थित चंद्रमहल का रंगीन डिजाइन युक्त द्वार झरोखे खूबसूरत गुम्बद आदि को दर्शाया गया हैं। यहाँ तीनों तरफ के दरवाजों में लोक कलाकारों को ग्यारह प्रकार के सुप्रसिद्ध कठपुतली नृत्य करते हुए दर्शाया गया ।

झाँकी के ऊपर लोक वाध्य वादकों को सारंगी मंजीरा ढोलक आदि बजाते हुए दर्शाया गया हैं।साथ ही राजस्थानी संगीत की सुमधुर धुनों के साथ सिर पर मटके लेकर चरी एवं भवई नृत्य प्रस्तुत करती नृत्यागनाओं को दर्शाया गया ।झाँकी के दोनों ओर भी राजस्थान के प्रसिद्ध लोक देवता रामदेव जी पीर के पलगीत रुण झूँण बाजे घुंघरा लोक गीत पर नृत्यागनाओं द्वारा नृत्य प्रदर्शित कर रहे थे।
परेड समारोह में पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, उदयपुर के लोक कलाकारों ने गुजरात का पारंपरिक गरबा नृत्य प्रस्तुत किया। इसी प्रकार सर्वोदय कन्या विद्यालय, नई दिल्ली के छात्र-छात्राओं द्वारा म्हारो रंगीलों राजस्थान थीम पर किए गए नृत्य ने सभी आगंतुकों को अपनी ओर आकर्षित किया।


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