बदलते परिवेश में आयकर विभाग की सोच एवं कार्य प्रणाली में भी बदलाव आ रहा है : आशीष वर्मा

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Published on : 24 Jan, 20 08:01

यूसीसीआई में मुख्य आयकर आयुक्त के साथ परिचर्चात्मक संगोष्ठी का आयोजन

बदलते परिवेश में आयकर विभाग की सोच एवं कार्य प्रणाली में भी बदलाव आ रहा है : आशीष वर्मा

उदयपुर। ”आयकर विभाग का प्रयास आमजन में स्वेच्छा से कर अदा करने की भावना को बढावा देना है। आयकर के माध्यम से प्राप्त होने वाली राजस्व की राशि का उपयोग सरकार द्वारा राष्ट्र निर्माण गतिविधियों में किया जाता है। अतः करदाता ही देश की प्रगति का वास्तविक सहयोगकर्ता है।“

उपरोक्त विचार मुख्य आयकर आयुक्त श्री आशीष वर्मा ने यूसीसीआई में व्यक्त किये।

उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री द्वारा आयकर विभाग के संयुक्त तत्वावधान में यूसीसीआई भवन के पायरोटेक टेम्पसन्स सभागार में ”आयकर सम्बन्धी मुद्दों का समाधान“ विषय पर परिचर्चात्मक बैठक का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य आयकर आयुक्त श्री आशीष वर्मा मुख्य अतिथि थे तथा प्रधान आयकर आयुक्त श्री आर.के. सिन्हा कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि थे। अतिरिक्त आयकर आयुक्त (रेन्ज-२) श्री रघुवीर मदनप्पा तथा कनिष्ठ आयकर आयुक्त (रेन्ज-१) श्रीमति कनुप्रिया डामोर भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।

अध्यक्ष श्री रमेश कुमार सिंघवी ने बताया कि यूसीसीआई के सदस्य उद्यमी इस तथ्य से भली भाँति परिचित है कि उनके द्वारा अदा किया गया आयकर देश की विभिन्न विकास योजनाओं को पूरा करने में एवं देश की प्रतिरक्षा के लिये संसाधन जुटाने के उद्देश्य से सरकार द्वारा व्यय किया जाता है। भारत को ५ ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने के लिये यूसीसीआई के सदस्य उद्यमी अपने इस कर्तव्य का पूरी ईमानदारी से निर्वहन करते हुए आयकर अदा करके देश के उत्थान में अपना योगदान दे रहे हैं। श्री सिंघवी ने सुझाव दिया कि आयकर विभाग को ऐसी व्यवस्था लागू करनी चाहिये कि करदाता को यह जानकारी मिले कि उसके द्वारा अदा किये गये टैक्स का कितना प्रतिशत भाग उसके क्षेत्र के विकास हेतु सरकार द्वारा व्यय किया गया है।

यूसीसीआई की कार्यकारिणी समिति के सलाहकार श्री निर्मल कुमार सिंघवी ने उदयपुर सम्भाग के करदाताओं को पेश आ रही दिक्कतों का संक्षिप्त ब्यौरा देते हुए यूसीसीआई की ओर से सुझाव प्रस्तुत किये। श्री सिंघवी ने कहा कि ऑन लाईन प्रक्रिया से जहां लाभ हुआ है वहीं कुछ दिक्कतें भी पेश आ रही हैं।

मानद महासचिव श्री प्रतीक हिंगड ने मुख्य अतिथि का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस संगोष्ठी का आयोजन उदयपुर सम्भाग के उद्यमियों एवं व्यवसायियों की आयकर से सम्बन्धित सभी प्रकार की समस्याओं का आयकर विभाग के अधिकारियों के साथ खुली परिचर्चा के माध्यम से समाधान उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से किया जा रहा है।

प्रधान आयकर आयुक्त श्री आर.के. सिन्हा ने अपने सम्बोधन में प्रतिभागियों को जानकारी देते हुए कहा कि सरकार का उद्देश्य मुकदमेबाजी को न्यूनतम स्तर तक लाना तथा ईमानदारी से कर चुकाने की प्रवृति को बढावा देना है। यही कारण है कि आज विभाग केवल मात्र राजस्व एकत्रित करने वाली एजेन्सी के बजाय करदाताओं हेतु सेवा प्रदाता की भूमिका का निर्वहन करने हेतु तत्पर है। श्री वर्मा ने आव्हान किया कि आयकर सम्बन्धी सभी समस्याएं एवं सुझाव सीधे विभाग के अधिकारियों को देवें, विभाग उन्हें कार्यरूप में परिणित करने में पूर्ण सहयोग देगा। कराधान व्यवस्था को सुगम बनाने का उद्देश्य अधिक से अधिक नागरिकों को कर व्यवस्था के दायरे में लाना है जिससे कर की दर में कमी संभव हो देश की आर्थिक प्रगति का लाभ सभी को प्राप्त हो सके।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि श्री आर.के. सिन्हा ने जानकारी दी कि करदाताओंे के सहयोग से ही आयकर विभाग सरकार द्वारा निर्धारित राजस्व संग्रहण के लक्ष्य को पूरा कर सकता है। साथ ही  बताया कि विभाग का लक्ष्य उन उद्यमियों एवं व्यवसाययियों को शिक्षित कर टैक्स अदा करने हेतु जागरूक करना है जो वर्तमान में टैक्स नहीं चुका रहे हैं।

यूसीसीआई की कार्यकारिणी समिति के सलाहकार श्री निर्मल कुमार सिंघवी द्वारा रखे गए सुझावों के सन्दर्भ में श्री वर्मा ने विभाग की ओर से सकारात्मक रुख अपनाते हुए आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया।

प्रश्नकाल के दौरान सदस्यं की आयकर से सम्बन्धित शंकाओं व जिज्ञासाओं का आयकर विभाग के अधिकारियों द्वारा समाधान किया गया। आयकर विभाग के अधिकारियों के साथ साथ खुली परिचर्चा के दौरान उद्यमियों एवं व्यवसायियों द्वारा कई महत्वपूर्ण सुझाव भी प्रस्तुत किये गये।

मानद महासचिव श्री प्रतीक हिंगड ने कार्यक्रम का संचालन किया। कार्यक्रम में ७५ से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।

यूसीसीआई की आयकर सब-कमेटी के चेयरमैन श्री सुधीर मेहता ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुये कहा कि उद्यमी अपने आयकर सम्बन्धी सुझाव एवं समस्याएं यूसीसीआई के माध्यम से विभाग तक पहुंचा सकते हैं।


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