चुनाव का पहला चरण सम्पन जय हिंद जय कोटडा

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Published on : 19 Jan, 20 06:01

चुनाव का पहला चरण सम्पन जय हिंद जय कोटडा

कल रात 11.56 पर जब लिफाफे एवं ईवीएम सरकारी फराश खाने में जमा करवाने तक लगातार व्यस्त होने के कारण समय पर फेसबुक पोस्ट नहीं कर सका तो चलो अभी सही सभी को धन्यवाद देना भी है। यह लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण इवेंट मैनेजमेंट है। मैंने जनवरी 2000 में उदयपुर जिला कलेक्टर महोदय श्रीमान प्रेम सिंह जी मेहरा के नेतृत्व में राजकीय कर्मचारियों की हड़ताल के दौरान जिला रोजगार अधिकारी रहते हुए बेरोजगार युवाओं के सहयोग से इन पंचायती राज की चुनाव प्रक्रिया में अपना बहुमूल्य योगदान दिया था कल फिर स्मरण हो आया। चुनाव आयोग नाम की संस्था के पास भले ही अपने कर्मचारियों की फौज नहीं हो लेकिन यह लोकतंत्र का बेहतरीन उदाहरण है कि चुनाव की घोषणा एवं अधिसूचना के साथ ही सभी कर्मचारी एवं अधिकारी चुनाव आयोग के कार्मिक बन जाते हैं। सभी तंत्र का हिस्सा बनकर ऑटोमेटिक मोड में काम करते हैं। ऐसा लगता है कि यह हार्वर्ड मैनेजमेंट स्टडी से भी बेहतरीन, अनुशासित आयोजन है। सभी अपना अमूल्य योगदान देते हैं। अभाव कहीं आड़े नहीं आता है। बेटी की शादी की तरह सभी मतदान कर्मी सुरक्षाकर्मी परिवहन सेवाएं देने वाले, सहयोग सेवा देने वाले, पोलिंग पार्टियां, आचार संहिता प्रभारी, मोनिटरिंग, प्रभारी आदि अपना बेहतरीन देते हैं। भारतीय लोकतंत्र विश्व का सबसे बड़ा चुनाव आयोजन करने वाला एवं शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण का बेमिसाल उदाहरण है। महीनों की थकान के बावजूद भी पूरी अनुशासित एवं व्यवस्थित प्रक्रिया बिना व्यवधान के कम संसाधनों में चलना भारतीय लोकतंत्र की खूबी है।

कोटडा की हमारी टीम ने अभावो को आडे आने नहीं दिया तथा जिससे जो बन पडा चुनाव प्रक्रिया में सम्मिलित सभी मेहमानों का पूरे मनोयोग से सहयोग किया।

मतदाताओ ने भी शांतिपूर्ण, निष्पक्ष, प्रचंड मतदान 84 प्रतिशत करके अपनी सरकार चुनी, यह काबिले तारीफ हैं।

भारतीय लोकतंत्र दिनोंदिन मजबूत होता जा रहा है। लोगों की भागीदारी बढ रही है। आदिवासी समाज खुल कर भले ही नहीं बोलता लेकिन समझ में उसका कोई सानी नहीं है। समय आने पर वह इस क्षमता का बखूबी प्रयोग करता है।

जन प्रतिनिधि चुनने के बाद उन पर प्रभावी नियंत्रण या वापस बुलाने के अधिकार जैसी चीजों में वह पिछड भी जाता है।

बदलते वक्त के साथ जन प्रतिनिधियों में भी यह आॅरियेंटेशन आना चाहिए कि जिस पब्लिक ने उन्हें वोट दिया है उनके अभावों को दूर करने के लिए आपको उन्होंने देवदूत या एंजिल का दर्जा दिया है। आप भी मानदेय लेते हो। लोक सेवक की परिधि में आते हो। फिर पब्लिक को केटर भी आपको करना होगा।

अपनी मजदूरी पाने योजना का लाभ प्राप्त करने या छोटे छोटे सर्टिफिकेट प्राप्त करने, बैंको या बीसी एवं ई मित्र पर लाईन लगाते, धूमकेतुओ की तरह भटकते, जीपडों पर खतरनाक यात्रा करते लटकते मनुष्यों को राहत कौन देगा?

आईये अपना देवत्व जगाए। साथ दे कमजोर का। खुलकर मदद करें। सकारात्मक विचार फैलाए। आज का काम अभी, तत्काल करें। भारत को और देरी नहीं चाहिए। छात्रों को सभी विषयों के अध्यापक चाहिए। युवाओं को स्कील और स्वावलंबन चाहिए। मध्याह्न भोजन एवं पोषाहार अच्छा चाहिए। सडके एवं भवन अच्छे टिकाऊ और सुन्दर चाहिए। सबको अपना होम करना चाहिए। तत्काल।। तस्वीर बदली जा सकती है। सरपंचों को भी IIM जैसी विश्वस्तरीय ट्रेनिंग चाहिए। एक दिन में बोलेरो के कॉन्सेप्ट से बाहर आना होगा। कोई नहीं देख रहा है ऎसा नहीं है आप स्वयं खुद को देख रहे हो, यह मत भूलें। अपने घर का कचरा या अज्ञान बाहर यानी की देश में डालकर देश को गंदा नहीं करना चाहिए।। फर्ज सबका हैं।।। साथ सबका जरूरी है।।। विकसित देश बनना ही है। दूर खडे रहकर किसी के बुलाने का इंतजार नहीं करना चाहिए।।। कूद पडों राष्ट्र हवन में। पहली आहुति स्वयं से।।। बैचेन एवं आहत मुल्क आपकों दुआ देगा।।।।

चलते चलते

बिना किसी समस्या के बेहतरीन चुनाव कार्यक्रम सम्पादन पर चुनाव कार्मिकों, कोटडा से सभी राजस्व गांवों के नागरिकों, निवासियों एवं मीडिया को साधुवाद।


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