क्रोनिक मेसेन्टेरिक इस्किमिया का एण्डोवेस्कूलर पद्धति द्वारा सफल इलाज

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Published on : 16 Jan, 20 12:01

एक लाख में ०.०२ फीसदी मनुष्यों में होती है यह बीमारी

क्रोनिक मेसेन्टेरिक इस्किमिया का एण्डोवेस्कूलर पद्धति द्वारा सफल इलाज

उदयपुर । पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल,बेदला में क्रोनिक मेसेन्टेरिक इस्किमिया बीमारी से पीढित जमनालाल का कार्डियोलॉजिस्ट डॉ.जे.सी.शर्मा,ग्रेस्ट्रोसर्जन डॉ.विकेश जोशी एवं टीम ने एण्डोवेस्कूलर पद्धति द्वारा सफल इलाज किया।

छोटी सादडी के गुमाणा गॉव निवासी ४६ वर्षीय जमनालाल को लम्बें समय से खाना खाते ही पेट दर्द की समस्या का सामना करना पड रहा था।  यह परेशानी पिछलें तीन महिनों में ज्यादा हो गई जिसके चलते जमनालाल का वजन कम हो गया। परिजनों ने जमनालाल को कई जगह दिखाया लेकिन फायदा नहीं मिला। परिजन उसे पेसिफिक हॉस्पीटल बेदला लेकर आए यहॉ पर ग्रस्ट्रोसर्जन डॉ.विकेश जोशी को दिखाया,जॉच करने पर पता चला कि जमनालाल की ऑत एवं लीवर को रक्त की सप्लाई करने वाली खून की नसों में ९९ फीसदी ब्लाक हो गया जिसके कारण मरीज को खाना खातें ही दर्द शुरू हो जाता था। जिसके डर के चलते मरीज ने खाना,खाना बन्द कर दिया था। इस बीमारी को क्रोनिक मेसेन्टेरिक इस्किमिया कहतें है। जिसका की एण्डोवेस्कूलर पद्धति द्वारा ही इलाज सम्भव था। यह बीमारी एक लाख मनुष्यों में से ०.०२ फीसदी मे ही होती है।

कार्डियोलॉजिस्ट डॉ.जे.सी.शर्मा ने बताया कि जमनालाल को एण्डोवेस्कूलर द्वारा ऑत एवं लीवर की ब्लाक नसों में स्टेन्ट लगााकर खून के प्रवाह को पुनः सामान्य रूप से सुचारू किया। डॉ.शर्मा ने बताया कि इस बीमारी में मरीज के वजन में कमी, खाने के साथ दर्द एवं भोजन का भय हो जाता है। मेसेन्टेरिक इस्केमिया  तब होता है जब संकुचित या अवरुद्ध धमनियां छोटी आंत में रक्त के प्रवाह को प्रतिबंधित करती हैं। जिसके कारण आंत और लीवर में ये रक्त के थक्के पैदा कर सकते है।

जमनालाल अभी तरह से स्वस्थ्य है और आराम से खाना खा रहा है। मरीज को अभी छुट्टी दे दी है।

                          


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