उदयपुर शहर के पुकार फ़ाउंडेशन द्वारा अरावली कि 50 पैतृक प्रजातियों के 2000 पौधों से लगाए गए जंगल का उत्तराखंड के स्पेस फॉर नर्चरिंग क्रीएटिविटी दल के 30 विध्यार्थियों ने भ्रमण किया | विद्यार्थी अपने शैक्षिक भ्रमण के दौरान उदयपुर आए एवं संस्था से संपर्क कर जंगल भ्रमण किया |
पुकार के विशेषज्ञों द्वारा इन विध्यार्थियों को मियावाकी जंगल निर्माण कि विधि, देशी प्रजातियों का महत्व,वर्तमान पर्यावरण कि स्थिति,आकस्मिक मौसम परिवर्तन और जैव विविधता का मानव जीवन पर प्रभाव आदि महत्वपूर्ण बिंदुओं कि जनकारी दी गयी |
विद्यार्थी मियावाकी विधि के बारे में जानकर काफी उत्साहित हो गए एवं पुकार टीम से कई सारे प्रश्न भी पूछे जिनका उत्तर मिलने पर वे बहुत प्रभावित हुए |
स्पेस फॉर नर्चरिंग क्रीएटिविटी उत्तराखंड के उत्तराकाशी से संचालित संस्था है जिसका संचालन अर्चना बहुगुणा एवं उनके साथी मिलकर पिछले 15 सालों से कर रहे हैं | यह संस्था उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की शिक्षा पर विभिन्न प्रयोगों के साथ बहुत सराहनीय कार्य कर रही है | वर्तमान में संस्था के विद्यार्थी राजस्थान भ्रमण पर हैं, जिसके चलते वे राजस्थान में जगह-जगह भ्रमण कर यहाँ हो रहे उत्कृष्ट कार्यों के बारे में जानकारी ले रहे है |