कॉफी विद कलक्टर कार्यक्रम में बालिकाओं का बढ़ाया आत्मविश्वास 

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Published on : 16 Jan, 20 05:01

डॉ. प्रभात कुमार सिंघल

कॉफी विद कलक्टर कार्यक्रम में बालिकाओं का बढ़ाया आत्मविश्वास 

कोटा |   जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग झालावाड़ के सहयोग से जिले की कक्षा 10 व 12 की बोर्ड परीक्षाओं में भाग लेने जा रही छात्राओं के साथ जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक के सभाकक्ष में अनौपचारिक वार्तालाप की अनूठी पहल कॉफी विद कलक्टर के अन्तर्गत विचार साझा किए। इस दौरान बालिकाओं मानवी, लक्षिता, रेणुका, दिव्यांशी, लुब्ना खानम, आफरीन, अपूर्वा और गरिमा पांचाल आदि बालिकाओं ने पूरे आत्मविश्वास से खुलकर जिला कलक्टर से सवाल पूछे और जिला कलक्टर ने उन सभी प्रश्नों का जवाब देकर बालिकाओं का आत्मविश्वास बढ़ाया। 
मानवी: जिला कलक्टर के पद तक पहुंचने के लिए आपने कैसे तैयारी की ? आई.ए.एस. की परीक्षा की तैयारी के लिए क्या सुझाव देना चाहेंगे ?  जिला कलक्टर: छोटे उद्देश्य बनाएं और उन्हें पूरा कर बड़े लक्ष्य को अर्जित करें। जीवन की मंशा व दिशा तय कर समय प्रबंधन पर ध्यान दें और विषय में जिस पाठ में से अधिक अंक अर्जित किए जा सकें, उसे पहले पढं़े। 
दिव्यांषी: मैं प्रशासनिक अधिकारी बनना चाहती हूं लेकिन मुझमें आत्मविश्वास की कमी है इससे निजात पाने के लिए क्या करूं ? जिला कलक्टर: खुद पर विश्वास रखें, तैयारी अच्छी करें, प्रतिभा का सही उपयोग करेंगी तो आत्मविश्वास खुद ब खुद आ जाएगा। 
गरिमा पांचाल: अपने विद्यार्थी जीवन में आने किन समस्याओं का सामाना किया और क्या आप उस जीवन में से कुछ बदलना चाहेंगे  ।जिला कलक्टर: मैं अपने स्कूली जीवन में किताबों से हटकर अन्य गतिविधियों में ज्यादा सक्रिय नहीं रह पाया लेकिन कॉलेज में मैने खुद को काफी सक्रिय किया। यही एक चीज में बदलना चाहूंगा। 
अपूर्वा: समाज में लड़कों को आजादी काफी है, लड़कियों को बहुत कम। क्या इस समस्या का कोई हल नहीं ? जिला कलक्टर: समाज की सोच शिक्षा से बदली जा सकती है। बालिकाओं की सुरक्षा का सवाल देश में प्रमुखता से उठाया जाने लगा है, इस दिशा में बहुत अच्छे प्रयास हुए हैं और इस दशक के अंत तक स्थिति बहुत बदलेगी। 
     आफरीन: बाल विवाह की समस्या का हल क्या होना चाहिए ? जिला कलक्टर: शिक्षा के प्रचार-प्रसार से मानसिकता धीरे-धीरे बदल रही है। बाल विवाह एक सामाजिक कुरूति है इसकी रोकथाम प्रशासन की पहली प्राथमिकताओं में है। न्याय पालिका, पुलिस व जिला प्रशासन संयुक्त रूप से बाल विवाह जैसी कुरूति को जड़ से मिटाने के लिए कृतसंकल्पित है। अगर किसी बालिका का बाल विवाह उनके परिजनों द्वारा किया जा रहा है तो वे इसकी सूचना अपने शिक्षकों के माध्यम से जिला प्रशासन तक पहुंचाए। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि यदि झालावाड़ जिले में आपके साथ ऐसा कुछ हो रहा है तो जिला प्रशासन इस समस्या का समाधान निश्चित रूप से करेगा।
        उन्होंने कहा कि बालिकाओं को मनोबल बढ़ाने के लिए एवं उन्हें करियर काउन्सिलिंग देने के लिए आने वाले समय में भी इस प्रकार के आयोजन किए जाते रहेंगे। जो बालिकाएं 12वीं व 10वीं बोर्ड में टॉपर रहेंगी उन्हें शिक्षा विभाग के माध्यम से करियर काउन्सिलिंग के लिए कलेक्ट्रेट में बुलाया जाएगा। 
        कार्यक्रम में मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी ओमप्रकाश शर्मा ने स्वागत संबोधन दिया। संचालन पूनम रौतेला ने किया। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक रंगलाल मीणा, सहायक निदेशक सुभाष सोनी, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक ओमप्रकाश चौधरी, रवि वशिष्ठ, प्रधानाचार्य राबाउमावि रजंना वर्मा, प्रधानाचार्य राउमावि गोविन्दपुरा रजनीगंधा सोनी सहित शिक्षक-शिक्षिकाएं तथा राबाउमावि झालावाड़, राबामावि बृजकंवर, राउमावि ऑल्ड ब्लॉक, रामावि तोपखाना की करीब 300 बालिकाएं उपस्थित रहीं। 


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