अन्तर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेन्स आई.सी.टी.सी.एस. 2019 का आयोजन    

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Published on : 14 Dec, 19 05:12

इर्न्फोमेशन कम्यूनिकेशन का इस्तेमाल सार्वजनिक क्षेत्र में हो, तभी मिलेगा फायदा - प्रो. माइक हिंची

अन्तर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेन्स आई.सी.टी.सी.एस. 2019 का आयोजन    

उदयपुर (Krishnakant Kumawat) । भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय के संघटक भूपाल नोबल्स पी.जी. कॉलेज में शुक्रवार को ‘‘इर्न्फोमेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलोजी फोर कॉम्पीटिटिव स्ट्रेटेजि’’ विषय पर भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय, ग्लोबल रिसर्च फाउन्डेशन, कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इण्डिया, उदयपुर चेप्टर, इन्स्टीट्यूट ऑफ इन्जीनियर उदयपुर चेप्टर, एसोसिएशन ऑफ कम्प्यूटर मशीनरी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित से दो दिवसीय अन्तरर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन मुख्य अतिथि महाराणा प्रताप एग्रीकल्चर एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय कुलपति व कृषि वैज्ञानिक प्रो. नरेन्द्र सिंह राठौड़ ने कहा भारत में कृषि की दिशा में आई.टी. काफी महत्वपूर्ण और कारगर सिद्ध हो रहा है। पहले जहां पर मौसम आधारित अनुमान लगाये जाते थे लेकिन वर्तमान में सटीक सूचनाएं प्राप्त हो जाती है। ग्लोबल वार्मिंग से जो जलवायु व वातावरण प्रभावित हो रहा है उसका कृषि और किसानों पर क्या असर होगा उसकी समय से पूर्व जानकारी मिल जाती है एवं उसके अनुसार बदलाव किया जा सकता है। भारत में स्थित कृषि विज्ञान केन्द्रों में आगामी दिनों में इस तरह के स्टेशन लगाये जायेंगे जिससे किसानों को हर सप्ताह की जानकारी दी जायेगी।    
विशिष्ट अतिथि युनिवर्सिटी ऑफ आयरलेण्ड के प्रो. माइक हिंची ने कहा की इर्न्फोमेशन कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी में दिनों-दिन नये अपडेट हो रहे है जैसे कृषि व शिक्षा में आये दिन नये नवाचार देखने को मिलते है लेकिन आई.टी. को सिर्फ इन चुनिदंा विषयों में सीमित करना अनुचित रहेगा। इसके लिए सार्वजनिक क्षेत्र में इसका उपयोग होना चाहिये। उन्होंने कहा की हमारे देश में आई.टी. का उपयोग नैनो टेक्नोलॉजी में किया जाता है और इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल इस तरह से किया जाता है कि गरीब से लेकर अमीर तबके तक उपयोगी साबित होता है। इसके इस्तेमाल करने का तरीका अलग-अलग रहता है। भारत में सूचना प्रौद्योगिकी का दायरा काफी विशाल है। यहाँ पर भी विदेशी तर्ज पर बदलाव करने की आवश्यकता है। वाइस रेक्टर सिंगीडनम युनिवर्सिटी, सर्बिया के डॉ. धर्म सिंह ने बताया कि पिछले दो दशक में सूचना का व्यापक विस्तार हो गया है। अब कोई भी सूचना कुछ सैकंड के भीतर ही किसी भी व्यक्ति तक पहुँच जाती है। सूचना के इस विस्तारित जाल में हमें सूचनाओं की प्रमाणिकता पर कार्य करना होगा इसके लिए नई तकनीक का विकास करना होगा। अध्यक्षता करते हुए प्रो. जीवन सिंह राणावत ने बताया की आर्थिक विकास और व्यवसाय विकास के लिए आईसीटी का महत्व बढ़ता जा रहा है। आईसीटी समाज में आने वाले दिनों में व्यापक बदलाव देखने का मिलेगा। यु.के. के डॉ. मिलन ट्यूबा, प्रो. नामिबिया युनिवर्सिटी ऑफ साइन्स एण्ड टेक्नोलोजी, डॉ. पुनम ढाका, बी.एन. विश्वविद्यालय के पीजी डीन प्रो. रघुवीर सिंह चौहान, यूएलसीके के वाई के बोल्या, सीएसआई के चैयरमेन डॉ. भारत सिंह देवड़ा, आयोजन सचिव डज्ञॅ अमित जोशी, अधिष्ठाता डॉ. रेणु राठौड़ ने भी अपने विचार व्यक्त किये। नामिबिया युनिवर्सिटी ऑफ साइन्स एण्ड टेक्नोलोजी एवं सी.एस.आई. तथा इन्स्टीट्यूट ऑफ इन्जीनियर, उदयपुर चेप्टर तथा देश-विदेश के 200 प्रतिभागी अपना प्रेजनटेशन देंगे।यह जानकारी डॉ. रेणु राठौड़, अधिष्ठाता विज्ञान संकाय ने दी। संचालन डॉ. शैलजा राणावत ने किया तथा धन्यवाद डॉ. महिपाल सिंह देवड़ा ने दिया। दो समानान्तर सत्रों में 80 पत्रों का वाचन किया गया। अतिथियों द्वारा इर्न्फोमेशन कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी की सोविनियर का विमोचन किया गया।


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