जल स्त्रोत संरक्षण, प्रबंधन पर जल साक्षरता जरूरी ...मेहता

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Published on : 13 Dec, 19 14:12

अंतरराष्ट्रीय संगठन जी डब्लू पी की भारतीय विंग आई डब्लू पी की दिल्ली में बैठक : जल स्त्रोत संरक्षण, प्रबंधन पर जल साक्षरता जरूरी ...मेहता

जल स्त्रोत संरक्षण, प्रबंधन पर जल साक्षरता जरूरी ...मेहता

 पूरे देश मे व्यापक स्तर पर जल स्त्रोत संरक्षण, प्रबंधन से संबंधित  जल साक्षरता करना जरूरी है। यह विचार जल विशेषज्ञ डॉ अनिल मेहता ने भारत सरकार के उपक्रम वापकोस के सेमिनार कक्ष में शुक्रवार को आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय संग़ठन जी डब्लू पी की भारतीय शाखा  इंडिया वाटर पार्टनरशिप की साधारण सभा बैठक में व्यक्त किये। बैठक की अध्यक्षता वापकोस के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक आर के गुप्ता ने की। 

बैठक में भारत के विभिन्न प्रान्तों में  जल पर कार्य कर रही अकादमिक, व्यावसायिक, स्वैच्छिक संस्थाओं व जल संसाधन से जुड़े सरकारी विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया। 

बैठक में अध्यक्ष गुप्ता तथा सचिव डॉ वीना खंडूरी ने कहा कि समग्र जल संसाधन प्रबंधन ( आई डब्लू आर एम ) द्वारा ही  सतत  व सर्व जल उपलब्धता आएगी। इसके लिए आई डब्लू आर एम को गतिशीलता दी जा रही है ।  जी डब्लू पी की साझेदार संस्थाएं व  भारत सरकार , राज्य सरकारें  इसमें महत्वपूर्ण व प्रभावी  कार्य  रहे हैं ।सचिव डॉ वीना खंडूरी ने जल प्रबंधन पर देश भर में हुए महत्वपुर्ण कार्यो की जानकारी रखी।

बैठक में मेहता ने कहा कि जल प्रबंधन में  जन सहभागिता सर्वाधिक  महत्वपूर्ण आयाम है। उदयपुर के भींडर ब्लॉक के गांवों में जन सहभागिता से हुए मारवी योजना  भूजल प्रबंधन के कार्य को भारत सरकार ने सराहा है। तथा इस अनुभव से सीख पूरे भारत मे जलदूत तैयार किये जायेंगे। मेहता ने मारवी के प्रयोग व उससे हुए परिवर्तनों पर आधारित पुस्तक " मारवी- भूजल सुप्रबंधन का अनूठा प्रयोग " की प्रति अध्यक्ष आर के गुप्ता को प्रस्तुत की। उल्लेखनीय है कि वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय, विद्या भवन, महाराणा प्रताप कृषि विश्विद्यालय सहित  छह संस्थाएं इस योजना में सहभागी है। 

मेहता ने कहा कि उदयपुर में निगम, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड  विद्या भवन, सी पी आर इत्यादि संस्थाओं की  सहभागिता से फिकल स्लज ( सेप्टिक टैंक वेस्) उपचार का संयंत्र लगाने की तैयारी अंतिम चरण में है। वंही आम लोग जल के वैज्ञानिक व सहभागी  प्रबंधन  पर जागरूक हो रहे है।


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