एक दिवसीय ग्राम स्तरीय जैविक खेती पर कार्यशाला

( 2528 बार पढ़ी गयी)
Published on : 06 Dec, 19 11:12

जैविक खेती अपनाकर अच्छा लाभ ले सकते है किसान - प्रो. सारंगदेवोत

एक दिवसीय ग्राम स्तरीय जैविक खेती पर कार्यशाला

उदयपुर (डॉ. घनश्यामसिंह भीण्डर)। जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ (डीम्ड-टू-बी विश्वविद्यालय) के संघटक जनशिक्षण एवं विस्तार निदेशालय और स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर के संयुक्त तत्वाधान में शुक्रवार को कानपुर स्थित जनभारती केन्द्र पर एक दिवसीय ग्राम स्तरीय जैविक खेती प्रशिक्षण में केन्द्र से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा भारत एक कृषि प्रधान देश है जहाँ की 80 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है ऐसे समय में शुद्ध और जैविक खेती का महत्व बढ़ जाता है। उन्होंने रसायनिक खेती की बजाए जैविक खेती को अपनाने के लिये प्रोत्साहित किया। रासायनिक खेती से होने वाले नुकसान और अधिक खर्च का आंकलन करके बताया वहीं जैविक खेती से कम लागत में बेहतर पैदावार की जा सकती है। आजकल जलवायु परिवर्तन के कारण हो रही बिमारियों को जैविक खेती कर उस उत्पाद को काम में लेने से उन बिमारियों पर अंकुश लगा सकते है। प्रशिक्षक  बी.एस. राणा, सुरेश मीणा, डॉ. सुरभी त्यागी, निदेशक प्रो. मंजू माण्डोत, सहायक निदेशक डॉ. संजीव राजपुरोहित, चितरंजन नागदा, डॉ. धर्मेन्द्र राजोरा ने भी जैविक खेती को अनिवार्य करने की आवश्यकता बताई। संचालन उप व्यवस्थापक डॉ. सोनू बडाला ने किया। धन्यवाद प्यारी डांगी ने दिया। ग्रामीण महिलाओं को मटर, पालक एवं धनिया के निशुल्क बीज वितरित किये।  
 
   


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.