सामाजिक समरसता व सद्भाव के प्रतीक थे राजेन्द्र प्रसाद

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Published on : 04 Dec, 19 05:12

देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की 135वीं जयंती मनाई

सामाजिक समरसता व सद्भाव के प्रतीक थे राजेन्द्र प्रसाद

उदयपुर (डॉ. घनश्यामसिंह भीण्डर) । जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ (डिम्ड-टू-बी विश्वविद्यालय) में मंगलवार को देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की 135वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई।  कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने कहा की देश के नवनिर्माण में उनका योगदान प्रमुख रहा। देश के स्वतन्त्रता आंदोलन में उन्होंने प्रमुख भूमिका निभाई। संविधान सभा के अध्यक्ष के तौर पर वर्तमान संविधान के निर्माण में उनका योगदान अहम् रहा। देश रत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद साम्प्रदायिक सद्भाव व सामाजिक समरसता के प्रतीक थे। उनसे नई पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिये। डीन पी.जी. प्रो. जी.एम.मेहता, वरिष्ठ लेखाधिकारी डॉ. हरीश शर्मा, विशेषाधिकारी डॉ. हेमशंकर दाधीच, डॉ. भवानीपाल सिंह, डॉ. घनश्याम सिंह भीण्डर, कृष्णकांत कुमावत   डॉ. आशीष नंदवाना, डॉ. उदयभान सिंह, नजमुद्दीन, मुर्तजा अली, लहरनाथ, मौजुद थे।    


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