विज्ञान को जीवन से अलग नही देखा जा सकता - डॉ. श्रीवास्तव

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Published on : 04 Dec, 19 04:12

डॉ. घनश्यामसिंह भीण्डर

विज्ञान को जीवन से अलग नही देखा जा सकता - डॉ. श्रीवास्तव

उदयपुर  । जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ (डीम्ड-टू-बी विश्वविद्यालय) के संघटक कन्या महाविद्यालय में मंगलवार को भारत का निर्माण: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर आयोजित व्याख्यान में जयपुर की डॉ. सोनिया श्रीवास्तव ने छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा की विज्ञान को जीवन से अलग नही देखा जा सकता है। समाज को विज्ञान से जोड़ने की आवश्यकता है। विज्ञान के नवीनतम शोधों ने युवाओं में दक्षता और कौशल दिया है। आज विज्ञान की उपस्थिति जीवन के हर क्षेत्र में है। हमारे प्राचीन ग्रंथो में भी विज्ञान की बातों का उल्लेख देखने को मिलता है। पुरानी खोजों को हम पुर्नजीवित कर रहे है। हमें प्रायोगिक ज्ञान पर ज्यादा रिसर्च करना होगा। अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा सत्य एवं ज्ञान की खोज ही विज्ञान है। विज्ञान के क्षेत्र तथा युवाओं की सोच में आज तेजी से परिवर्तन हो रहा है, यह चिन्ता की बात है। आज बेसिक साइन्स की जगह एपलाइड साइन्स की और विद्यार्थियों का झुकाव ज्यादा है। हमें विकास के लिए आवश्यक विषय पर ध्यान देने की जरूरत है। प्राचार्य डॉ. अपर्णा श्रीवास्तव, डॉ. मानसिंह चुण्डावत, डॉ. सीमा धाबाई, निधि पालीवाल ने भी विचार व्यक्त किये। संचालन डॉ. रेखा कुमावत ने किया।  
 
 


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