एमपीयूएटी का 21वाँ स्थापना दिवस हर्षोल्लास से मनाया

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Published on : 02 Dec, 19 15:12

एमपीयूएटी का 21वाँ स्थापना दिवस हर्षोल्लास से मनाया


उदयपुर महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर का 21 वाॅ स्थापना दिवस उत्साह के साथ मनाया गया । सीटीएई एवीपी हाॅल में आयोजित इस कार्यक्रम में कुलपति प्रोफेसर नरेन्द्रसिंह राठौड़ के मुख्य आतिथ्य में आयोजित कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. वी.बी. सिंह, प्रो. पी.के. दशोरा, प्रो. उमाशंकर शर्मा व सभी पूर्व अधिष्ठाता, निदेशक तथा एमपीयूएटी के सभी उच्चाधिकारी, फैकल्टी, शैक्षणेत्तर कर्मचारी, किसान भाई बहन एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।
विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डाॅ. नरेन्द्रसिंह राठौड़ साहब ने सभी का स्वागत करते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि हर्ष का विषय है कि आज हम सभी महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का 21वाॅ स्थापना दिवस मनाने जा रहे है । उन्होनें कहा कि आज विश्वविद्यालय के सामने कई चुनौतियां है जिसे हमें पूर्ण करना है। उन्होनें कहा कि  विश्वविद्यालय की स्थापना बड़े संघर्ष व जनआंदोलन के बाद नवम्बर 1999 हुई थी। प्रारम्भ में 1962 मे उदयपुर कृषि विश्वविद्यालय देश का दूसरा कृषि विश्विद्यालय था परन्तु कालान्तर मे बहुसंकाय बनने और सुखाड़िया तथा राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के बाद वर्ष 1999 मे एमपीयूएटी अस्तित्व मे आई। राज्य सरकार द्वारा 1 करोड़ की वित्तिय सहायता के साथ स्वीकृत विश्वविद्यालय की आईसीएआर रेकिंग प्रारम्भ मे बहुत अच्छी थी। परन्तु स्टाफ व फैकल्टी की कमी के चलते और विश्वविद्यालय परिक्षेत्र के निरन्तर बंटवारे से आज हमारे विश्वविद्यालय की रेकिंग 51वें नम्बर पर है, हमें इसमें सुधार करने की महती आवश्यकता है। जिसमें सभी आमंत्रित पूर्व कुलपतियों, अधिष्ठाता, निदेशकों, कर्मचारियो का मार्गदर्शन एवं सहयोग लेकर इसे सुधारने के भरसक प्रयास करने होगें। आपने कहा कि आज विश्वविद्यालय में मात्र 22 प्रतिशत टीचिंग स्टाफ एवं 33 प्रतिशत नाॅन-टीचिंग स्टाफ उपलब्ध है जिसे भरे जाने के लिए भरसक प्रयास किये जायेगें।
स्थापना दिवस के पर्व पर कंदीय फसलो पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना के अन्वेशक डाॅ. विरेन्द्र के सोजन्य से खेरवाड़ा तहसील के अनुसूचित जाति के 45 कृषक महिलाओं व किसानों को बैटरी चालित उन्नत स्प्रेयर मशीन (दवाई छिड़कने) वितरित की गई जिससे कि किसान भाई अपने खेतों में इसका उपयोग कर सकंे।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डाॅ. वीबी सिंह, डाॅ. पीके दशोरा, डाॅ. उमाशंकर शर्मा व सभी पूर्व अधिष्ठाता, निदेशक व विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारियों ने भी विश्वविद्यालय को हर दृष्टि से समृद्व किये जाने का संकल्प व्यक्त किया।  
कार्यक्रम के प्रारम्भ में माननीय कुलपति ने विश्वविद्यालय के सभी आमंत्रित पूर्व कुलपतियों, अधिष्ठाता, निदेशकों, का उपरना, माल्यापर्ण कर स्वागत किया । तत्पश्चात् सीटीएई के अधिष्ठाता डाॅ. अजय कुमार शर्मा ने माननीय कुलपति डाॅ. नरेन्द्र सिंह राठौड़ का उपरना व माल्यापर्ण कर स्वागत किया। स्थापना दिवस के इस पावन पर्व पर अनुसंधान निदेशक डाॅ. अभय कुमार मेहता ने विश्वविद्यालय की स्थापना वर्ष 1999 से आज तक हुए विकास कार्यो व अनुसंधान उपलब्धियों का सम्पूर्ण ब्योरा प्रेजेन्टेशन के माध्यम से प्रस्तुत किया जिसमें विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की गई 20 से अधिक विभिन्न फसलों की उन्नत किस्मों के विकास तथा प्रतापधन, मछली, फसलो एवं सब्जियों के बीजों के उत्पादन उन्नत तकनिकों इत्यादि पर विस्तार से उल्लेख किया तथा आने वाले समय में किये जाने वाले अनुसंधान कार्यांे का उल्लेख भी किया । इस अवसर पर डाॅ. एस.एल. मून्दड़ा, निदेशक प्रसार शिक्षा ने भी विश्वविद्यालय द्वारा अब तक किसानों के किये गये विभिन्न कायों की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होने विश्वविद्यालय के आठ कृषि विज्ञान केन्द्रों पर चल रही विभिन्न परियोजनाओं, कृषि प्रशिक्षण, विचार गोष्ठियों, बीज वितरण, किसानों को कृषि यंत्रों का उपलब्ध कराना आदि विषयों पर विस्तार से बताया।
कार्यक्रम के अंत में डाॅ. श्रीमती रितुसिंघवी, ने सभी को धन्यवाद् देते हुए कहा कि हम सभी विश्वविद्यालय की उन्नति कि लिए भरसक प्रयास करगें।


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