कोटा (डॉ. प्रभात कुमार सिंघल) | विश्व एड्स दिवस के उपलक्ष में जिला स्वास्थ्य (क्षय रोग) विभाग झालावाड़ द्वारा रविवार को एएनएम टेनिंग सेन्टर के सभागार में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में जिला क्षय रोग एवं नोडल अधिकारी डॉ. जीएम सैयद् ने बताया कि विश्व में पहले एचआईवी संक्रमित व्यक्ति की पहचान 1981 में की गई थी। वहीं देश में 1986 में तथा राजस्थान में 1987 में एचआईवी से संक्रमित व्यक्ति की पहचान हुई थी। इसके बाद से ही लोगों को निरन्तर एचआईवी/एड्स की रोकथाम के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहे है। उन्होंने बताया कि हमारे जिले में गत वर्ष 58 व्यक्ति मिले थे, लोगों में जागरूकता बढने के कारण इस वर्ष यह संख्या घटकर अब 32 रह गई है। उन्होंने बताया कि यह सभी रोगी कोटा एआरटी सेन्टर से लगातर दवाईयां ले रहे है और इनका फ्लोअप भी किया जा रहा है। इसके साथ ही इन रोगियों को राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से भी लाभान्वित किया जा रहा है।
टी.बी. एवं चेस्ट विभागाध्यक्ष डॉ. सुनील विजय ने संबोधित करते हुए कहा कि इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्धेश्य एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करना और एचआईवी संक्रमण से होने वाली बीमारी से बचाना है। उन्होंने बताया कि हम सफलता की ओर बढ रहे है, एड्स रोगी को समाज साथ लेकर चलें और सही समय पर उपचार कराएं।
वहीं टी.बी. एवं चेस्ट प्रोफेसर डॉ. आर.बी. माथुर ने बताया कि इस रोग का सबसे बडा कारण असुरक्षित योन संबंध है। उन्होंने सुरक्षित योन संबंध अपनाए जाने पर जोर दिया। पीसीएम विभाग के प्रोफेसर डॉ. पंकज ने बताया कि यह रोग हाथ मिलाने, छुने, पानी पीने, खांसने या छिखने से नहीं फैलता है। एड्स मरीज को भी समाज में सम्मान के साथ जीवन जीने का अधिकार है।
कार्यक्रम में ब्रम्हकुमारी ईश्वरीय प्रजापति विश्व विद्यालय संस्थान की नेहा दीदी ने अपने संबोधन में कहा कि हमारे संस्थान का उद्धेश्य समाज को संस्कारवान और चरित्रवान बनाना है। यदि व्यक्ति संस्कारवान व चरित्रवान बन जाए जो निश्चित रूप से निरोगी हो सकता है। संगोष्ठी में एएनएम सेन्टर प्रभारी कमलेश शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन राजेन्द्र शर्मा ने किया। कार्यक्रम के दौरान एचआईवी एवं टी.बी. के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर राजेन्द्र शर्मा, क्षन्नू बाला पाटीदार, गालीब, अवध बिहारी राठोर, हेमराज को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया। संगोष्ठी में आंगनबाडी कार्यकर्ता, आशा सहयोगनियों एवं एएनएम टेनिंग सेन्टर में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही छात्राओं ने भाग लिया।