डॉ. प्रभात कुमार सिंघल,कोटा
परंपरागत लोक वाद्य अलगोजा एवं मंजीरे बजाते लोक कलाकार, कंजर बलाये चकरी नृत्य की छटा बिखेरती, रंगबिरंगी पगड़ी बांधे मूछें ताने पुरुष, शिवालय की घंटी बजाते महिला, नदी में दीपदान, विदेशी पर्यटक परंपरागत खेल रस्साकशी में भाग लेते हाड़ौती अंचल की संस्कृति को दर्शाते 75 फोटोग्राफ्स की एक सुंदर प्रदर्शनी कोटा की कला दीर्धा में आज देखने को मिली। फ़ोटो में पृष्ठ भूमि,कल्पना के साथ विषय वस्तु का संयोजन देखते ही बनता था।
प्रदर्शनी में बूंदी उत्सव,झालवाड़ का चंद्रभागा एवं बूंदी का केशोरायपाटन कार्तिक मेले और कोटा का दशहरा मेला प्रदर्शित फोटोज के प्रमुख विषय रहे। दो दिन चली प्रदर्शनी को बड़ी संख्या में कला प्रेमियों एवं विद्यार्थियों ने देख कर युवा फोटॉरफेर्स का उत्साहवर्धन किया और जम कर सराहना की।
प्रदर्शनी में युवा फोटोग्राफर्स जीशान पठान,विराट गुप्ता एवं आरव सिंह ने अपने सुंदर फ़ोटो प्रदर्शित किए। प्रदर्शनी का आयोजन फेस्टिवल ऑफ हाड़ौती की और से किया गया। छायाकारों की यह पहली प्रदेर्शनी है। जीशान पिछले चार वर्षों से इस क्षेत्र में आगे आया और उसने उस समय कोटा कोचिंग के छात्रों की लाइफ स्टाइल पर अपने फोटो की प्रदेर्शनी लगाई थी। तीनों छायाकार प्रदेशनी में मिले अच्छे रेस्पॉन्स से अत्यधिक उत्साहित थे। दो दिवसीय प्रदर्शनी का रविवार की शाम समापन हुआ।