उदयपुर में विश्व बाल दिवस पर अफसर बन इतराये बच्चें

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Published on : 21 Nov, 19 06:11

उर्वशी बनी एसपी तो खुशी ने संभाला डीईओ की कुर्सी

उदयपुर में विश्व बाल दिवस पर अफसर बन इतराये बच्चें

उदयपुर / आमतौर पर बच्चे पुलिस और शिक्षाधिकारियों से डरे-सहमे से होते हैं परंतु जब किसी बच्चे को इन दोनों विभागों के मुखिया बनने का अवसर मिले तो उनका इतराना स्वाभाविक ही है। विश्व बाल दिवस के मौके पर बुधवार को उदयपुर में कुछ ऐसा ही नज़ारा दिखाई दिया।
यूनिसेफ और पुलिस विभाग के तत्वावधान में संचालित कम्युनिटी पुलिसिंग टू बिल्ड अवेयरनेस एण्ड ट्रस्ट कार्यक्रम अन्तर्गत विश्व बाल दिवस पर जागरूकता कार्यक्रमों के तहत जहां विद्यालयों में वत्सल वार्ता का आयोजन किया गया वहीं एक छात्रा को जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी) और एक को जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) की कुर्सी पर बैठाकर सम्मानित किया गया।
बच्चों ने संभाली अफसरों की कुर्सी, दिए तपाक से उत्तर:
बच्चों को विभिन्न विभागीय प्रक्रियाओं से रूबरू कराने तथा उनके आत्मविश्वास में वृद्धि के उद्देश्य से बच्चों को अधिकारियों के पद पर सांकेतिक रूप से बिठाया गया। बच्चों ने भी संबंधित विभागों के सुधार के लिए सुझाव दिए। पुलिस अधीक्षक कैलाष चन्द्र विष्नोई ने रेजीडेन्सी स्कूल की छात्रा उर्वषी चौहान को पुलिस अधीक्षक की कुर्सी सौंपी तथा बच्चों की सुरक्षा से संबंधित सुझाव दिए। उर्वशी भी अपने सपनों के अनुरूप कुर्सी पाकर फूली न समाई और पूरे आत्मविश्वास के साथ मीडियाकर्मियों और पुलिस अधिकारियों के सवालों के जवाब दिए। कुर्सी छोड़ते वक्त उर्वशी ने अदम्य विश्वास भरे शब्दों में कहा कि मैं तो इसी कुर्सी पर आकर बैठूंगी तो एसपी विश्नोई ने भी चुटकी लेते हुए कहा कि मैडम, आप एसपी भले ही बन जाए पर होम टाउन होने के कारण इस कुर्सी पर तो नहीं बैठ पाएंगी। उर्वशी ने भी इस बात को खुशी-खुशी स्वीकारा और अपने आईपीएस बनने के सपने को साकार करने के लिए पूरी मेहनत करने की बात कही। इस दौरान एसपी ने उर्वशी को उसके आत्मविश्वास के लिए स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया व उसके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। इस मौके पर यूनिसेफ बाल संरक्षण सलाहकार सिंधु बिनुजीत ने विश्व बाल दिवस के विभिन्न आयोजनों के बारे में जानकारी दी।
इसी प्रकार जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) भरत जोशी ने गोवर्धन विलास राउमावि की छात्रा खुशी मुद्रा को जिला शिक्षा अधिकारी की कुर्सी पर बैठाकर सम्मानित किया। यहां पर जिला शिक्षा अधिकारी बनी छात्रा खुशी से विद्यालयों में बाल सुरक्षा नीति एवं स्वच्छता संबंधित दिशा-निर्देश अपने हस्ताक्षरों से जारी किए। इधर, रेजीडेन्सी उच्च माध्यमिक विद्यालय में छात्रा दीक्षा श्रीमाली ने प्रधानाचार्या का पद संभाला और विद्यालय संचालन किया।  
इसी प्रकार संभाग के अन्य जिलों में भी पुलिस अधीक्षकों ने तथा थाना स्तर पर थानाधिकारियों ने निकटवर्ती विद्यालयों के बच्चों को पद देकर सम्मानित किया गया। बच्चों ने पुलिस की कार्यप्रणाली तथा प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी ली तथा खुश नजर आए। डूंगरपुर में पुलिस अधीक्षक जय यादव, राजसमंद जिले में पुलिस अधीक्षक भुवण भूषण यादव, प्रतापगढ़ में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशोक मीणा के नेतृत्व में कार्यक्रम आयोजन हुए।
वत्सल वार्ता में एएसपी ने एक घंटा किया संवाद:  
इससे पूर्व सुबह राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय रेजीडेन्सी में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (अपराध एवं सतर्कता) स्वाति शर्मा ने बालिकाओं से लगभग 1 घंटा संवाद किया और बालिकाओं की सुरक्षा से संबंधित मुद्दों दुर्व्यवहार, साइबर अपराध, स्वानुशासन तथा आत्मरक्षा पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बालिकाआंे को अनुशासन का महत्व बताते हुए सोशल मीडिया का सावधानी से प्रयोग करने, किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार की घटना की रिपेार्ट पुलिस थाने में अथवा चाईल्ड हेल्पलाईन पर देने के लिए प्रेरित किया। संवाद के दौरान युनिसेफ की बाल संरक्षण सलाहकार सिन्धु बिनुजीत ने बालिकाओं को पुलिस विभाग द्वारा संचालित किए जा रहे कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते बच्चों को अन्तर्राष्ट्रीय बाल दिवस के बारे में जानकारी दी। संवाद कार्यक्रम में प्रधानाचार्या रंजना ने पुलिस विभाग की इस पहल का स्वागत करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया, मंच संचालन लावण्या शर्मा द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में कॉम्बेट कार्यक्रम टीम के आकाश उपाध्याय, अंकित जोशी तथा भरत खोखर उपस्थित रहे। संवाद के उपरान्त बच्चों ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्वाति शर्मा से सुरक्षा तथा केरियर संबंधित कई सवाल पूछे जिनके जवाब शर्मा ने देकर उनकी जिज्ञासा शांत की। पांच वर्ष तक के बच्चों के साथ होने वाली दुर्व्यवहार की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस की रणनीति के बारे में पूछने पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बताया कि समुदाय तथा आमजन में जागरूकता के लिए पुलिस विभाग द्वारा विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। संवाद के दौरान बालिकाओं ने कुछ समस्याओं को भी रखा जिनके त्वरित समाधान के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने संबंधित को निर्देश दिए।


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