सुहानी भोर मे घुले सुरीले सुर-ताल -कला साधकों ने किया सम्मोहित

( 17246 बार पढ़ी गयी)
Published on : 17 Nov, 19 04:11

डॉ. प्रभात कुमार सिंघल,कोटा

सुहानी भोर मे घुले सुरीले सुर-ताल   -कला साधकों ने किया सम्मोहित

बूंदी,  बूंदी उत्सव रजत जयंती के आयोजनों की कड़ी में दूसरे दिन के कार्यक्रमों की शुरुआत शास्त्रीय संगीत के साथ हुई। शनिवार सुबह भोर की सुहानी बेला में जैत सागर के निकट टैरेस उद्यान के मनोरम वातावरण में संगीत साधकों ने सुमधुर स्वरों की वर्षा की। संतूर,बांसुरी और तबला पर युवा कलाकारों ने संगीत की ऐसी त्रिवेणी बहाई जिसमें मंत्रमुग्ध हो देर तक श्रोता डूबे रहे। बांसुरी वादक भास्कर दास, संतूर वादक सुरेंद्र सोलंकी तथा तबला वादक रोमेद्र सोलंकी ने यहां मनभावन प्रस्तुतियां दी. कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व वित्त राज्य मंत्री श्री हरिमोहन शर्मा ने की। मुख्य अतिथि जिला कलक्टर रुक्मणि रियार जबकि विशिष्ट अतिथि जिला पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता थी।
जिला प्रशासन की ओर से बूंदी उत्सव के अंतर्गत आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत शास्त्रीय संगीत के इन कलाकारों ने अपने अपने वाद्य पर आलाप के आरोह अवरोह और लय ताल के सुंदर संयोजन से माहौल को सजाया और धीरे धीरे गहराइयों में पहुंचाते गए। लय ताल में बद्ध सुरों की जुगलबंदी का जादू चलाकर कलाकारों ने खूब दाद पाई। वहीं तीनों अलग-अलग वाद्य पर एकलयता के साथ संवाद सरीखा प्रस्तुतीकरण दिलों को छू गया। राजस्थान में होने के कारण राजस्थानी संगीत के सिरमौर माड़ ‘केसरिया बालम...’की प्रस्तुति के साथ ही वैष्णव जन तो.. रघुपति राघव..सहित अनेक जानी पहचानी सुरीली धुन सुनाकर इन कलाकारों ने सुधी श्रोताओं को देर तक सम्मोहित किया.
अध्यक्षीय उद्बोधन में पूर्व वित्त राज्य मंत्री श्री हरिमोहन शर्मा ने इस आयोजन की मुक्त कंठ से सराहना करते हुए कलाकारों की प्रस्तुतियों को बेहतरीन बताया। उन्होंने कहा कि संगीत की ऐसी कर्णप्रिय ध्वनियों से इस वातावरण को गुंजायमान कर उन्होंने बूंदी उत्सव की शोभा में चार चांद लगाए हैं। इस अवसर पर उन्होंने बूंदी शैली चित्रकला पर आधारित पुस्तिका का विमोचन भी किया।
जिला कलेक्टर रुक्मणि रियार ने कहा की शास्त्रीय संगीत की यह सुबह बूंदी के लिए शिक्षाप्रद बनी है। इससे कलाओं के सम्मान और इनके संरक्षण संवर्धन की दिशा में कार्य करने की प्रेरणा मिली है। उन्होंने बूंदी वासियों का आह्वान किया कि वे कला से रची बसी बूंदी में नई पीढ़ी को अपनी प्राचीन कलाओ से जोड़ें ताकि इन कलाओं को सहेज कर रखा जा सके।
 और आगे बढ़ेगी यह पहल 
शास्त्रीय संगीत की यह सुबह जिला कलेक्टर रुक्मणि रियार के प्रयासों से बूंदी में पहली बार आयोजित हुई जिसने बूंदी उत्सव में कला के प्रति उत्साह जगाया है. इसी शुरुआत के साथ ही बूंदी में अब शीघ्र ही स्पिकमेके के जिला चैप्टर की शुरुआत की जाएगी ऐसी घोषणा इस संगठन के राज्य समन्वयक कैलाश पालिया ने इस अवसर पर की. साथ ही उन्होंने बूंदी ब्रश के अध्यक्ष सुनील जांगिड़ को इसी मंच से स्पिक मैके का जिला समन्वयक घोषित किया. उल्लेखनीय है कि बूंदी शैली चित्रकला के बढ़ावे के लिए कार्यशाला आयोजन एवं पुस्तक निर्माण भी कला के संरक्षण की दिशा में खास पहल है.
कार्यक्रम का संचालन रमा पच्चीसिया तथा ओम प्रकाश पंचोली ने किया। अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजेश जोशी, अतिरिक्त कलेक्टर (सीलिंग) एयू खान, पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक आनंद त्रिपाठी, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुरलीधर प्रतिहार, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी अनिल भाल, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता राजेंद्र टंडन, पर्यटन अधिकारी विवेक जोशी, सहायक पर्यटन अधिकारी प्रेमशंकर सैनी, अशोक शर्मा,बूंदी विकास समिति के पुरुषोत्तम पारीक रोटरी के के सी वर्मा एडवोकेट राजकुमार दाधीच,बूंदी ब्रश के पदाधिकारी एवं अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद रहे। 


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.