अयोध्या विश्व पर्यटन केंद्र बनने की पूरी ताकत रखता है

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Published on : 12 Nov, 19 07:11

डॉ. प्रभात कुमार सिंघल

अयोध्या विश्व पर्यटन केंद्र बनने की पूरी ताकत रखता है

सदियों से रामजन्म भूमि अयोध्या  के प्रति गहरी आस्था और धार्मिक मान्यता जन मानस में रची बसी है। संत तुलसी दास द्वारा रचित राम चरित्र मानस और बाल्मीकि द्वारा लिखी गई रामायण को पवित्र ग्रंथ  मान कर घर- घर में पढ़ा जाता रहा है। रामानन्द सागर ने भगवान राम की कथा को नई पीढ़ी तक पहुँचाने का वंदनीय प्रयास किया। पिछले कुछ सालों में इस नगर को रामजन्म पर भव्य रूप से सजा कर लोगों का ध्यान आकर्षित किया गया।
 देश की यह पवित्र भूमि जो कई सालों से विवाद में थी शनिवार 9 नवंबर 2019 के दिन उच्चतम न्यायालय के निर्णय से निर्विवाद हो गई और मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का मंदिर बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया । पूरे देश ने इस एतीहासिक
फैसले का पूर्ण सद्भावना से खुले दिल से स्वागत किया।
 
 हम अयोध्या भूमि के इतिहास,भूगोल,विवाद,निर्णय के विस्तार में न जा कर, चर्चा करते हैं अब कैसे इस स्थल को अंतररास्ट्रीय पर्यटन केंद्र के रूप में उभारा जाए। अयोध्या की ऐसी स्थिति है कि यह एक बड़े धार्मिक पर्यटक स्थल के रूप में विश्व पटल पर उभर सकता है। अयोध्या के 200 किमी.परिधि में लखनऊ,प्रयागराज,गोरखपुर,बनारस,चित्रकूट,सारनाथ जैसे पर्यटक नगर होने से इसे वैष्णो देवी एवं तिरुपति की तरह धार्मिक पर्यटक केंद्र एवं सर्किट बनाया जा सकता है। आज भी पर्यटक लाखों की संख्या में अयोध्या आते हैं। रामलला की पूजा तंबू में होने पर भी विगत एक वर्ष में करीब डेढ़ लाख श्रद्धालु आये। 

 भगवान राम की जन्म भूमि एवं उनके पूर्वज इक्ष्वाकुवंश की राजधानी अयोध्या भारत की सप्त पुरियों में महान धार्मिक नगर है।अयोध्या में सरयू नदी के किनारे राघव मंदिर, सरयू के किनारे राम जानकी,लक्ष्मण,अहिल्या, एवं स्वर्ग द्वार जैसे प्रमुख घाट, हनुमानगढ़ी, स्वर्ग घाट के निकट नागेश्वरनाथ मंदिर, विशाल कनक मंदिर, रामजन्म भूमि ,जैन धर्म के पांच तीर्थंकरों के मंदिर,मठ एवं सरयू नदी के किनारें अनेक संतों और संस्थाओं के आश्रम धार्मिक पर्यटन की ताकत है।अयोध्या का जितना महत्व हिंदुओं के लिए है उतना ही महत्व जैन एवं बौद्ध मतावलंबियों के लिए है।
      
अयोध्या को पर्यटक केंद्र विकसित करने के लिए मंदिर निर्माण के साथ-साथ घाटों का विकास, ेेतीहासिक तथ्यों व कथानकों का चित्रण,परिवहन की आधुनिक सुविधाओं का विकास करना होगा। पुराने शहर का धार्मिक स्वरूप बनाये रखते हुए आधुनिक सुविधओं के विकास में तालमेल बनाना होगा। अंतररास्ट्रीय सुविधाओं के बस स्टैंड, रेल स्टेशन, एयरपोर्ट , होटल आदि की सुविधाएं विकसित कर आधारभूत ढांचे का विकास करना होगा। इस शहर का इंडोनेशिया, नेपाल,थाईलैंड, दक्षिणी कोरिया से सीधा ेेतीहासिक जुड़ाव होने से अंतररास्ट्रीय एयरपोर्ट बनाया जा सकता है। विकास के लिए निजी क्षेत्र को भी आमंत्रित कर करार किये जा सकते हैं। प्राचीन इमारतों,मठों, ेेतीहासिक स्थलों का संरक्षण भी जरूरी है। पुराने महत्व पूर्ण चुनिंदा स्थलों को जोड़ कर राम वन गमन पथ बनाने की भी सरकार की योजना इसे विश्व स्तरीय पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करेगी ऐसी आशा की जा सकती है।

अंतररास्ट्रीय पर्यटन केंद्र बनाने एवं पर्यटकों की संख्या बढ़ने से यहां रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। आधारभूत ढांचा मजबूत होगा और सुविधाओं का विकास होगा। पर्यटन विकास यहां की अर्थव्यवस्था की महत्वपूर्ण धुरी बन सकता है।
 


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