उदयपुर, सूचना केन्द्र कला दीर्घा में भारतीय सांस्कृतिक निधि (इन्टैक) तथा सूचना केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में चल रही विरासत संबंधित चित्र प्रदर्शनी का सोमवार को समापन होगा। रविवार को भी इस प्रदर्शनी का बड़ी संख्या में लोगों ने अवलोकन कर सराहना की।
भारतीय सांस्कृतिक निधि (इन्टैक) के उदयपुर चेप्टर के संयोजक डॉ. बी.पी. भटनागर ने बताया कि सात दिवसीय इस चित्र प्रदर्शनी में इंटेक की 35 वर्षों की जीवन यात्रा (1984-2019) के साथ-साथ वागड़ अंचल में दसवीं शताब्दी के पुरातात्विक महत्ता के स्थान अरथूना की सांस्कृतिक विरासत पर प्रो. महेश शर्मा द्वारा सहेजे चित्रों को प्रदर्शित किया गया है। रविवार को अवकाश का दिन होने के कारण बड़ी संख्या में कला एवं संस्कृतिप्रेमियों ने इस प्रदर्शनी का अवलोकन किया और इसकी सराहना की।
इस दौरान मीडिया एक्सपर्ट सुनील व्यास ने आगंतुकों को प्रदर्शनी का अवलोकन कराते हुए प्रदर्शित विषयवस्तु की जानकारी प्रदान की। वागड़-मेवाड़ की चित्रकला पर शोध कर रहे शोधार्थी कुशाग्र जैन ने एक हजार साल पुराने अरथूना के प्रस्तरशिल्प के चित्रों में दर्शायी गई शास्त्रीय नृत्य आधारित कलाकृतियों को अंचल की अनूठी धरोहर बताया और इसके संरक्षण के प्रयास की आवश्यकता जताई। इस दौरान रावगोपाल सिंह आसोलिया, जितेन्द्र त्रिवेदी, नीरज आमेटा, संस्कार शर्मा व बड़ी संख्या में विद्यार्थियों व सूचना केन्द्र पाठकों ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया।