प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि समाज के हर वर्ग के द्वारा इस फैसले का स्वागत किया जाना, इस बात का प्रमाण है कि भारत की प्राचीन संस्कृति और परंपरा सामाजिक सौहार्द की रही है। श्री मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि यह समय गिले-शिकवे को भूलने का है और नए भारत में भय, कटुता और नकारात्मकता की कोई जगह नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय का फैसला और करतारपुर गलियारे की शुरुआत, बर्लिन की दीवार के गिरने से पैदा हुई एकता जैसा है।
श्री मोदी ने कहा कि इसे भारत की न्यायपालिका के एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में जाना जाएगा, क्योंकि इस फैसले से दशकों पुराना मामला समाप्त हो गया है और पूरे देश ने इसका दिल से स्वागत किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने सभी पक्षों को सुना और यह प्रसन्नता की बात है कि अयोध्या मुद्दे पर निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया। श्री मोदी ने लोगों से अपील की कि वे नए सिरे से शुरुआत करें और यह सुनिश्चित करें कि 'सबका साथ-सबका विकास' के अनुरूप राष्ट्र के विकास में हर किसी का योगदान हो।