फणसे के सितारों से झंकृत हुए शास्त्रीय फिल्मी गीत

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Published on : 09 Nov, 19 04:11

बिग बी की मैडली पर झूमे दर्शक

फणसे के सितारों से झंकृत हुए शास्त्रीय फिल्मी गीत

उदयपुर,  पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित कला, फूड फेस्टीव ’’शरद रंग‘‘ शुक्रवार को प्रारम्भ हुआ दोपहर में व्यंजनों और सुरीले गीतों से महका शिल्पग्राम, शाम को रंगमंच पर मुंबई के चन्द्रशेखर फणसे व उनके साथियों ने सितार के तारों पर अंगुली अठखेलियों से बॉलीवुड के पुराने और याासत्रीय रागों पर आधारित गीतों से दर्शक झूम उठे।

कला, शिल्प और व्यंजन कला के प्रोत्साहन तथा विभिन्न कला विधाओं के समागम से एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को प्रबल करने के ध्येय से आयोजित पांच दिवसीय ’’शरद रंग‘‘ के पहले दिन शिल्पग्राम ने एक नई अंगडाई ली जिसमें एक ओर हाट बाजार म राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, पंजाब, हरियाणा के पाक शिल्पियों को पर्यटकों और आगंतुकों ने व्यंजन बनाते, परोसते देखा व लोगों ने खान-पान की वस्तुओं का स्वाद चखा। दोपहर में ही बंजारा रंगमंच पर उदयपुर के ऑकेस्ट्रा कलाकारों ने सुशील चौधरी के नेतृत्व में सदा बहार फिल्मी गीम सुनाये जिसे दर्शकों ने चाव से सुने।

शाम को मुक्ताकाशी रंगमंच पर मुबई के कलाकार चन्द्रशेखर फणसे व उनके साथियों ने सितार पर सुमधुर और शास्त्रीय रागों पर आधारित गीतों का सुरीला गुलदस्ता पेश किया। कार्यक्रम में फणसे व साथियों ने ज्यादातर कम प्रचलित रागों के गीतों को सितार पर मधुर अंदाज में बजा कर दर्शकों की दाद बटोरी। इस अवसर पर राग गारा पर आधारित तीन गीत ’’मोहे पनघट पे नन्द लाल...‘‘, ’’काली घटा छाई प्रेम रूत आई..‘‘ तथा नदिया किनारे..‘‘ में सितारों का सामंजस्य और लयकारी उत्कृष्ट बन सकी।

कार्यक्रम में राजस्थानी थीम बेस्ड सॉन्ग्स ’’तू चंदा मैं चांदनी (रेशमा और शेरा), मोरनी बागा में ... (लम्हे), केसरिया बलमा (लेकिन) की सुरीली बंदिश में दर्शक रम से गये। इस अवसर पर राग भोपाली में निबद्ध गीत ’’कुछ दिल ने कहा...‘‘, राग मालगुंजी पर आधारित ’’नैन सूं नैन मिलाये तथा राग जयजयवंती पर आधारित गीत मन मोहना की प्रस्तुति आनन्ददायी रही।

कार्यक्रम की सबसे उत्कृष्ट प्रस्तुति बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन की फिल्मों के गीतों की मैडली रही जिसमें अमिताभ की लोकप्रिय फिल्मों के गीतों को सितार का साथ मिलते ही एक अलग रंग में शिल्पग्राम की हवाओं में तरंगित हुए। इनमें ’’देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए..‘‘(सिलसिला), तेरे मेरे मिलन की ये रैना (अभिमान), रिमझिम गिरे सावन, छूकर मेरे मन को किया तूने क्या इशारा, दो लफ्जों की है दिल की कहानी गीतों पर दर्शक झूम उठे तथा करतल ध्वनि से कलाकारों का अभिवादन किया।

श्री चन्द्र शेखर फणसे के साथ डॉ. सुजाता भट्ट, वरूण दीक्षित, विनोद सहगल, सुनील पंचाल व मृदुला काटगरे ने अपने वादन का प्रदर्शन किया। इससे पूर्व प्रभारी निदेयाक सुधांशु सिंह ने कलाकारों का स्वागत किया व पुष्प् गुच्छ भेंट किये।


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