भारतीय सांस्कृतिक निधि (इन्टैक) तथा सूचना केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में सूचना केन्द्र की कलादीर्घा में जारी विरासत संबंधित चित्र प्रदर्शनी के तीसरे दिन गुरुवार को विभिन्न विभागों के अधिकारियों, प्रबुद्धजनों एवं विद्यार्थियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
सूचना केन्द्र प्रथम तल स्थित कलादीर्घा में आयोजित हो रही इस प्रदर्शनी का गुरुवार को जोधपुर के मीडिया संस्थान जलते दीप के महाप्रबंधक विनोद शर्मा व लोक निर्माण विभाग की सहायक अभियंता निशा व्यास ने प्रदर्शनी का अवलोकन कर इंटेक द्वारा पुरासंपदा को सहेजने और संरक्षित रखने की प्रयासों के साथ प्रदर्शित छायाचित्रों की मुक्त कंठ से सराहना की। इस दौरान मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के प्रभारी डॉ. कंुजन आचार्य ने वागड़ अंचल में दसवीं शताब्दी के अरथूना देवालय समूह के अप्रतिम शिल्पसौंदर्य को विमोहना बताया और इसके संरक्षण की दिशा में प्रयास करने की आवश्यकता जताई। उन्होंने अंचल में छिपी हुई पुरासंपदा को देश-प्रदेश तक पहुंचाने के लिए इसी प्रकार की प्रदर्शनियों के आयोजन का सुझाव दिया।
इसी प्रकार प्रदर्शनी में प्रबुद्धजनों व विद्यार्थियों ने इंटैक की विरासत संरक्षण यात्रा के साथ बांसवाड़ा के पुरातात्विक महत्ता के स्थान एक हजार साल पुराने अरथूना की दुर्लभ शिल्प के छायाचित्रों ने दर्शकों को आकर्षित किया। इन छायाचित्रों में अरथूना के मंदिर की दिवारों पर उकेरी गई शास्त्रीय नृत्य आधारित मूर्तियों को भी सराहा।
भारतीय सांस्कृतिक निधि (इन्टैक) के उदयपुर चेप्टर के संयोजक डॉ. बी.पी. भटनागर, जनसम्पर्क उपनिदेशक कमलेश शर्मा, पर्यावरणविद् प्रो. महेश शर्मा व सहसंयोजक गौरव सिंघवी ने आगंतुकों को प्रदर्शनी का अवलोकन कराते हुए प्रदर्शित विषयवस्तु की जानकारी प्रदान की।