उदयपुर भारतीय सांस्कृतिक निधि (इन्टैक) तथा सूचना केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार से प्रारंभ हुई विरासत संबंधित चित्र प्रदर्शनी के तहत बुधवार को भी बड़ी संख्या में विद्यार्थियों और शहरवासियों ने लुत्फ उठाया।
सूचना केन्द्र के प्रथम तल स्थित कलादीर्घा में आयोजित हो रही इस प्रदर्शनी में आज सुबह ही विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों ने इंटैक की विरासत संरक्षण यात्रा के साथ बांसवाड़ा के पुरातात्विक महत्ता के स्थान एक हजार साल पुराने अरथूना की दुर्लभ प्रस्तरशिल्पाकृतियों के छायाचित्रों को देखकर आश्चर्य जताया। बच्चों ने इन छायाचित्रों में अरथूना के मंदिर की दिवारों पर उकेरी गई शास्त्रीय नृत्य आधारित मूर्तियों को पसंद किया और इनके बारे में मौजूद लोगों से जानकारी संकलित की।
भारतीय सांस्कृतिक निधि (इन्टैक) के उदयपुर चेप्टर के संयोजक डॉ. बी.पी. भटनागर, पर्यावरणविद् प्रो. महेश शर्मा व सहसंयोजक गौरव सिंघवी ने आगंतुकों को प्रदर्शनी का अवलोकन कराते हुए प्रदर्शित विषयवस्तु की जानकारी प्रदान की।
डॉ. भटनागर ने बताया कि चित्र प्रदर्शनी में इंटेक की 35 वर्षों की जीवन यात्रा (1984-2019) के साथ-साथ वागड़ अंचल में दसवीं शताब्दी के पुरातात्विक महत्ता के स्थान अरथूना की सांस्कृतिक विरासत पर प्रो. महेश शर्मा द्वारा सहेजे चित्रों को प्रदर्शित किया गया है। उन्होंने बताया कि सांस्कृतिक विरासत का दिग्दर्शन कराने वाली इस बहुरंगी प्रदर्शनी का समापन 11 नवंबर को होगा। प्रतिदिन सुबह 11 से शाम 6 बजे तक यह प्रदर्शनी आमजनों के अवलोकनार्थ खुली रहेगी।