विधिक सेवा सप्ताह के तहत विधिक जागरूकता शिविर आयोजन

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Published on : 05 Nov, 19 05:11

जिला कारागृह में हुआ शिविर आयोजन

विधिक सेवा सप्ताह के तहत विधिक जागरूकता शिविर आयोजन

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार ‘प्रतापगढ न्यायक्षैत्र‘ में विधिक सेवा सप्ताह का शुभारम्भ रविवार को करते हुए कार्यक्रम की श्रंखला में आज दिनांक ०४.११.२०१९ को जेल में ंनिरूद्ध बंदिजनों के कल्याणार्थ जागरूकता शिविर का आयोजन न्यायिक अधिकारिगण द्वारा किया गया।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव लक्ष्मीकांत वैष्णव (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश) ने जानकारी देते हुए बताया कि विधिक सेवा सप्ताह मनाने हेतु माननीय राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (उच्च न्यायालय परिसर, जयपुर) से निर्देश प्राप्त हुए। उक्त विधिक सेवा सप्ताह दिनांक ०३ नवम्बर से ०९ नवम्बर २०१९ तक निरन्तर विभिन्न विधिक जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजनों के साथ सम्पन्न होगा। इसी श्रंखला में आज जिला जेल में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।

                कार्यक्रम में उपस्थित सिविल न्यायाधीश कृष्ण कुमार अहारी ने विधिक सेवा सप्ताह मनाने के उद्धेश्यों से अवगत कराया और साथ ही निःशुल्क विधिक सहायता योजना के बारे म बताया। इसी अवसर पर उपस्थित एस०डी०एम० विनोद मल्होत्रा ने सामान्य कानूनी जानकारियों से अवगत कराते हुए बताया कि कानून सभी के लिये समान है। कानून की नजर में कोई भी व्यक्ति पद, जाति, धर्म आदि से छोटा अथवा बडा नहीं होता। प्रशासन आप सभी की मदद के लिये सदैव तत्पर है।

                जागरूकता शिविर को गति देते हुए उपस्थित मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लक्ष्मण राम विश्नोई बताया कि माननीय रालसा के निर्देशानुसार विधिक सेवा सप्ताह मनाया जा रहा है। इस कारण आप सभी से मुखातिब होने का अवसर प्राप्त हुआ। आगे बंदिजनों से मुखातिब होते हुए समानता का अधिकार और संविधान में प्रदत्त कर्त्तव्यों के बारे में बताया। उन्होनें बंदिजनों से अपील की कि जेल से बाहर निकल कर सभी प्रण लें कि हमें समाज की मुख्य धारा से जुडना है। अपराध हमेशा जानबूझकर नहीं होता, परिस्थितिवश भी अपराध हो जाता है। कईं बार गुमराह करके भी आप लोगों से अपराध करवाया जा सकता है, जिसका बूरा परिणाम आफ साथ साथ आफ परिवार को भी भुगतना पड जाता है। जेल में रहने वाला बंदी ही नहीं अपितू उनका परिवार भी पीडत होता है। 

                प्राधिकरण सचिव लक्ष्मीकांत वैष्णव (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश) ने अपने उद्धबोधन में डॉ. भीमराव अम्बेडकर के बारे में बताते हुए संविधान संबंधी जानकारी प्रदान की। डॉ. अम्बेडकर के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उनके कोई सगे संबंधी जेल में निरूद्ध नहीं थे, किन्तु उन्होनें संविधान निर्मात्री सभा के साथ मिलकर संविधान निर्माण में बंदिजनों के हितों का भी ध्यान रखा। साथ ही उपस्थित बंदिजनों को बताया कि यदि किसी बंदी के पास अपने प्रकरण की पैरवी के लिये अधिवक्ता नहीं है तो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उस बंदी को उसके प्रकरण की पैरवी हेतु निःशुल्क अधिवक्ता मुहैया कराता है। इस हेतु बंदिजन जिला कारागृह के माध्यम से सामान्य आवेदन भरकर प्राधिकरण को प्रेषित कर सकते हैं।

                इस अवसर पर चिकित्सक डॉ. हितेश जोशी एवं ब्लॉक समाज सुरक्षा अधिकारी लोगड लाल मीणा भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए जेल अधीक्षक शिवेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि उक्त विधिक सेवा सप्ताह आम जन के साथ-साथ बंदिजन की समस्याओं का भी जल्द से जल्द समाधान हो और सभी को विधिक जानकारी सुलभ हो, इसी उद्धेश्य से मनाया जा रहा है।

                कार्यक्रम के अन्त में जेल अधीक्षक शिवेन्द्र कुमार शर्मा ने उपस्थित सभी गणमान्यों का और न्यायिक अधिकारीगण का आभार व्यक्त किया।      

 

 

 


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