मेवाड़,नाथद्वारा,पिछवाई के चित्रकार फलक पर उतार रहे हैं बूंदी शैली के चित्र

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Published on : 02 Nov, 19 05:11

जिला कलेक्टर रुक्मणि रियार ने कार्यशाला में पहुँच कर बढ़ाया चितेरों का उत्साह

मेवाड़,नाथद्वारा,पिछवाई के चित्रकार फलक पर उतार रहे हैं बूंदी शैली के चित्र

कोटा (डॉ. प्रभात कुमार सिंघल)  | कोई मेवाड़ शैली का कलाकार है, कोई नाथद्वारा शैली का तो, कोई पिछवाई शैली का, लेकिन बूंदी में  सबकी कूंची बूंदी शैली की मिनिएचर आर्ट के लिए चल रही है। ये चित्रकार कार्यशाला में चित्र बनाकर उत्साहित हैं। वे कहते हैं कि बूंदी शैली का चित्रकला जगत में बहुत ऊंचा स्थान है। इसमें कार्य करना अपने आप में खास अनुभव हैं। अजमेर से आए सचिन साखलकर कहते हैं कि वह वैसे यूरोपियन शैली में इंप्रेशनिज्म का कार्य करते हैं, लेकिन यहां बूंदी शैली में कार्य करने का मौका उन्हें उत्साहित कर रहा है। इसी तरह पिछवाई शैली में कार्य करने वाले गणेश कहते हैं कि बूंदी शैली की अपनी विशिष्टता है जो इसे खास बनाती हैं। इसमें कार्य करने का यह बहुत अच्छा अवसर मिला है  ।

 ऐसा नज़ारा आज  जिला कलेक्टर रुक्मणि रियार को देखने को मिला ।           कार्यशाला में आए चित्रकार विभिन्न अंचलों से संबंध रखते है और  अन्य-अन्य चित्रकला शैलियो में कार्य करते आए है, लेकिन यहां वे बूंदी शैली में ही कार्य कर रहे हैं। इस शैली की बारीकियों को ध्यान में रखते हुए इस कार्यशाला को उद्देश्यपरक बनाने में जूट हैं। 

            बूंदी में  कलेक्टर की पहल पर चल रही मिनिएचर चित्रकला कार्यशाला चित्रकला में रुचि रखने वाले लोगों के लिए सुनहरा अवसर है। ऐसे कला प्रेमी यहां निशुल्क भाग लेकर चित्रकला के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही ख्यातनाम वरिष्ठ कलाकारों के सानिध्य में लाभान्वित हो सकते हैं

       जिला कलक्टर रुक्मणि रियार ने शुक्रवार को इन कलाकारों से रूबरू होकर उनसे कला के विषय में जानकारी ली और उनकी हौसला अफजाई की। रियार के खास प्रयासों से बूंदी ब्रश के सहयोग से यह कार्यशाला यहां आयोजित की जा रही है ताकि बूंदी शैली की चित्रकला को नए आयाम मिल सकें। इसमें अन्तर्राष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर के चित्रकार बूंदी शैली में अपनी कला को फलक पर उतार रहे है। सात दिवसीय इस कार्यशाला में बनाए गए चित्रों की परादेर्शनी बूंदी उत्सव के दौरान लगाई जाएगी तथा पुस्तक रूप में इन चित्रों का संकलन भी कराया जाएगा।


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