अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर ‘माॅं की पाती बेटी के नाम’ पुस्तक का विमोचन

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Published on : 12 Oct, 19 05:10

बेटियों का मनोबल बढाने के लिए खुद का उदाहरण देकर बोलीं कलक्टर-मैं भी एकल बेटी, बुढापे का सहारा भी बनूंगी

अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर ‘माॅं की पाती बेटी के नाम’ पुस्तक का विमोचन

कोटा (डॉ . प्रभात कुमार सिंघल) |   अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस शुक्रवार को बुंन्दी में विभिन्न आयोजनों के साथ मनाया जाकर मातृशक्ति को समर्पित किया गया। इस दिवस का खास आकर्षण रहा मुख्य समारोह जिसमें जिला प्रशासन के नवाचार -मां की पाती बेटी के नाम- पुस्तक का विमोचन । इसमें प्रकाशित पत्रों की लेखिका देश के विभिन्न हिस्सों से आई माताओं की मौजूदगी में किया गया। जिला कलक्टर रुक्मणि रियार के मुख्य आतिथ्य में समारोह में शामिल सर्वश्रेष्ठ पत्रों की लेखिकाओं को पुरस्कार से नवाजा गया। 
          जिला कलक्टर रुक्मणि रियार ने कहा कि महिलाएं परिवार को संवारने, उसे दिशा देने की महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, लेकिन वे परिवार को चलाने के साथ-साथ अपने सपनों को भी जिंदा रखे। बेटियों को मान देने का आव्हान करते हुए उन्होंने कहा कि बेटियां बेटों से किसी तरह कम नहीं। उन्होंने स्वयं का उदाहरण देते हुए बताया कि वे स्वयं अपने माता-पिता की एकल संतान हैं। अपनी मेहनत के बल पर यह मुकाम पाकर मां-पिता का नाम रोशन किया है और उनके बुढापे का सहारा भी बनूंगी। इस तरह सभी मां-बाप बेटियों को उनके सपनों में रंग भरने दें, वे जरूर उंचाईयां छुएंगी। जिला कलक्टर ने पत्र लेखन विद्या के लुप्त होने के इस दौर में पत्र लेखन की इस प्रतियोगिता को सराहनीय बताया। 
        इसी प्ररिप्रेक्ष्य में मां की पाती बेटी के नाम प्रतियोगिता के माध्यम से पत्र लेखन की खुली प्रतियोगिता कराई गई। जिसमें देशभर से महिलाओं के पत्र आए और उन्हीें का संगम आज यहां संग्रहणीय पुस्तक रूप ले चुका है। इसी कड़ी में संपादक डाॅ. मीना सिरोला ने भी विचार व्यक्त किए। महिला अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक भैरूप्रकाश नागर ने आगन्तुकों का स्वागत किया। संचालन विमला नागर ने किया।  
 बूंदी को मिली  ‘सखी’
         जिला कलक्टर रुकमणी रियार ने अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर शुक्रवार जिला अस्पताल परिसर में स्थित पुराना जनाना अस्पताल भवन में वन स्टॉप सेंटर सखी को जिले की महिलाओं को समर्पित किया। एक छत के नीचे महिलाओं की समस्याओं के समाधान की यह पहल केंद्र सरकार की योजना अंतर्गत बूंदी में भी शुरू हुई है। इस केंद्र में महिलाएं बालिकाएं अपनी किसी भी तरह की समस्याएं लेकर आ सकती हैं। यहां परामर्शदाता उनकी समस्याएं सुनकर उन्हें परामर्श देंगे। समस्या के अनुसार महिला को चिकित्सकीय विधिक अथवा आवश्यकतानुसार अन्य सहायता अथवा आश्रय देने की भी व्यवस्था यहां की गई है। 

सेव गर्ल चाइल्ड वाल
               जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय परिसर में पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता की पहल पर ‘सेव गर्ल चाइल्ड’ वाॅल की शुरूआत की गई। इसके तहत कार्यालय की दीवारों पर बेटी बचाओ का संदेश प्रसारित वाॅल पेटिंग एवं पेंटिग्स लगाई गई है। जिला कलक्टर रुक्मणि रियार व पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता ने सेव गर्ल चाईल्ड वाॅल का शुभारंभ किया।  


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