विश्व आर्थराइटिस दिवस आज  

( 31337 बार पढ़ी गयी)
Published on : 11 Oct, 19 11:10

गठिया सम्बंधित रोगों में समय पर उपचार से इलाज संभव : डॉ. गोयल

विश्व आर्थराइटिस दिवस आज  

उदयपुर। शनिवार 12 अक्टूबर को दुनियाभर में विश्व आर्थराइटिस दिवस मनाया जा रहा है। इस वर्ष की थीम -‘डोंट डिले, कनेक्ट टुडे’ रखी गई है। इसके अंतर्गत विश्वभर के गठिया विशेषज्ञ संघ यह सन्देश लोगों तक पहुँचा रहे हैं कि गठिया एवं इम्म्यून रोगों का कोई भी लक्षण होने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें। उदयपुर में सोसाइटी फॉर पेन एंड आर्थराइटिस एवं केयर फाउंडेशन द्वारा एक वर्ष तक संभाग में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।  
इस संबंध में शुक्रवार को आयोजित प्रेसवार्ता में सोसाइटी के सचिव एवं गठिया रोग विशेषज्ञ डॉ. मोहित गोयल ने बताया कि अगले एक वर्ष में पंचायत स्तर से लेकर शहर स्तर तक विभिन्न जनचेतना कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। रोगियों एवं वालंटियर्स को भी ‘‘जोड़ों के प्रहरी’’ के रूप में जोड़ा जाएगा। इन कार्यक्रमों के जरिये आमजन तक यह सन्देश पहुँचाया जाएगा कि गठिया एवं सम्बंधित रोगों का समय पर उपचार कराने से दर्द, सूजन, जकडऩ व अन्य तकलीफों से निजात पाई जा सकती है। इन रोगों में डॉक्टरी निर्देशन में बहुत कम दवाइयों को उचित डोज़ में लेकर लाभ प्राप्त होता है। जटिल बीमारियों के लिए अत्याधुनिक बायोलॉजिक एवं स्मॉल मॉलेक्यूल दवाएं भी उपलब्ध हैं, जिनसे लाभ प्राप्त कर रोगियों द्वारा सामान्य जीवन यापन किया जा सकता है।
डॉ. गोयल ने बताया कि आर्थराइटिस सिर्फ जोड़ों को ही नहीं वरन शरीर के विभिन्न अंगों जैसे माँसपेशी, चमड़ी, फेंफड़े, गुर्दे, ह्रदय, ग्रंथियों आदि को भी ग्रसित कर सकती है। इन रोगों के लक्षण गर्दन, कमर व अन्य जोड़ों में दर्द व जकडऩ, धूप में चेहरा लाल होना, त्वचा कसना, ठण्ड में ऊँगली सफ़ेद या नीली होना, खून व प्लेटलेट की कमी, बार-बार गर्भपात होना, खून के थक्के जमना, अत्यधिक मुँह सूखना, आँखों में खुश्की, कनपेड़े सूजना, आँख लाल होना, जोड़ों में दर्द के साथ चर्म रोग, दस्त, शरीर पर लाल चकत्ते बनना आदि हैं। प्रेसवार्ता के दौरान डॉ. गोयल ने जनसाधारण से इस मुहीम से अधिक से अधिक संख्या में जुडऩे का आह्वान किया।
प्रेसवार्ता में उपचार से लाभान्वित रोगी श्रीमती मीनाक्षी गर्ग ने बताया कि रह्यूमेटॉयड आर्थराइटिस का समय पर उपचार कराने से वे एक सामान्य जीवन जी पा रही हैं। उन्होंने गठिया रोगियों को जल्द डॉक्टरी सलाह लेने, निमयित दवा एवं परामर्श लेने के लिए प्रेरित किया। लाभान्वित रोगी मुकेश जानी ने बताया कि सोराइटिक गठिया का समय पर उपचार कराने से उन्हें बहुत फायदा हुआ है और पूर्णत: डॉक्टरी सलाह पर चलने के कारण उन्हें तकलीफ से निजात मिली है।


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.