राष्ट्रीय जनजाति स्काउट-गाइड मिनी जम्बूरी

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Published on : 05 Oct, 19 09:10

रंग बिरंगें परिधानों में लोक संस्कृति का झांकी प्रदर्शन

राष्ट्रीय जनजाति स्काउट-गाइड मिनी जम्बूरी

उदयपुर / महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ति वर्ष के उपलक्ष्य में राजस्थान राज्य भारत स्काउट व गाइड, राज्य मुख्यालय, जयपुर के तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय जनजाति स्काउट गाइड मिनी जम्बूरी का चौथा दिन झांकी प्रतियोगिता का रहा। ध्वजारोहण कार्यक्रम, अतिरिक्त जनजाति आयुक्त रामजीवन मीणा के मुख्यातिथ्य एवं अतिरिक्त जिला कलक्टर नरेश बुनकर की अध्यक्षता में हुआ।
मुख्य अतिथि श्री मीणा ने कहा कि मेवाड़ का इतिहास गवाह है कि यहां के जनजाति वीरों, खिलाडि़यों एवं सामाजिक उत्थान से जुड़े गुरू गोविन्द, मावजी महाराज, काली बाई, नानाबाई खाट, राणा पुँजा, लिम्बा राम आदि ने अपने विशिश्ट कार्यों से मेवाड़ का नाम रोशन किया है। इसी प्रकार मै आप जनजाति स्काउट गाइड बालक बालिकाओं से आव्हान करता हॅू आप भी अपने मानस पटल पर यह अंकित करे कि आपको भविष्य में क्या करना है और आज से ही उस ओर अग्रसर होने का प्रयास करे।
एडीएम श्री बुनकर ने कहा कि स्काउट का नाम ही अनुशासन है अनुशासन का नाम ही स्काउट है। दिमाग का अनुशासन, गतिविधियों का अनुशासन, भावनाओं का अनुशासन, विचारों का अनुशासन आदि। यही स्काउट गाइड का ध्येय भी है।
शुक्रवार सायं आयोजित कार्यक्रम जनजाति परियोजना अधिकारी, गितेश श्री मालवीय के मुख्यातिथ्य एवं सेवानिवृत्त आईपीएस सुरेशचन्द्र पण्ड्या की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। श्री मालवीय ने कहा कि स्काउट गाइड संगठन द्वारा छात्र छात्राओं मे सेवा, समर्पण एवं संस्कारों के भाव हो रहे है जो सराहनीय कार्य है। शिविर में लिये अनुभवों से जनजाति क्षेत्र के बालक बालिकाओं में स्वावलम्बन, आत्मविश्वास व कठिन परिस्थितियों में विश्व बंधुत्व की भावना पैदा होती है।
श्री पण्ड्या ने कहा कि ने स्काउट गाइड संगठन को संस्कार निर्माण की कार्यशाला बताते हुए कहा कि इस जम्बूरेट ने साक्षात लघु भारत का दृश्य साकार किया है। जम्बूरेट ने सांस्कृतिक विरासत को संजोया है इससे एकात्मकता, राष्ट्रीय एकता एवं अखण्डता, संस्कृति का आदान प्रदान, स्वास्थ्य, कौशल विकास में अपने आप को तैयार किया है। ऐसे अवसरो से भ्रातृत्व भावना, आत्मीयता का भाव जागृत होता है।
इससे पूर्व शिविर संचालक गोपाराम माली, ने अतिथियों को संगठन का स्कार्फ पहनाकर एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर स्वागत किया। माली द्वारा जम्बूरी का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। मण्डल सचिव सुरेशचन्द्र खटीक ने अतिथियों का शाब्दिक स्वागत किया। समापन समारोह में स्काउट्स गाइड्स द्वारा क्षेत्रीय लोक गीत, लोक नृत्य की सुन्दर प्रस्तुतियां दी। गोहाटी जनजाति गीत पर सभी राज्यों के 351 स्काउट्स गाइड्स ने सामूहिक नृत्य प्रस्तुत कर सभी को आकर्षित किया। माली ने बताया कि शनिवार को प्रातः प्रार्थना सभा का आयोजन किया जावेगा एवं पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित होगा।
राजस्थान के ग्रामीण परिवेश में जन्म लेने वाले वह युवा जिन्होने राजस्थान का नाम राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया उनकी लघु फिल्म रात्रि को दिखाई गई। इस अवसर पर दिलीपकुमार माथुर, सहायक राज्य संगठन आयुक्त, एल आर शर्मा, सुरेन्द्रकुमार पाण्डे, छैलबिहारी शर्मा, दीपेश शर्मा, महेश कालावत, गोविन्द मीणा, सवाईसिंह, प्रिति आदि सी ओ स्काउट गाइड उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन विनोददत्त जोशी, सहायक राज्य संगठन आयुक्त स्काउट, अजमेर ने किया।
झांकियों ने मोहा मन
झांकी प्रतियोगिता में हरियाणा ने शादि का दृश्य, मध्यप्रदेश ने आदिवासी जीवन शैली, महाराष्ट्र ने गणपति पूजा की झांकी प्रस्तुत कर माहौल को भक्तिमय बना दिया, वही गोहाटी से आये एनएफ रेलवे के संभागियों ने बाग बीहू को झांकी माध्यम से प्रदर्शित किया। उत्तर प्रदेश ने वहां के मुख्य त्यौहार छठ पूजा व महोत्सव की संस्कृति, छत्तीसगढ, उडीसा, बिहार ने भी अपनी अपनी जनजाति संस्कृति का प्रस्तुतीकरण कर झांकी प्रदर्शन को साकार किया। राजस्थान के जनजाति बाहुल्य जिलो के तहत प्रतापगढ ने गौतमेश्वर महादेव मेला, बांसवाडा ने गवरी एवं जनजाति नृत्य, सिरोही ने राष्ट्रीय एकता अखण्डता के साथ बाबाराम देव की सवारी, बारां जिले ने आदिवासी सहरिया नृत्य से सभी को झूमने पर मजबूर किया वही उदयपुर के संभागियों ने महाराणा प्रताप की झांकी के माध्यम से उदयपुर की गौरवशाली संस्कृति का जीवन्त प्रदर्शन किया। दिनभर के कार्यक्रमों की श्रृखंला में वाद्य यंत्र प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें संभागियों ने बढ चढ कर अपने अपने स्थानीय वाद्ययंत्र के माध्यम अपनी विशिष्ठ कला का परिचय दिया।


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