गांधी को न केवल पढ़ें वरन् स्वीकार भी करें-तोमर

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Published on : 03 Oct, 19 05:10

जीजीटीयू की ओर से बीवीएम में गोष्ठी आयोजित

गांधी को न केवल पढ़ें वरन् स्वीकार भी करें-तोमर

बांसवाड़ा । गोविन्द गुरू जनजातीय विश्वविद्यालय बांसवाडा द्वारा भारतीय विद्या मंदिर के स्वाामी रामानंद हॉल में गांधी धर्म और कर्म विषयक संगोष्ठी कई उंचाई छूती नजर आई। प्राधिकरण के अध्यक्ष  (जिला न्यायाधीश) श्रीमान् फुलसिंह तोमर ने मुख्य अतिथि पद से संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि युवाओं को गांधी को जानना और समझना होगा। उन्होंने कहा कि महापुरूषों को समझना और स्वीकारना होगा। गांधी को न केवल पढ़ा जाए वरन उन्हें जीवन में स्वीकार भी किया जाए तो हम सही राह अपना सकते हैं। उन्होंने कहा कि अभाव में जीने वाला योगी नहीं हो सकता वरन् अहोभाव यानि जो मिला है उसमें संतुुष्टि करने वाला पूर्ण योगी होता है। उन्होंने बताया कि यह दुनिया सच्चे लोगों से चलती है।
गांधी सच्चे उपदेशक थे। उन्होंने सच्चाई, अच्छाई और ऊंचाई का रास्ता दिखाया। तोमर ने बताया कि लोभ और मोह चूने की खान में पानी मिलने के समान है। आज यही स्थिति हमारी आत्मा के साथ हो गई है, ऐसे में हमें गांधी को अपनाना होगा। उन्होंने गांधी के नजदीकियों विनोबा भावे, काका कालेवर, दादा धर्मवीर, आचार्य कृपलानी की जीवनियां पढ़ने की नसीहत भी दी। साथ ही बताया कि गांधी के निजी सचिव महादेव देसाई को भी पढ़ना चाहिए।
संगोष्ठी के मुख्य वक्ता पूर्व विधायक एवं गांधी दर्शन समिति की संयोजक रमेश पंड्या ने कहा कि मेरा जीवन ही मेरा संदेश है, इतना कहने की हिम्मत रखने वाले भगवान कृष्ण के बाद गांधीजी हुए। उन्होंने कहा कि कोई भी आजादी चाहे वह देश, समाज, धर्म, सम्प्रदाय ही हो, उसके लिए जंग लड़़नी पड़ती है जिन्होंने बिना हथियार के दो सौ साल पुरानी परतंत्रता से आजादी दिलाई। पंड्या ने कहा कि संस्कारी धर्म और कर्म हो सकता है। उन्होंने युवा पीढ़ी का आह्वान किया कि वह अपने पूर्वजों का अनुसरण करें और खुद भी ऐसा कर जाएं कि आने वाली पीढ़ी उसका अनुसरण कर सकें।
उन्होंने बताया कि भागवत गीता से हम कर्म और धर्म दोनों निकाल सकते हैं, स्वयं गांधी ने भी कहा था कि गीता पढ़नी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से जीवन मूल्य और दिशा मिलती है और हम आने वाली पीढ़ी के लिए निशान छोड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि गांधी के व्यक्तित्व में सब कुछ है, हमारे प्रश्नों का उत्तर भी और समस्याओं का समाधान भी है।
संगोष्ठी की अघ्यक्षता करते हुए गोविन्द गुरू जनजतीय विश्वविद्यालय के कुलसचिव सोहनसिंह  कठात ने बताया कि विश्वविद्यालय 125 महाविद्यालयों में गांधी के जीवन पर आधारित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा प्लास्टिक के विरूद्ध चलाये जा रहे अभियान की जानकारी दी।
कार्यक्रम के दौरान चित्रा काले ने गांधी के प्रिय भजन ’’ वैष्णवजन’’ तेने को कहिए ’’ की प्रस्तुति दी। वहीं प्रशिक्षणार्थी विश्वा ने गांधी के जीवन पर कविता पढ़ी एवं सोनू राठौड़ ने लालबहादुर शास्त्री के जीवन पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के प्रारंभ में जीजीटीयू के अशोक काकोडिया ने स्वागत उद्बोधन दिया। वहीं आभार भारतीय विद्या मंदिर संस्थान की सचिव निर्मला चेलावत ने माना।
कार्यक्रम कर संचालन चित्रा काले ने किया। कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव देवेन्द्र सिंह भाटी, जीजीटीयू के महिपाल सिह राव, अलका रस्तौगी, कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विशाल उपाध्याय, नरेन्द्र पानेरी सहित अनेक प्रबुद्धजन मौजूद थे।
दिलाई शपथ, किया पोस्टर का विमोचन
कार्यक्रम के दौरान जिला एवं सेशन न्यायाधीय फूलसिंह तोमर ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से प्लास्टिक छोड़ो अभियान के तहत सभी को प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने की शपथ दिलाई, वहीं बाद में सभी अतिथियों ने इस क्रम में तैयार किये गये पोस्टर का विमोचन किया।


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