मातम पर रोये नहीं, बल्कि नेत्रदान के लिए याद दिलाये

( 15364 बार पढ़ी गयी)
Published on : 30 Sep, 19 05:09

विद्यार्थी प्रेरणा लें,इसलिए उनके बीच लिया नेत्रदान संकल्प पुत्री जन्मदिवस पर पर,परिवार के उन्नीस सदस्यों ने लिया नेत्रदान संकल्प 75 वर्षीय दादी ने परिवार सहित पोती के जन्मदिन पर लिया नेत्रदान संकल्प

मातम पर रोये नहीं, बल्कि नेत्रदान के लिए याद दिलाये

कोटा शहर के साथ साथ संभाग भर में भी नेत्रदान को लेकर जागरूकता काफ़ी बढ़ने लगी है । नेत्रदान-अंगदान जागरूकता अभियान के तहत अब लोग अपने मुबारक मौके को यादगार व लोगों को नसीहत देने के मक़सद से कुछ ख़ास तरीके से मनाने में विश्वास करने लगे है । क़रीबी 20 दिन पहले नेत्रदान जागरूकता को लेकर शाइन इंडिया फाउंडेशन व आई बैंक सोसायटी ऑफ राजस्थान के बीबीजे चैप्टर द्धारा बूँदी के तिलक विद्यापीठ स्कूल में नेत्रदान के विषय पर जागरूकता कार्यशाला आयोजित की गई थी । जिसमें कक्षा 6 से 12 तक के 200 छात्र-छात्राओं,शिक्षक-शिक्षिकाओं सहित, विद्यालय संचालक जावेद अहमद और निदेशक परवेज अहमद के परिवार के सभी सदस्यों ने भी उसमें भाग लिया था। जावेद जी सहित कई लोगों ने पहली बार जाना कि नेत्रदान जैसा पुनीत कार्य कितना ज्यादा सरल,पवित्र व पुण्य काम है,पर फिर भी पता नहीं लोग क्यों,गलत भ्रांतियों के चलते इस तरह के नेक कार्यों में आगे नहीं आते हैं । नेत्रदान के विषय पर हुई कार्यशाला के बारे में जावेद जी ने जब अपने परिवार के सभी छोटे-बड़े सदस्यों पर दुबारा विचार जाने,तो सभी ने कहा कि आने वाले दिनों में परिवार की सबसे छोटी सदस्या आयरा शेख के पाँचवे जन्मदिवस पर घर के सभी सदस्य अपने नेत्रदान के संकल्प पत्र भरकर संस्था को सौपेंगे । इसी क्रम में शुक्रवार को आयरा के जन्मदिवस पर परिवार के 19 सदस्यों ने पुनः विधालय परिसर में सभी छात्र-छात्राओं ,शिक्षकों व अभिभावकों के बीच अपने नेत्रदान का संकल्प लिया । इस दौरान परिवार की 75 वर्षीया सबसे बुजुर्ग महिला श्रीमती शमीम बानो ने भी अपना नेत्रदान का संकल्प लिया । शमीम जी ने कहा कि,वैसे भी इंतकाल के बाद शरीर को दफन कर मिट्टी में मिलाने इसे पहले यदि किसी की ज़िंदगी बचायी जा सकती है,तो इससे बढ़ा नेक कार्य कोई नहीं हो सकता । आयरा के माता-पिता परवेज अहमद व यासमीन परवेज़ ने भी नेत्रदान का संकल्प भरते हुए कहा कि,सभी के बीच संकल्प लेने के पीछे यह भी कारण है कि,यदि कभी घर में कोई मातम की घड़ी आती है,तो यहाँ बैठे लोग उस समय नेत्रदान करवाने के लिये हमको याद दिलाये । संचालक जावेद अहमद ने संस्था के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि,उनको फ़क्र है कि,उनको एक जरिया मिला जिसके माध्यम से वह अपना मनुष्य जन्म सफ़ल कर सकते है,उन्होंने मंच से कहा कि मेरे परिवार के लोगों को यह याद रहे कि,मातम के समय रोना बिल्कुल नहीं है,बल्कि जितना जल्दी हो सके,नेत्रदान का नेक काम हो सके इसके लिये सभी प्रयास करना । कार्यक्रम के अंत में शाइन इंडिया फाउंडेशन के बूँदी शाखा के सदस्यों ने,संकल्प पत्र भरने वाले सभी लोगों को अपनी ओर से प्रशस्ति पत्र भेंट किया। संकल्प लेने वालों में शाहिना परवीन,अस्मा शेख,अफसर परवेज,ओमप्रकाश ऋंगी,प्रेम शंकर शर्मा,मुजाहिद अली ,आजाद चौरसिया, शाजिया बेगम,अनम शेख,अनस शेख ,अलीना शेख,आई मन शेख,अल शेख थे । 


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.