कूलदेवी माँ लक्ष्मी संग अग्रसेन महाराजा ने किया नगर भ्रमण

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Published on : 30 Sep, 19 04:09

चतुर्दिष गुंजे अग्रसेन जयकारे

कूलदेवी माँ लक्ष्मी संग अग्रसेन महाराजा ने किया नगर भ्रमण

उदयपुर   अग्रवाल समाज के कुल अधिष्ठाता कलयुग अवतारी अग्रोहा नरेष छात्रपति महाराजा अग्रसेन भगवान की 5143वीं अवतरण जयंती आज शहर ही नहीं देष भर में धूमधाम से मनायी गयी। चतुर्दष वल्लभ नन्दन अग्रसेन के जयकारों से गुंज उठा। प्रातः राजस्थान महिला विद्यालय के प्रांगण में नागरमल अग्रवाल की देखरेख में भव्य यज्ञ किया गया। मुख्य यजमान प्रवासी अग्रवाल समाज अध्यक्ष एवं मुख्य संयोजक मदनलाल अग्रवाल, उपमुख्य संयोजक राजेष अग्रवाल, पांचों पंचायत अध्यक्ष क्रमषः कैलाष अग्रवाल, प्रकाषचन्द्र अग्रवाल, ब्रजमोहन अग्रवाल, जगदीष भण्डारी ने जोड़े से यज्ञ को विधि विधान से सम्पन्न किया। वहीं उपस्थित सैकड़ों अग्र बन्धुओं ने भी यज्ञ पूर्णाहुती में धृत, शाकल्य की आहूतिया पदरा मंगल कामनाएं की।
प्रवक्ता नारायण अग्रवाल के अनुसार भव्य मंच पर महाराजा अग्रसेन केे दरबार में उनकी तस्वीर पर विषिष्ट अतिथि नारायण सेवा संस्थान अध्यक्ष केलाष अग्रवाल, “मानव”, एवं पांचों पंचायत अध्यक्ष एवं महासचिव क्रमषः अषोक अग्रवाल, संजय अग्रवाल, दिनेष अग्रवाल, षिवप्रकाष अग्रवाल, तरूण मंगल द्वारा माल्यार्पण धूप-दीप-पूजा-अर्चना राष्ट्रगान, अग्रगान अग्रस्तुती, अग्रमहाआरती एवं अग्र ध्वजारोहण की रस्म अदा की गयी। शोभायात्रा में गजराज पर आरूढ़ होने का सौभाग्य प्राप्त करने एवं समाज को अधिकाधिक सहयोग करने हेतु लगी बोली में भी केलाष अग्रवाल “मानव” ने सर्वाधिक बोली लगा यह सम्मान प्राप्त किया। उन्हे पाग उपरना माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया। प्रातः 9 बजे मुख्य अतिथि राजेन्द्र प्रसाद गोयल पुलिस अधिक्षक भ्रष्टाचार निरोधक विभाग, सभी पंचायत अध्यक्ष एवं समाज की सभी समितियों के संयोजकों द्वारा सामूहिक रूप से शोभायात्रा को हरी झंड़ी दिखाकर रवाना किया गया। आज की शोभायात्रा में हजारों अग्रबन्धुओं की एतिहासिक उपस्थिति रही। पूरा शहर अग्रमय हो गया और चहूंओर कूलदेवी माँ लक्ष्मी एवं अग्रसेन के जयकारे प्रतिध्वनीत सुनाई पड़ रहे थे। वहीं महिलाओं द्वारा अग्रसेन भजन कीर्तन मंगल गान कानों में मिश्री गोल रहे प्रतीत होते थे।
ऐसी थी शोभायात्रा: शोभायात्रा का मुख्य आकर्षण अग्र विजय सभा की 35 से अधिक महिलाओं की वाहन रेली थी जिसमें महिलाएं चूंदड़ी, लहरिया पोषाक सिर पर साफा धारण किये क्षत्राणी वेष में वाहन चलाती हर किसी के आकर्षण का केन्द्र थी। शोभायात्रा में सबसे आगे अग्रपताका युक्त गजराज थे उनके पीछे पांच अष्वारोही सवार अपनी अपनी पंचायतों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। उनके साथ 35 से अधिक स्केट्स धारी बाल युवा पहियों पर करतब दिखाते चल रहे थे। सफेद पौषाक में सज्जीत अनेक युवक-युवतियां दोपहिया वाहन रेली में यातायात नियम संदेष देते नजर आये। उनके पीछे छः बग्गियों में समाज के सम्माननीय वृद्धजन विराजमान थे, उनके आगे अग्रवाल दिगम्बर जैन विद्या मंदिर के 41 छात्र-छात्राऐं केसरिया वस्त्र धारण कर बैण्ड की मधूर धूनों पर स्वर लहरिया बिखरते चल रहे थे तो अग्रवाल वैष्णव समाज स्कूल के सैकड़ों छात्र-छात्राऐं अपने हूनर कौषल प्रदर्षन करते हुए शोभायात्रा की शोभा बढ़ा रहे थे। इनके पीछे समाज के सैकड़ो बालक विचित्र वेषभूषा फैन्सी ड्रेस में तथा युवतिया आकर्षक पौषाक परिधान पहने प्रतियोगी तौर पर विजेता बनने की भावना से नाचती गाती झुमती लहराती अग्रसेन जयकारे लगाती भावविभोर हो चल रही थी। इनके पीछे ऊँट गाड़ियों में बाल अबाल विराजमान थे। मध्य में पुनः बैण्ड वादक मधूर धूनों पर अग्रसेन भजन किर्तन गुणगान करते चल रहे थे। इन सबसे इतर आर्कषण का केन्द्र बिन्दु था महाराजा अग्रसेन, महारानी माधवी एवं उनके 18 पुत्रों का सजीव राज दरबार जिसमें विराजमान हो वो शहर वासियों एवं अग्रवंषियों को आर्षीवाद प्रभावना प्रदान कर रहे थे। अग्रसेन महाराजा के रूप में दिलीप अग्रवाल महारानी माधवी के रूप में हेमा अग्रवाल सभी का मनमोह रहे थे।  अग्र कुल देवी माँ लक्ष्मी जी सजीव रूप में तथा सूरजपोल स्थित अग्रवाल समाज मंदिर के ठाकूर जी लक्ष्मीनारायण जी साक्षात वैवाण बग्घी में वीराजमान होकर नगर भ्रमण का आनन्द ले रहे थे। इनके पीछे विभिन्न पंचायतों समाजों एवं संस्थाओं की सामाजिक संदेष देती झांकियां थी। उसके बाद पुनः बैण्ड वादक मधुर भजनों की प्रस्तुतियां दे रहे थे उनके संग अग्रवाल समाज के सैकड़ों लोग सफेद कुर्ता, पायजामा, सिर पर पाग एवं साफा व गले में उपरणा धारण कर हाथों में अग्रसेन पताका थाम अग्रसेन उपदेषों से जुडे नारें एवं अग्रसेन जयकारे लगा रहे थे। वहीं समाज की महिलाऐं केषरिया एवं पारम्परिक पौषाक, चुन्दडी लहरियां पहनकर अग्रसेन मंगल गान- गीत-भजन गाते नृत्य करते हुए चल रही थी। पाचासों महिलाएं आकर्षक सजावट वाले कलष नारियल सिर पर धारण कर पारम्परिक परिधान में शोभायात्रा की शोभा बढ़ा रहीं थी। शोभायात्रा के दौरान पुलिस प्रषासन पुरी मुस्तेदी के साथ राजीव जोषी के कुषल नेतृत्व एवं नियंत्रण में चाक चैबंद था। आज नवरात्री स्थापना एवं अग्रसेन जयन्ति के अवसर पर नगर ही नही अपितु देषभर में प्रातः प्रभात फेरिया एवं शोभायात्राऐं निकाली गयी।
इनकी थी झांकियां: शोभायात्रा में समाज की पांचों पंचायतो क्रमषः प्रवासी अग्रवाल समाज, श्री अग्रवाल वैष्णव समाज, श्री लक्ष्करी अग्रवाल पंचायत, श्री अग्रवाल दिगम्बर जैन पंचायत, श्री धानमण्डी अग्रवाल समाज के साथ शहर के अनेक अग्रसंस्थान, सामाजिक संस्थाओं की झांकियां भी सम्मिलित थी। इनमें नारायण सेवा संस्थान की समुद्र मंथन की झांकी विषेष आकर्षण का केन्द्र थी।
नारायण अग्रवाल ने बताया कि पूरे मार्ग में 101 स्वागत द्वार लगाये गये । 21 से अधिक स्थानों पर अग्र समुदाय की संस्थाओं, व्यापारियों द्वारा कुलदेवी माँ लक्ष्मी एवं अग्रसेन भगवान की स्वागत आरती रस्म के साथ शोभायात्रियों को शीतल जल, षिकंजी, छाछ, मिल्करोज, फल-फ्रूट, सेगारी व्यंजन, नमकीन आदि की मनुहार की गयी। अग्रवाल जैन बाल मंदिर के बाहर बादाम शेक की मनुहार ने सभी का दिल जीत लिया सभी ने अनेक बार उसका रसास्वादन किया। वहीं सुरजपोल अग्रवाल समाज नोहरे के बाहर अग्रविजय सभा द्वारा तथा उसके आगे बालकृष्ण शेरू द्वारा फल-फ्रूट, नमकीन वितरण ने सभी को आनन्दीत किया।
यह था शोभायात्रा मार्ग: आर.एम.वी. से शोभायात्रा शुरू होकर सूरजपोल अग्रसेन मार्ग, अग्रसेन चैराहा, झीणीरेत चैक, धानमण्डी, देहलीगेट, बापू बाजार होते हुए पुनः आर.एम.वी प्रांगण पहूंची।
भव्य अग्र स्वामीवात्सल्य: अग्रसेन जयंती के शुभ अवसर पर पांचो पंचायतों की प्रतिनिधि संस्था श्री अग्रसेन जयंती महोत्सव समिति द्वारा आर.एम.वी. प्रांगण में सकल अग्रवाल समाज के हजारों बन्धुओं के लिये अग्र स्वामीवात्सल्य महाभोज का आयोजन किया गया वहीं व्रत धारियों के लिये भी अनेक सेगारी व्यंजनों राजगीर आटे की पूड़ी, साबुदाना खिचड़ी, सेगारी सब्जी, खोपरा पाक जैसे अनेक स्वादीष्ट पकवानों की व्यवस्था की गयी थी।
इतना ही ले थाली में व्यर्थ न जाये नाली में उक्ति को चरितार्थ करने एवं झूठा नहीं छोड़ने के महाअभियान के अन्तर्गत समाज के विनोद मेड़तिया, शुभम गर्ग, लवी गुप्ता की समिति ने मनुहार काउण्टर लगाकर झूठी प्लेटों में बिल्कुल झूठा नहीं छोड़ने दिया।
अग्र धर्मसभा एवं पुरस्कार समारोह: शोभायात्रा वापसी में अग्र धर्मसभा में परिवर्तित हो गयी जहां समाज सुधार के अनेक सुझावों पर अमल करने के साथ समाजजनों का स्वागत सत्कार बहुमान किया गया, वहीं जयंती शोभायात्रा की अनेक प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरूस्कृत एवं सम्मानित किया गया। सभी पंचायतों के एक पुरूष, एक विवाहित महिला, एक अविवाहित युवक-एक युवती एवं एक बालक एक बालिका का चयन किया जाकर उन्हे श्रेष्ठ परिधान, पारम्परिक वेषभुषा एवं वैचित्र वेषभुषा के लिये प्रथम द्वितीय तृतीय स्थान से उनके पंचायत अध्यक्ष, महासचिव एवं उपस्थित अग्रगणमान्य बन्धुओं द्वारा उन्हे पुरस्कृत किया गया।
इनकी रही सेवा भागीदारी: व्यवस्था समिति- संजय अग्रवाल, दिनेष अग्रवाल, तरूण मंगल, शोभायात्रा समिति- अषोक अग्रवाल, दीपक मित्तल, मुकेष अग्रवाल, ध्वजारोहण, हवन एवं पूजा समिति- दिनेष अग्रवाल, नागरमल अग्रवाल, पारितोषिक वितरण समिति-इन्द्रा अग्रवाल, नीतू गुप्ता, आषा अग्रवाल, सुधा अग्रवाल, लीना अग्रवाल, मंच व्यवस्था एवं संचालन समिति - कुसुम मेड़तिया, वीणा अग्रवाल, गीता अग्रवाल, अमिता भण्डारी, शैलजा अग्रवाल कलष यात्रा समिति- रमा मित्तल, बबीता मंगल, दीपिका अग्रवाल, अंजना अग्रवाल, मंदाकिनी गर्ग जल व्यवस्था समिति- राकेष गर्ग, मुकेष अग्रवाल टेन्ट लाईट एवं माईक समिति- प्रदीप जैन, अषोक सिंघल प्रचार प्रसार समिति- नारायण अग्रवाल, गौरव बंसल, दिलीप अग्रवाल भोजन समिति- सुरेष अग्रवाल, रामचन्द्र सिंघल, रविकांत पौद्धार, नन्दलाल अग्रवाल, जगदीप मंगल, सुरेन्द्र अग्रवाल, षिवप्रकाष अग्रवाल, नीलकमल अग्रवाल, ऋषि अग्रवाल, हिम कुमार ऐरन ने सभी व्यवस्थाओं को एक माह के अथक परिश्रम लगन एवं निष्ठा से निष्पादित कर शोभायात्रा में चार की जगह चैदह चांद लगाने में कोई कसर नहीं रखी।
सभा के अंत में मुख्य जयंती संयोजक मदनलाल अग्रवाल, उपमुख्य संयोजक राजेष अग्रवाल  एवं स्वागत समिति अध्यक्ष कैलाषचन्द्र अग्रवाल, प्रकाषचन्द्र अग्रवाल, बृजमोहन अग्रवाल, जगदीष भण्डारी ने उपस्थित भारी अग्रसमुदाय का तहेदील से आभार एवं धन्यवाद प्रकट किया।
 


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