कोटा (डॉ. प्रभात कुमार सिंघल) | बूंदी के रोटेदा में जब बाढ़ पीड़ित 43 परिवारों के मुखियाओं को पट्टे मिले तो उनकी आंखों में चमक उठी। प्रशासन की इस त्वरित कार्रवाई और संवेदनशील रवैये से वे कृतज्ञता व्यक्त कर रहे थे। ग्रामीणों का कहना था कि इस कार्य से उनके बाढ़ में हर साल पीडित होने की समस्या का स्थाई हल निकल सकेगा।
बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए केशवरायपाटन क्षेत्र के रोटेदा गांव के बांशिदों के लिए 26 सितंबर का दिन खुशहाली की सुबह लेकर आया। गांव के ही 67 परिवार करीब एक सप्ताह से पानी की डूब में आने से बेघर हो जीवन यापन के लिए मजबूर हैं, जिनके दर्द में सहभागी बनते हुए जिला कलक्टर रुक्मणि रियार की पहल पर बनाई गई पुनर्वास योजना के तहत इन लोगों के नवीन आवासों के लिए गुरूवार को निःशुल्क पट्टे सौपे गए।
गुरूवार को पट्टा वितरण के लिए लगाए गए विशेष शिविर में 43 परिवारों को प्रधान प्रशांत मीणा, स्थानीय सरपंच, अतिरिक्त जिला कलक्टर राजेश जोशी, उपखण्ड अधिकारी दुर्गाशंकर मीणा, विकास अधिकारी रमेश मदान एवं तहसीलदार की मौजूदगी में पट्टे सौंपे गए। शेष परिवारों को 3 अक्टूबर को पट्टे सौपंे जाएंगे। गौरतलब है कि पानी की अधिक आवक के कारण गांव का बडा हिस्सा डूब में आने के कारण 67 परिवारों के आशियाने उजड़ गए। अब तक ये परिवार विद्यालय, अटल सेवा केन्द्र व अन्य राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं।
इन परिवारों की व्यथा को गहरी संवेदनशीलता के साथ लेते हुए जिला कलक्टर रुक्मणि रियार ने उपखण्ड अधिकारी को इन परिवारों के त्वरित विस्थापन के लिए त्वरित कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए थे। इस पर उसी संवेदनशीलता के साथ कार्य करते हुए उपखण्ड प्रशासन ने तुरंत प्रभाव से उंचाई वाले क्षेत्र में भूमि चिहिन्त कर तुरंत विस्थापन की कार्य योजना तैयार की। अतिरिक्त जिला कलक्टर राजेश जोशी ने बताया कि विस्थापित लोगों के पुनर्वास के लिए योजना जिला कलक्टर के माध्यम से उच्च स्तर पर स्वीकृति हेतु भेजी गई है। राज्य सरकार की स्वीकृति आने परयहां पीडित परिवारों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास निर्माण की योजना है। तहसीलदार गजेन्द्र सिंह ने बताया कि पट्टाधारकों को शुक्रवार को रजिस्ट्री के लिए उप रजिस्ट्रार कार्यालय में बुलाया गया है।