सात दिवसीय अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह प्रारम्भ

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Published on : 26 Sep, 19 15:09

दिनेश गोठवाल

सात दिवसीय अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह प्रारम्भ

उदयपुर आचार्य महाश्रमण के शिष्य मुनि प्रसन्न कुमार ने कहा कि शिक्षक वर्ग व्यक्ति निर्माण की रीढ तो विद्यार्थी वर्ग कच्ची मिट्टी के ढेला है। जिस प्रकार के घडे का निर्माण करना है,वह दोनों की योग्यता पर निर्भर करता है।

वे आज अणुव्रत समिति द्वारा भुवाणा स्थित मिकार्डो स्कूल में आयोजित अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के प्रथम दिन प्रेरणा दिवस के अवसर पर शिक्षक-विद्यार्थी वर्ग को संबोधित कर रहे थे। उन्हने कहा कि अणुव्रत वर्गीय आचार संहिता निर्माण का उर्वर रो माटे रियटन तैयार कर के आचार्य तुलसी ने जनता को परोसा। इसका उपयोग कर पीढी को संस्कारों से उन्नत बनाया जा सकता है।

उन्हने कहा कि अणुव्रत आन्दोलन आजादी के बाद करीब ७० वर्षो से व्यक्ति निर्माण, यानि चारित्रिक,नैतिक एवं मानवीय मूल्यों की पुनः प्रतिष्ठा का सघन प्रयास कर रहा है।

मुनि ने कहा कि प्रतिवर्ष अणुव्रत सप्ताह के माध्यम से इन मूल्यों का सघन प्रयास किया जाता है औैर तेरापंथ धर्म संघ की सभी संस्थाएं,साधु,साध्वी समाज से करीब ८०० से अधिक साधक निःस्वार्थ भावना से हजारों किमी. पैदल एवं श्रावक विदेशों म ७० वर्षो से निरन्तर कार्य कर रहे है। विद्यार्थियों के लिये अणुव्रत के अलग से नियम है, जिसमें कहा गया कि मैं परीक्षा में अवैधानिक उपयोग का सहरा नहीं लूंगा,चुनाव में अनैतिक आचरण नहीं करूंगा, मैं हिंसात्मक तोडफोड में भाग नहीं लूंगा,खान-पान की शुद्धि एवं विनम्र बना रहूंगा।

उप्न्हने कहा कि अणुव्रत ऐसा नियम है जिसमें केवल जीवन शुद्धि की बात कहीं जाती है। इस छोटी उम्र के विद्यार्थियों का समुचित विकास आवश्यक है। उन्हने बचचों से कहा कि भविष्य में किसी भी क्षेत्र में जायेंगे,वहंा अपने आदर्श जीवन की अमिट छाप छोडेंगे। इस छोटी उम्र का प्रशिक्षण दीर्घजीवी होता है।

इस अवसर पर विद्यालय के संस्थापक नरेन्द्र पोरवाल,अणुव्रत सिमति के नये अध्यक्ष डॉ. निर्मल कुणावत,सचिव डॉ. सुरेन्द्र छंगाणी, तेरापंथ सभाध्यक्ष सूर्यप्रकाश मेहता,पूर्व अध्यक्ष गणेश डागलिया,अरूण कोठारी,वर्तमान एवं निवर्तमान कार्यकर्ता मौजूद थे।अंत में आभार मीडिया प्रभारी राजेन्द्र सेन ने ज्ञापित किया।


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