राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने दी 50 लाख रूपये की सहायता राशि

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Published on : 23 Sep, 19 05:09

जलभराव से प्रभावित नागरिकों को राहत एवं पुनर्वास कार्य त्वरित गति से हों-राज्यपाल

राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने दी 50 लाख रूपये की सहायता राशि

कोटा (डॉ. प्रभात कुमार सिंघल) |   राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने शनिवार को जल भराव से प्रभावित कोटा संभाग के क्षेत्रों का एरियल सर्वेक्षण कर बचाव एवं राहत कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों के लिए राज्यपाल सहायता कोष से 50 लाख रूपये की सहायता राशि की घोषणा की। 
              राज्यपाल ने जयपुर से रवाना होकर एरियल सर्वेक्षण के द्वारा चम्बल एवं सहायक नदियों में जल भराव के कारण प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों एवं कोटा नगर निगम क्षेत्र का अवलोकन कर स्थानीय प्रशासन द्वारा चलाये जा रहे राहत एवं बचाव कार्य की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने बूंदी जिले के केशारायपाटन क्षेत्र में चम्बल नदी के किनारे के गांवों का सर्वेक्षण कर बारां जिले में परवन, कालीसिंध, सूखनी नदी के जलप्रवाह क्षेत्र में बसे हुए गांवों को देखा। उन्होंने झालावाड जिले में कालीसिंध एवं परवन नदी के प्रवाह क्षेत्र के गांवों में बाढ से हुए नुकसान एवं प्रशासन द्वारा किये जा रहे राहत कार्यों का भी जायजा लिया। राज्यपाल ने कोटा जिले में इटावा उपखण्ड क्षेत्र के गांवों तथा चम्बल किनारे दीगोद से कोटा नगर निगम क्षेत्र में जल भराव से प्रभावित बस्तियों का नजदीकी से एरियल सर्वेक्षण कर नुकसान का जायजा लिया। 
अधिकारियों की ली बैठक
            राज्यपाल के कोटा हवाई हड्डे पर पहुंचने पर संभागीय आयुक्त एल.एन. सोनी, जिला कलक्टर मुक्तानन्द अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव ने अगवानी की। एयरपोर्ट के लाउंज में उन्होंने अधिकारियों की बैठक लेकर जल भराव से प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा चलाये गये बचाव एवं राहत कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में आम नागरिकों को नुकसान के अनुसार समय पर सहायता राशि पहुंचाई जाये। लोगों के पुनर्वास एवं सामान्य जनजीवन के लिए आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता शीघ्रता से की जावे।  
           श्री मिश्र ने कहा कि सभी अधिकारी टीम भावना से कार्य कर रहे हैं, इसमें बजट की कोई कमी आने नहीं दी जायेगी। सरकारी स्तर के साथ-साथ स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं, सामाजिक संगठनों को भी प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने शुद्ध पेयजल एवं मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए पूर्व प्रबंध यथा दवाओं की उपलब्धता, जलजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए फोगिंग, ब्लीचिंग जैसे उपाय करने के निर्देश दिये। 
50 लाख की सहायता
            राज्यपाल ने हवाई अड्डे पर मीडिया से रूबरू होते हुए जल भराव से प्रभावित क्षेत्रों में राज्यपाल सहायता कोष से 50 लाख रूपये दिये जाने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि कोटा जिले के लिए 15 लाख, बूंदी के लिए 10 लाख, झालावाड के लिए 10 लाख, बारां जिले के लिए 5 लाख तथा धौलपुर जिले के लिए 10 लाख रूपये की सहायता राशि राज्यपाल सहायता कोष से दी गई है। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ/एसडीआरएफ नियमों के तहत प्रत्येक प्रभावित परिवार को सरकार द्वारा सहायता राशि उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा राज्यपाल सहायता कोष से जारी राशि आम नागरिकों को जनजीवन सामान्य करने में सहायक होगी। 
प्रशासन का कार्य सराहनीय
            राज्यपाल ने बताया कि संभाग में 385 गांव/बस्तियां प्रभावित हुई हैं। जिलों में राहत कार्यों के दौरान 103 आश्रय स्थलों में 88 हजार से अधिक भोजन पैकिट व अन्य राहत सामग्री का वितरण किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा कराये गये सर्वे के आधार पर अब तक 39 करोड़ रूपये से अधिक की सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान हुआ है, जिसके लिए सरकार द्वारा विभागों को बजट दिया जायेगा। 
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर प्रशासन को निर्देशित किया जा चुका है। आपदा की स्थिति में बचाव, राहत और पुनर्वास तीन प्रमुख कार्य होते हैं। तीनों स्तरों पर स्थानीय प्रशासन द्वारा जिस गति के साथ बचाव एवं राहत कार्य किये गये उससे जनजीवन सामान्य हुआ है, यह सराहनीय कार्य है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा पूर्व अनुमान के आधार पर जिलों में आपदा राहत कोष से राशि आवंटित कर दी गई थी। इससे आम लोगों को जल्दी राहत मिल सकी है। आपदा राहत विभाग द्वारा प्रभावित परिवारों को 3800 रूपये प्रति परिवार की सहायता राशि सीधे बैंक खातों में दी गई है। राज्य सरकार की यह पहल मानवता और संवेदनशीलता के आधार पर सराहनीय है। राज्यपाल ने आपदा की ऐसी स्थिति में सभी के निरन्तर सहयोग की अपेक्षा करते हुए कहा कि सामाजिक व धार्मिक संगठन भी सहयोग के लिए आगे आ रहे हैं, यह अच्छी परम्परा है। उन्होंनेे स्वयंसेवी संस्थाओं का आह्वान किया कि वे इस विषम परिस्थिति मंे लोगों की मदद के लिए आगे आयें। 
राज्यपाल श्री मिश्र ने कहा कि जल भराव वाले स्थानों से अब पानी निकल रहा है। इन स्थानों पर चिकित्सा और दवाईयों की व्यवस्था करनी होगी। साथ ही पीने के पानी की भी समुचित व्यवस्था करने के लिए उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिये हैं।
राहत कार्यों का एलबम भेंट
           आपदा राहत सचिव आशुतोष एटी पेडनेकर, संभागीय आयुक्त एल.ए.सोनी एवं जिला कलक्टर मुक्तानन्द अग्रवाल ने जिले में 13 सितम्बर से लगातार आपदा राहत एवं पुनर्वास के लिए किये जा रहे कार्यो की जानकारी देते हुए जिला प्रशासन द्वारा जल प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य तथा पुनर्वास के लिए अब तक किये गये कार्यों के छायाचित्रों का एलबम राज्यपाल को भेंट किया। संभागीय आयुक्त ने बताया कि संभाग में सेना की 4, एनडीआरएफ की 4, एसडीआरएफ की 13 एवं नागरिक सुरक्षा की 8 टीमें लगाई जाकर बचाव कार्य किया गया। उन्होंने बताया कि क्षतिग्रस्त मकानों का सर्वे कराया जा रहा है तथा शीघ्र ही इनका मुआवजा भी दिया जायेगा। बिजली व पानी आपूर्ति की सुचारू करने के युद्धस्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं। राज्यपाल ने प्रशासन द्वारा टीम भावना से किये गये कार्यों की सराहना करते हुए पुनर्वास कार्य को भी समयबद्ध कराने के निर्देश दिये। 


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