विधानसभा की पर्यावरण संबंधी समिति ने ली जिलाधिकारियों की बैठक

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Published on : 19 Sep, 19 07:09

प्रदूषण के मामले में भावी पीढ़ी के लिए अभी से सोचने की जरूरत है - अध्यक्ष

विधानसभा की पर्यावरण संबंधी समिति ने ली जिलाधिकारियों की बैठक

उदयपुर /  राजस्थान विधानसभा की पर्यावरण संबंधी समिति के अध्यक्ष अर्जुनलाल जीनगर ने कहा है कि बढ़ते औद्योगिकीकरण के कारण वर्तमान में जल, हवा, मिट्टी सब प्रदूषित हो रहे और यह हमारी भावी पीढ़ी के लिए चिन्ता का विषय है, इसके लिए अभी से सोचने की जरूरत है।
वे बुधवार को यहां जिला परिषद सभागार में जिला स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए संबोधित कर रहे थे।
बैठक में समिति अध्यक्ष के साथ सदस्य किसनाराम विश्नोई, हमीरसिंह भायल, खुशवीरसिंह,  महेन्द्रसिंह विश्नोई, उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, मावली विधायक धर्मनारायण जोशी, झाड़ौल विधायक बाबूलाल खराड़ी, जिला प्रमुख शांतिलाल मेघवाल, नगर निगम आयुक्त अंकित कुमार सिंह, अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) संजय कुमार व समस्त संबंधित विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
उन्होंने पर्यावरण के क्षेत्र के कार्यरत विभागों एवं संस्थाओं को समन्वय से कार्य करने को कहा तथा औद्योगिक क्षेत्रों से निकलने वाले जल एवं धुएं के प्रभावी निस्तारण पर जोर दिया। उन्होंने उद्योगों को विकास की दृष्टि जरूरी बताया पर इसमें भी प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों को आबादी से दूर स्थापित करने की बात कही। उन्होंने कहा हम चाहते है कि सुरक्षित जीवन के साथ हम आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित व संतुलित वातावरण व परिवेश प्रदान करें तो इसके लिए जागरूक होकर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता जताई। उन्होंने मानव जीवन के साथ पशुओं के लिए भी शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की बात कही तथा कहा कि संबंधित औद्योगिक संस्था द्वारा 1 वर्ष से पानी से प्रभावित गांवों में एटीएम लगवा दिये जाए जिससे पेयजल की सुलभता हो सके।
बैठक दौरान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी बी.आर. पंवार ने जिले में औद्योगिक संस्थाओं की स्थिति और प्रदूषण फैलाने पर की जाने वाली कार्यवाही के बारे में बताया। उन्होंने प्रदूषण रोकने के लिए किए जा रहे ऐहतियातन उपायों और इसकी मॉनिटरिंग के लिए की गई व्यवस्था के बारे में बताया।
गंभीरता से जांच करने के निर्देश:
बैठक में समिति सदस्यों ने जिले में विविध उद्योगों के प्रदूषण से प्रभावित क्षेत्रों की समीक्षा की और उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, मावली विधायक धर्मनारायण जोशी व अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा शिकायत किए जाने पर समिति अध्यक्ष जीनगर ने हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड की डाउनस्ट्रीम में प्रभावित भूजल वाले सभी गांवों के निजी कुओं, हेण्डपंप, ट्यूबवेल आदि की विस्तृत सर्वे व जांच करने के लिए पीएचईडी, भूजल विभाग, कृषि, चिकित्सा व पशुपालन विभाग को निर्देश दिए तथा कहा कि यह पता लगावें कि यहां का पेयजल मनुष्यों के साथ पशुओं के लिए अनुकूल है या नहीं तथा इनके प्रदूषण से फसलें प्रभावित तो नहीं हो रही हैं।  उन्होंने रिपोर्ट एक माह में भेजने को भी कहा। इस दौरान उदयपुर ग्रामीण विधायक मीणा ने सेरिंग डेम क्षेत्र में प्रदूषण से गायों की मौत से उत्पन्न स्थितियों व मावली विधायक जोशी ने 2016 के बाद पेयजल की जांच नहीं किए जाने के तथ्य को उद्घाटित किया तो समिति अध्यक्ष ने दोनों ही प्रकरणों मंे संबंधित विभागीय अधिकारियों से जानकारी लेकर कार्यवाही के निर्देश दिए।
सीएसआर मद इसी क्षेत्र में हो व्यय:
बैठक में समिति द्वारा जिले में विभिन्न उद्योगों द्वारा सीएसआर मद से किए जाने वाले व्यय की समीक्षा की और अन्य क्षेत्रों में इस मद के उपयोग पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जिस क्षेत्र में उद्योग स्थापित है उसी क्षेत्र में इस मद से व्यय किया जावें ताकि प्रभावित लोगों को इसका पूरा-पूरा लाभ प्राप्त हो।
आयड़ को सुंदर बनाओ:
बैठक में समिति अध्यक्ष जीनगर ने आयड़ नदी की स्थिति की समीक्षा और इसे सुंदर बनाने के लिए की जा रही कार्यवाही के बारे में पूछा। इस पर नगर निगम आयुक्त अंकित कुमार सिंह ने बताया कि इसमें जो नाले गिर रहे हैं उसके लिए दो ट्रंक लाईन डाली जा रही है वहीं इसमें सफाई का कार्य नगरनिगम और यूआईटी द्वारा लगातार किया जा रहा है। उन्होंने स्मार्ट सिटी के तहत इसे सुंदर बनाने का प्रोजेक्ट लिए जाने व इसकी टेण्डर प्रक्रिया जारी होने की बात भी कही।    
एनएच निर्माण में काटे पेड़ों के स्थान पर लगाओ पेड़:
बैठक में समिति सदस्य महेन्द्र सिंह विश्नोई ने नेशनल हाईवे निर्माण के लिए बड़ी संख्या में पेड़ काटने के लिए प्राप्त की गई अनुमति के बारे में विभागीय अधिकारियों से जानकारी ली तथा उन्हें प्रावधानों के अनुसार स्थानीय प्रजातियों के पेड़ लगाने को कहा। उन्होंने नेशनल हाईवे के निर्माण में प्रयुक्त बजरी के मामले में भी खनि अभियंता को जांच करने के निर्देश दिए।
ये निर्देश भी दिए गए:
समीक्षा बैठक में अध्यक्ष व सदस्यों ने नवीन उद्योग स्थापना पर 33 प्रतिशत क्षेत्र में पेड़ लगाने, ओगणा क्षेत्र में माईंस से हो रही बीमारी पर जांच करने, बायोमेडिकल वेस्ट के प्रावधानों के अनुसार निस्तारण करने, हेवी ब्लास्टिंग नहीं करने, सड़क किनारे ईट भट्टों को स्थापित नहीं करवाने, मिठाई के उपर लगे वर्क में प्रयुक्त सामग्री की जांच करने के भी निर्देश दिए।  
इस पर भी हुई चर्चा:
बैठक में नदियों में लिक्विड वेस्ट प्रदूषण रोकने, स्टोन से निकलने वाली स्लरी वेस्ट का सुरक्षित निस्तारण, बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण, शहरों के आस-पास मिट्टी क्रेशर से होने वाले प्रदूषण, ईट-भट्टे से होने वाले प्रदूषण, औद्योगिक इकाइयों द्वारा व खनन क्षेत्र में होने वाले प्रदूषण के संबंध में चर्चा व टर्म्स एण्ड कंडिशन के अनुसार पौधारोपण, वृक्षारोपण, जिले के शहरों व ग्रामीण क्षेत्रों में राशन वितरण व्यवस्था व बायोमैट्रिक मशीन का प्रयोग, जलग्रहण व जल स्वावलंबन के संबंध में, शिक्षण संस्थाओं में पौधारोपण, राष्ट्रीय राजमार्ग पर टर्म्स एण्ड कंडिशन के आधार पर पौधारोपण सहित पर्यावरण से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा की गई।
दिलाई शपथ
बैठक के दौरान अध्यक्ष ने समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पर्यावरण सुरक्षित रखने एवं भावी पीढ़ी को सुख भविष्य प्रदान करने की शपथ दिलाई।


साभार :


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