पिछली नीलामियों में जो स्पेक्ट्रम बिक नहीं पाया उसकी वजह से सरकार को 5.4 लाख करोड़ रपए का आर्थिक नुकसान हुआ है।उद्योग संगठन ब्राडबैंड इंडिया फोरम (बीआईएफ) ने यह दावा किया है। बीआईएफ ने सरकार से आगामी 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी में रेडियो तरंगों की पर्याप्त उपलब्धता और ‘‘उचित कीमत’ सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। बीआईएफ ने कहा कि 5जी स्पेक्ट्रम का आरक्षित मूल्य काफी ऊंचा है। अन्य देशों की तुलना में यह चार गुना तक अधिक है। इसमें तत्काल संशोधन करने की जरूरत है। बीआईएफ ने बयान में कहा कि भारत में स्पेक्ट्रम की नीलामी या सफलता सिर्फ एक कारक- कीमत पर निर्भर करती है। उद्योग संगठन का यह बयान डिजिटल संचार आयोग (डीसीसी) की इस सप्ताह होने वाली महत्वपूर्ण बैठक से पहले आया है। इस बैठक में स्पेक्ट्रम नीलामी के विभिन्न तौर तरीकों और स्पेक्ट्रम की कीमत को अंतिम रूप दिया जाना है। 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी चालू वित्त वर्ष में ही होने की उम्मीद है।बयान में कहा गया है कि मोबाइल स्पेक्ट्रम की प्रत्येक विफल नीलामी के कई प्रभाव होते हैं।