चम्बल रिवर फ्रंट परियोजना से नहीं बनेंगे बाढ़ के हालात-मुख्यमंत्री

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Published on : 17 Sep, 19 09:09

बाढ़ के हालातों को देख कर नए सिरे से तैयार होगा प्रोजेक्ट-धारीवाल

चम्बल रिवर फ्रंट परियोजना से नहीं बनेंगे बाढ़ के हालात-मुख्यमंत्री

कोटा (डॉ. प्रभात कुमार सिंघल) |   मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोटा में चम्बल के डाउन स्ट्रीम में प्रस्तावित चम्बल रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट से शहर में बाढ़ के हालात नहीं बनेंगे। कहा यह एक अच्छी योजना है जिस से कोटा की जनता को लाभ मिलेगा।  वे बाढ़ का हवाई सर्वे के बाद पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा इस योजना के फायदों को जनता को बताएं।

     नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि बाढ़ के हालातों को देख कर इस परियोजना को नए सिरे से इस प्रकार से डिजाईन किया जाएगा कि नदी का पानी कभी शहर में नहीं आये। उन्होंने बताया कि नदी किनारे एवं बहाव क्षेत्र के सभी अतिक्रमण हटाये जाएंगे। नहर एवं नालों के अवैध कब्जे भी ध्वस्त किये जायेंगे। परियोजना की जद में आने वाले परिवारों का पुनर्वास किया जाएगा।

        धारीवाल ने बताया कि बैराज बनने के बाद चौथी बार यह स्थिति बनी है।पहले 1977,1986 और 2006 में बाढ़ आ चुकि है। बाढ़ से चम्बल के दोनों किनारों खाई रोड होते हुए  डडवाड़ा   एवं थर्मल से बलिता तक हालात खराब होते हैं।अभी भी करीब 2 हज़ार मकान पानी में हैं। लोगो को यहां से निकाल कर रहने एवं खाने-पीने की व्यवस्था की गई हैं। चम्बल रिवर फ्रंट बनने पर यहां ये हालात नहीं बनेंगे।

       उन्होंने बताया कि परियोजना टीम ने प्रोजेक्ट क्षेत्र का इस दृष्टि से  आज निरीक्षण किया है। टीम ने माना कि दीवार तो ऊँची बन जायेगी पर निचले क्षेत्र में बसे लोगों को यहां से हटाना होगा।जयपुर के वास्तुकार अनूप भरतिया ने यूआईटी अधिकारियों के साथ बैराज के सभी 19 गेट खोले जाने पर हालातों का जायजा लिया।

             उल्लेखनीय है कि चम्बल नदी के किनारे बैराज से लेकर नयापुरा पुलिया तक 500 करोड़ रुपये की  रिवर फ्रंट योजना में  करीब 6 किलोमीटर में हेरिटेज लुक के साथ मुगल गार्डन की तर्ज पर खूबसूरत पर्यटक स्थल बनाया जाएगा। इस के बीच के नालो को डायवर्ट कर अलग से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बना कर उस मे डाला जाएगा। यह फ्रंट गोमती एवं सावरमती नदियों के फ्रंट से अधिक आकर्षक होगा।


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