मुख्यमंत्री ने जलभराव प्रभावित जिलों का किया एरियल सर्वे

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Published on : 17 Sep, 19 09:09

नुकसान का जल्द आकलन कर राहत पहुंचाने के निर्देश,लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने लिया जायजा

मुख्यमंत्री ने जलभराव प्रभावित जिलों का किया एरियल सर्वे

(डॉ. प्रभात कुमार सिंघल) |   मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में जलभराव प्रभावित कोटा, बूंदी, झालावाड़, करौली तथा धौलपुर जिलों का सोमवार को एरियल सर्वेक्षण किया और इन क्षेत्रों में फसलों, जन-धन, पशुओं तथा सार्वजनिक एवं निजी सम्पत्ति को हुए नुकसान का शीघ्र आकलन कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। सहायता मंत्री एवं यूडीएच मंत्री  शांति धारीवाल, एवं सहायता मंत्री भंवरलाल मेघवाल भी साथ थे । इधर

 लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सोमवार को सुबह कोटा पहुँचे और प्रभावित परिवारों से मिले।
     मुख्यमंत्री ने कहा कि हुए नुकसान का सर्वे करके जो भी संभव होगा हमारी सरकार पूरी मदद करेगी। उन्होंने जिलों में प्रभारी सचिवों तथा जिला कलक्टरों से राहत कार्यों की जानकारी ली और निर्देश दिए कि राहत और बचाव कार्यों में कोई कमी नहीं आने दी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार संकट की इस घड़ी में जनता के साथ खड़ी है। जल्द से जल्द हालात सामान्य हो यह हमारी प्राथमिकता है। 
          मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में अप्रत्याशित रूप से भारी वर्षा तथा गांधीसागर बांध से छोड़े गए पानी से चम्बल नदी के बहाव वाले प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी है। राज्य सरकार इस स्थिति को लेकर मध्यप्रदेश की सरकार और केन्द्र सरकार के साथ सम्पर्क में है। अब बारिश में कमी आई है। उम्मीद है जल्द ही हालात सामान्य होंगे। 
उन्होंने कहा कि मैंने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ से रविवार को ही उत्पन्न स्थिति के बारे में चर्चा की थी। शनिवार को प्रभारी सचिवों को प्रभावित जिलों में भेज कर राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी के निर्देश दिए गए थे। साथ ही एसडीआरफ की टीमें मौके पर भेज दी गईं थी। जरूरत पड़ने पर सेना की मदद भी ली गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि राणाप्रताप सागर तथा बीसलपुर बांध सहित सभी बांध सुरक्षित है इनके टूटने की आशंका निराधार है।
        
कोटा में ली अधिकारियों की बैठक
          अशोक गहलोत ने कोटा के एयरपोर्ट लाउंज में अधिकारियों के साथ राहत कार्याें की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि पानी भराव वाले आवासीय क्षेत्रों से नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाकर भोजन, आवास एवं मूलभूत सुविधाओं की माकूल व्यवस्थाएं की जायें। फसलों, आवासों एवं पशुओं आदि को हुए नुकसान का तत्काल सर्वे करायें तथा सुनिश्चित करें कि कोई भी पात्र व्यक्ति छूटे नहीं। पानी की निकासी होते ही पेयजल, विद्युत एवं सडक जैसी मूलभूत सुविधाओं को तुरंत बहाल किया जाये। 
      उन्होंने निर्देश दिए कि नुकसान का आकलन कर आपदा राहत के नियमानुसार तत्काल प्रस्ताव बनाकर सरकार को भिजवाये जायें ताकि समय पर प्रभावितों को राहत मिल सके। उन्होंने प्रभारी अतिरिक्त मुख्य सचिव पी.के. गोयल तथा जिला कलक्टर मुक्तानन्द अग्रवाल से एसडीआरएफ तथा सेना द्वारा यहां किए जा रहे राहत कार्याें की जानकारी ली। अधिकारियो ने बताया कि पांच हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहंुचाया गया है और राहत शिविरों में लगभग 2,500 लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई है। 
         मुख्यमंत्री ने चिकित्सा विभाग को संभावित बीमारियों की रोकथाम के लिए निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राहत कार्यों के प्रबंधन में जिला प्रशासन, सेना, पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ ने सराहनीय कार्य किया है, इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं।
लोकसभा अध्यक्ष पहुंचे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों मे
       लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सोमवार को सुबह टेªन से अपने एक दिवसीय प्रवास पर रेल्वे स्टेशन पहुंचे। उन्होंने हाडौती में हुई भारी वर्षा एवं विगत 2-3 दिनों से लगातार बांधों से पानी की निकासी किये जाने से शहर की निचली बस्तियों में पानी भर जाने से प्रभावित नागरिकों से सीधे रूबरू हुए और प्रभावित क्षेत्रों का जायजा भी लिया। लोकसभा अध्यक्ष सर्वप्रथम खेडली फाटक स्थित नंदाजी की बाडी में पहुंचे जहां उन्होंने नाव में सवार होकर प्रभावित बस्तियों का पुलिस, बचाव राहत कार्यो में लगे अधिकारियों एवं प्रतिनिधियों के साथ मौका निरीक्षण किया। उन्होंने नंदाजी की बाडी स्थित आश्रय स्थल पर भी पहुंचकर नागरिकों के हाल जाने । 
       उन्होंने आश्रय स्थल पर व्यवस्थाओं का भी बारिकी से जायजा लिया। उन्होंने आश्रय स्थल पर मूलभूत सुविधा यथा भोजन, पानी, बिस्तर आदि पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जब तक स्थिति ठीक नहीं हो जाती हैं तब तक इसे निरंतर बनाये रखा जावे। साथ ही उन्होंने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के जवानों द्वारा जो आपदा के समय बचाव राहत कार्य किया जा रहा हैं उसकी सराहना की और इसे स्थिति सामान्य होने तक जारी रखने की बात कही। उन्होंने केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार स्तर से नागरिकों को हरंसभव मदद दिलाने का आश्वासन भी दिया। 
यहां किया मौंका निरीक्षण
        लोकसभा अध्यक्ष ने सोमवार को नंदाजी की बाडी, खण्ड गांवडी, नयापुरा हरिजन बस्ती, बालिता बापू नगर आदि जलभराव वाले क्षेत्रों का मौका निरीक्षण किया। उन्होंने जलभराव वाले क्षेत्रों में प्रशासन की ओर से बनाये गये अस्थाई आश्रय स्थलों का भी मौका निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का बारिकी से जायजा लिया। साथ ही उन्होंने आश्रय स्थलों पर निरन्तर रूप से गुणवत्तायुक्त भोजन उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये। 
चिकित्सकीय टीम लगाई जावे
         लोकसभा अध्यक्ष ने जिला प्रशासन द्वारा बनाये गये अस्थाई आश्रय स्थलों पर चिकित्सकीय टीम मय नर्सिग स्टाफ के साथ पृथक-पृथक पारी में लगाये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि चिकित्सकीय टीम में महिला-पुरूष की संयुक्त टीम बनाकर आश्रय स्थलों पर लगाई जाये जिससे नागरिकों को उपचार में कोई भी दिक्कत नहीं आवे।
उन्होंनेे सभी आश्रय स्थलों पर दवाइयों की पर्याप्त मात्रा मंे पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने के  निर्देेेश दिये ताकि नागरिकों के स्वास्थ्य का परीक्षण एवं दवाइयों की सुविधा स्थानीय स्तर पर ही मिल सके। उन्होंने इस कार्य को प्राथमिकता से पूरा करने के निर्देश दिये। इस अवसर पर कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा, केशवरायपाटन की विधायक चन्द्रकांता मेघवाल, सांगोद के पूर्व विधायक हीरालाल नागर सहित पुलिस एवं प्रशासन से जुडे जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे। 

साभार : डॉ. प्रभात कुमार सिंघल


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