नेत्रदान पखवाड़े के समापन पर,सोमवार को यातायात विभाग के 100 से अधिक पुलिस कर्मियों के साथ शाइन इंडिया फाउंडेशन के सदस्यों ने नेत्रदान-अंगदान के विषय पर जागरूकता कार्यशाला की ।
संस्था सदस्यों ने बताया कि किसी भी तरह की दुर्घटना या तबियत ख़राब होने की स्तिथी में,सभी चिकित्सक,मरीज़ या घायल व्यक्तियों को बचाने की, अपनी पूरी कोशिश करते है। एक समय के बाद जब काफ़ी कोशिश के बाद मरीज़ को बचा नहीं पाते हैं, तो उसकी मृत्यु की सूचना न सिर्फ सम्बंधित थानों पर आती है,बल्कि रोड पर होने वाली दुर्घटनाओं में मृत्यु की सूचना ट्रैफिक विभाग को भी आती ही है । अति-गंभीर घायल व्यक्तियों के बारे में भी यातायात पुलिस को सारी जानकारी रहती है । इस तरह से कभी कोई मृत्यु की सूचना आने पर,यदि यातायात विभाग के पुलिसकर्मी अपनी ओर से थोड़ी समझाईश नेत्रदान के बारे में शोकाकुल परिवार से करें,या यही सूचना शाइन इंडिया के सदस्यों तक किसी तरह से पहुँचाने की करें तो,उनके प्रतिनिधि भी समय पर नेत्रदान के लिये काउंसलिंग करके यह नेक कार्य सम्पन्न करा सकते है ।
कार्यशाला के दौरान नेत्रदान से जुड़ी बहुत सी भ्रांतियों पर भी संस्था सदस्यों ने अपने विचार रखे । कार्यशाला के बाद ट्रैफिक इंस्पेक्टर नीरज गुप्ता सहित कई लोगों ने नेत्रदान के संकल्प पत्र भरे।