उदयपुर, भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर । संस्था के मानद सचिव दौलत सिंह पोरवाल ने बताया कि भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर अपनी स्थपना से ही लोक कलाओं के प्रचार - प्रसार के साथ ही लोक कलाओं को आमजन तक पहुचॉने के उद्धेष्य से कार्यरत है ।
उन्होंने बताया कि भारतीय लोक कला मण्डल एवं आदिम जाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान, उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में मेवाड अंचल का प्रसिद्ध गवरी नृत्य समारोह दिनांक ११ से १३ सितम्बर २०१९ के मध्य भारतीय लोक कला मण्डल में किया जा रहे है ।
निदेषक डॉ. लईक हुसैन ने बताया कि जैसा कि सभी जानते है की मेवाड अंचल के भील जनजाति समाज द्वारा अपनी बहनों, बेटियों कि समृद्धि, शान्ती तथा पशुधन की सम्पन्नता की कामना को दृष्टिगत् रखते हुए राखी के दूसरे दिन से ४० दिन तक माँ गौरी की आराधना में गवरी नृत्य नाट्य का पारम्परिक आयोजन किया जाता है । जिसमें गवरी के कलाकार प्रण लेते हैं कि वो ४० दिन तक मांस, मदीरा एवं हरी सब्जियों का उपयोग नहीं करेगें और माँ गौरी से प्रार्थना करेंगे की उनकी बहने, बेटियाँ और उनका परिवार उनका पशुधन खुशहाल रहें ।
उन्होने बताया कि उक्त गवरी समारोह में दिनांक ११ सितम्बर २०१९ को मांगीलाल गमेती, गाँव परापड की भागल, पंचायत रामा - बडगाँव दिनांक १२ सितम्बर २०१९ को किशनलाल खराडी गाँव सिन्दोती- रामा एवं दिनांक १३ सितम्बर २०१९ को अमित गमेती एवं दल ब्राम्हणों का वडा, मदार - बडगाँव भाग लेंगें ।
आदिम जाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान, उदयपुर के निदेषक, दिनेश चन्द्र जैन ने बताया की इसी श्रृंखला में दिनांक १८,१९, २० सितम्बर २०१९ को सहेलियों की बाडी में गवरी नृत्य का आयोजन रखा गया है ।